ताज़ा खबरें
एलजी ने सीएम आतिशी को केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ बताया
कैशकांड पर विनोद तावड़े ने राहुल-खड़गे-श्रीनेत को भेजा कानूनी नोटिस

वाशिंगटन: अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रचार अभियान चरम पर है। इसी बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी यहूदियों से बड़ा दावा किया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, ट्रंप ने कहा कि यदि चुनाव जीतकर कमला हैरिस व्हाइट हाउस में पहुंच जाती हैं, तो इजरायल का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। गुरुवार को लास वेगास में यहूदियों की एक सभा को संबोधित करते हुए ट्रंप ने ये बातें कहीं। ट्रंप ने कहा, 'मैं आपके साथ रहकर यह सुनिश्चित करूंगा कि इजरायल हमारे साथ हजारों सालों तक रहे, अगर वह (कमला हैरिस) राष्ट्रपति बन जाती हैं तो आपके पास इजरायल नहीं रह जाएगा।'

दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से यहूदी मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। यहूदी सम्मेलन में डेमोक्रिटिक प्रतिद्वंदियों का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा 'मुझे एक बात नहीं समझ आती कि आप उनका समर्थन कैसे करते हैं? मैं हमेशा से कहता रहा हूं कि अगर आप यहूदी हैं और उनका समर्थन करते हैं तो आपको अपने दिमाग की जांच करानी चाहिए, वे आपके साथ बहुत बुरे हैं।'

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर एक अमेरिकी इतिहासकार ने कहा है कि अमेरिका की अगली राष्ट्रपति कमला हैरिस होंगी। इस इतिहासकार को "इलेक्शन नास्त्रेदमस" के तौर पर भी जाना जाता है।

अमेरिकी इतिहासकार प्रोफेसर एलन लिक्टमैन अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के नतीजे की भविष्यवाणी चुनावों और सर्वे के आधार पर नहीं, बल्कि 1981 में अपने भूभौतिकीविद् मित्र व्लादिमीर केइलिस-बोरोक के साथ विकसित की गई "13 कुंजियों" के आधार पर करते हैं।

इनमें इनकंबेंसी, मध्यावधि लाभ, तीसरे पक्ष के उम्मीदवार, अल्पकालिक अर्थव्यवस्था, दीर्घकालिक अर्थव्यवस्था, सामाजिक अशांति, व्हाइट हाउस घोटाला, मौजूदा और चुनौती देने वाले करिश्मा, विदेश नीति की विफलता और सफलता जैसे मेट्रिक्स शामिल हैं। अमेरिकी इतिहासकार के मुताबिक, जिन 13 कसौटियों पर वह राष्ट्रपति उम्मीदवारों को कसते हैं, उनमें से 8 में कमला हैरिस अव्वल हैं। इस वजह से इस बार के चुनाव में उनके जीतने की संभावना बन रही है।

सिंगापुर: भारत और सिंगापुर ने बृहस्पतिवार को कहा कि आतंकवाद शांति और स्थिरता के लिए ‘‘सबसे बड़ा एकल खतरा’’ बना हुआ है। उन्होंने सभी तरह के आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए मजबूत प्रतिबद्धता जताई।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सिंगापुर की दो दिवसीय यात्रा के दौरान जारी एक संयुक्त बयान में, दोनों देशों ने इस बात पर भी जोर दिया कि ‘‘किसी भी आधार पर आतंकी कृत्यों को किसी भी तरह उचित नहीं ठहराया जा सकता।’’

चीन पर परोक्ष हमले में, समृद्धि और सुरक्षा के बीच संबंध को रेखांकित करते हुए नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार दक्षिण चीन सागर में नौवहन और उसके ऊपर उड़ान की स्वतंत्रता के महत्व की पुष्टि की।

भारत और सिंगापुर ने बृहस्पतिवार को अपने द्विपक्षीय संबंधों को ‘‘व्यापक रणनीतिक साझेदारी’’ तक बढ़ाया और सेमीकंडक्टर में सहयोग सहित चार समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। मोदी सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के आमंत्रण पर यहां आए थे।

बंदर सेरी बेगवान: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसनल बोलकिया के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि भारत और ब्रुनेई ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत निरंतर नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।

बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के ब्रुनेई में स्थापित टेलीमेट्री ट्रैकिंग एवं टेलीकमांड (टीटीसी) केंद्र को जारी रखने के लिए ब्रुनेई दारुस्सलाम की भरपूर सराहना की। इस केंद्र से भारत को अंतरिक्ष के क्षेत्र में जारी उसके प्रयासों में मदद मिली। संयुक्त बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी, ब्रुनेई के सुल्तान ने संयुक्त अभ्यास के जरिए रक्षा एवं समुद्री सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया।

बयान के अनुसार, ‘‘दोनों नेताओं ने शांति, स्थिरता, समुद्री रक्षा और सुरक्षा को बनाए रखने एवं बढ़ावा देने के साथ नौवहन एवं उड़ान की स्वतंत्रता का सम्मान करने एवं अंतरराष्ट्रीय कानून विशेष रूप से समुद्री कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीएलओएस) 1982 के अनुरूप निर्बाध वैध व्यापार की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।’’

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख