लखनऊ: प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) में निरुद्ध बहुचर्चित भीम सेना के मुखिया चंद्रशेखर उर्फ रावण की समयपूर्व रिहाई करने का फैसला किया है। उनके साथ जेल में निरुद्ध दो अन्य आरोपियों को भी समय पूर्व रिहा किया जाएगा। सरकार ने यह फैसला चंद्रशेखर की मां की ओर से दी गई अर्जी पर सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए किया है। इस फैसले के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चंद्रशेखर उर्फ रावण की रिहाई के संबंध में उनकी माता का प्रत्यावेदन शासन को मिला था।
इस प्रत्यावेदन और वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए रावण को निरुद्ध की अवधि एक नवंबर 2018 से पहले रिहा करने का फैसला किया गया है। चंद्रशेखर उर्फ रावण सहारनपुर जिले के फतेहपुर थाना क्षेत्र स्थित हरिजन कॉलोनी में गली नंबर दो का रहने वाले हैं। इसके साथ ही सहारनपुर के बड़गांव थाना क्षेत्र स्थित शब्बीरपुर गांव के दो अन्य सोनू पुत्र नाथीराम और शिव कुमार पुत्र रामदास को भी समयपूर्व रिहा करने का फैसला किया गया है।
इन दोनों की निरुद्ध अवधि 14 अक्टूबर 2018 तक थी। तीनों की रिहाई के संबंध में जिलाधिकारी सहारनपुर को निर्देशित कर दिया गया है।
मई 2017 में वर्ग संघर्ष में दर्ज मुकदमे एवं तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए कुल छह व्यक्तियों के विरुद्ध रासुका की कार्रवाई जिलाधिकारी सहारनपुर द्वारा की गई थी। इसमें से तीन व्यक्तियों सोनू उर्फ सोनपाल पुत्र राजेन्द्र, सुधीर पुत्र तेलू और विलास उर्फ राजू पुत्र श्याम सिंह निवासी अम्बेहटा चांद थाना बड़गांव सहारनपुर की रिहाई 6 / 7 सितंबर 2018 को ही की जा चुकी है। शेष तीन व्यक्तियों की रिहाई का फैसला अब किया गया है।