लखनऊ: एससी-एसटी ऐक्ट में बदलाव के विरोध में गुरुवार को देशभर में व्यापक असर देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में जहां कहीं-कहीं जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन हुआ वहीं कई जगहों पर फायरिंग भी हुई। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में जहां जबरदस्त विरोध-प्रदर्शन, आगजनी, तोड़फोड़ की गई वहीं पश्चिम यूपी में आगरा को छोड़ अपेक्षाकृत कम असर दिखाई दिया। आगरा में आंन्दोलन हिंसक हो गया। यहां 12 लोग घायल हो गए। वाराणसी में भी तोड़फोड़ और फायरिंग की गई। लखनऊ में बंद का असर दिखाई दिया। प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर गए और बाजार बंद कराए।
आगरा में बंद के दौरान हिंसा, एक दर्जन घायल
आगरा में बंद पूरी तरह सफल रहा। शहर में जहां जाम और प्रदर्शन हुए वहीं बंद के दौरान ग्रामीण अंचल में हिंसा भड़क गई। दुकानें बंद कराने को लेकर पिनाहट में दो वर्ग के लोगों के बीच जमकर पथराव हुआ। करीब एक दर्जन लोग घायल हुए हैं। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़कर उपद्रवियों को शांत किया। धनौली में भी बंद समर्थकों और विरोधियों के बीच टकराव हुआ। शमसाबाद के ग्राम नरीपुरा में असामाजिक तत्वों ने डा. आंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया। यहां दलित समाज के लोगों ने हंगामा किया।
यमुना एक्सप्रेस वे और आगरा-अलीगढ़ हाईवे पर बंद समर्थकों ने वाहनों पर पथराव किया। रोडवेज बस सहित आधा दर्जन वाहनों में तोड़फोड़ की। एसडीएम की जीप पर भी पथराव किया। सैंया में आगरा-ग्वालियर हाईवे पर दो बार जाम लगाया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई। पथराव होने पर पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी। बंद समर्थकों ने सुबह भदरौली के पास आगरा-इटावा रेल ट्रैक कब्जा लिया। कुछ देर के लिए इटावा पैंसेंजर को रोका। कुबेरपुर में भीड़ ने तूफान एक्सप्रेस को करीब बीस मिनट तक रोके रखा। आगरा महानगर में प्रमुख बाजार और एमजी रोड बंद रहे। वाहनों की आवाजाही काफी कम रही। एमजी रोड पर दोपहर में कई जगह जाम लगाया।
कानपुर, फर्रुखाबाद बांदा में ट्रेन रोकी
कानपुर, फर्रुखाबाद, हमीरपुर और बांदा में ट्रेनें रोकने पर प्रदशर्नकारियों की आरपीएफ से झड़प हुई । बुन्देलखण्ड के चित्रकूट में जबरदस्त प्रदर्शन के दौरान झांसी-मिर्जापुर नेशनल हाईवे भी जाम किया गया। उरई में सपा और कांग्रेस के साथ सत्ताधारी दल के लोग भी प्रदर्शन में उतरे। वहीं, हमीरपुर और बांदा में भी प्रदर्शन कर कई गैर राजनीतिक संगठनों ने आवाज बुलंद की। कानपुर में प्रदर्शनकारियों ने पनकी में आगरा इंटरसिटी रोक कर नारेबाजी की। कई जगह व्यापारियों ने ज्ञापन भी सौंपा। कल्याणपुर, मंधना, चौबेपुर, चकेरी, कलक्टरगंज समेत अन्य बाजार बंद कराए गए। दवा बाजार में बंदी का कोई असर नही दिखा। कानपुर सेंट्रल स्टेशन, बस स्टैंड समेत अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भारी फोर्स तैनात रही।
गोरखपुर में बाजार बंद, नारेबाजी
गोरखपुर में दुकानें बंद रहीं। राष्ट्रवादी संगठन के कार्यकर्ताओं ने अपनी बनियाइन के ऊपर स्लोगन लिखकर प्रदर्शन किया। शिक्षा विभाग के कार्यालयों में सन्नाटा दिखा। कुछ डाक्टरों और पेट्रोल पम्प मालिकों ने स्वत: स्फूर्त ढंग से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे थे। कुशीनगर से बंद आंशिक रहा। देवरिया में भी बंद समर्थकों ने जगह-जगह प्रदर्शन किए। संत विनोबा डिग्री कालेज के छात्रों ने प्रदर्शन किया और कलेक्ट्रेट पर ज्ञापन दिया। अधिवक्ताओं ने भी प्रदर्शन किया। संतकबीरनगर में बंद समर्थकों ने जगह-जगह जुलूस निकालकर प्रदर्शन किए। बालूशासन में केंद्र सरकार का पुतला फूंका।
वाराणसी और बलिया में आगजनी
फायरिंग बंद का बनारस समेत पूरे पूर्वांचल में व्यापक असर दिखा। बनारस और बलिया में विरोध-प्रदर्शन के दौरान आगजनी और तोड़फोड़ हुई। बलिया में बंद समर्थक और पुलिस में भिड़ंत भी हुई जिसके बाद पुलिस ने हवाई फायरिंग की। चंदौली में बंद समर्थकों ने रेलवे ट्रैक और बनारस में एनएच-2 को जाम कर दिया। प्रधानमंत्री के आदर्श गांव जयापुर में ग्रामीणों ने रास्ता जामकर सरकार का पुतला फूंका। बलिया की बैरिया विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह बंद के समर्थन में रहे। बनारस में पुलिस ने 50 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जिन्हें शाम को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया।