कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने शनिवार, 12 अक्तूबर को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के आरजी कर रेप-मर्डर केस पर दिए गए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और उन्हें भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की "स्पष्ट आवाज" करार दिया। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, टीएमसी नेता कुणाल घोष ने सवाल उठाया कि आरएसएस प्रमुख ने मणिपुर, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश की घटनाओं पर कोई टिप्पणी क्यों नहीं की।
'भागवत का बयान बीजेपी नेता की तरह'
वीडियो में घोष को ये कहते सुने जा सकता है, "हम मोहन भागवत द्वारा दिए गए बयान का कड़ा विरोध करते हैं। आरजी कर मामले में, 24 घंटे के भीतर कोलकाता पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया और सीबीआई की चार्जशीट मेंं सकारात्मक तौर से ये चीजें सामने आईं।"
उन्होंने आगे कहा, "भागवत ने उत्तराखंड, मणिपुर, नागपुर, यूपी जैसी जगहों पर जहां बीजेपी की सरकार है, वहां महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर कुछ नहीं कहा।
उन्होंने कहा, यह आरएसएस प्रमुख की आवाज नहीं है, यह बीजेपी के एक प्रामाणिक नेता की स्पष्ट आवाज है। शायद वे सही अध्यक्ष की तलाश में हैं।"
मोहन भागवत का बयान
नागपुर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल और कॉलेज में हुई रेप-मर्डर घटना की निंदा की और इसे अपराध और राजनीति के गठजोड़ का "शर्मनाक" मेल बताया है। उन्होंने न्याय में देरी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अप्रत्यक्ष हमला भी किया।
भागवत ने कहा, "कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में जो हुआ वह शर्मनाक है। लेकिन यह कोई अकेली घटना नहीं है। हमें सतर्क रहना चाहिए कि ऐसी घटनाएं न हों। लेकिन, इसके बाद भी, जिस तरह से चीजों में देरी हुई, अपराधियों को बचाने की कोशिश की गई, यह अपराध और राजनीति के गठजोड़ का नतीजा है, यह विषाक्त संस्कृति हमें बर्बाद कर रही है।"
आरएसएस प्रमुख ने आगे कहा कि हमारा देश ऐसा है कि जब द्रौपदी के वस्त्रों को खींचा गया तो महाभारत हुआ और जब सीता का अपहरण हुआ तो रामायण।