नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): दिल्ली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर्स ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। इस पत्र में एम्स की रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर फ्रंट (डब्ल्यूबीजेडीएफ) के जूनियर डॉक्टरों की भूख हड़ताल पर चिंता जताते हुए कहा कि उनकी मांगों पर तत्काल विचार किया जाए। साथ ही 14 अक्टूबर को मांग पूरी नहीं होने पर एम्स आरडीए भी जूनियर डॉक्टरों के समर्थन में कदम उठा सकता है।
जूनियर डॉक्टरों की बिगड़ती हालत चिंता का विषय: आरडीए
एम्स आरडीए ने अपने पत्र में कहा कि डब्ल्यूबीजेडीएफ ने एक गंभीर मुद्दे को उठाया है, जिस पर तत्काल विचार किया जाए। उन्होंने डब्ल्यूबीजेडीएफ के साथ एकजुटता दिखाते हुए कहा, "हम अपने उन सहयोगियों के साथ एकजुटता से खड़े हैं, जो आपके राज्य में स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए न्याय और सुरक्षित वातावरण की मांग कर रहे हैं।" उन्होंने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की बिगड़ती हालत गंभीर चिंता का विषय है।
आरडीए ने तत्काल डब्ल्यूबीजेडीएफ की मांग पर विचार करने का आग्रह किया है। साथ ही भूख हड़ताल पर बैठे कोलकाता के डॉक्टरों को कोई नुकसान नहीं पहचाने की भी मांग की गई है।
14 अक्टूबर तक मांगे पूरी करें पश्चिम बंगाल सरकार: आरडीए
आरडीए ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों की मांगें 14 अक्टूबर तक पूरी की जाए। उन्होंने पत्र में कहा कि 14 अक्टूबर तक मांग पूरी नहीं होने पर एम्स आरडीए भी जूनियर डॉक्टर के समर्थन में कदम उठा सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार समय पर इस मामले को लेकर कदम उठाएगी, जिससे इस कदम को रोका जा सके।
गौरतलब है कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर की जघन्य वारदात हुई थी, जिसके बाद से डॉक्टर आंदोलित है और कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।