रोहतास: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी की "भारत जोड़ो न्याय यात्रा" रोहतास (सासाराम) पहुंच चुकी है। औरंगाबाद की जनसभा में इंडी गठबंधन के सहयोगी राजद और वामदल के बड़े नेता नहीं शामिल हुए थे। आज राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव रोहतास पहुंचे। तेजस्वी यादव न सिर्फ राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुए बल्कि उनके सारथी भी बने। इंडी गठबंधन के हजारों कार्यकर्ता और समर्थकों साथ तेजस्वी यादव लाल रंग की चार पहिया राहुल गांधी के साथ नजर आए। गाड़ी के पीछे की सीट पर कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मीरा कुमार भी नजर आईं। सासाराम में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने किसानों के साथ बातचीत की। किसानों ने आज भारत बंद का अह्वान किया है।
तेजस्वी यादव और राहुल गांधी को एक एसयूवी कार में बैठे देखा गया, जो धीरे-धीरे चल रही थी। इस दौरान राहुल गांधी ने शहर की मुख्य सड़क पर एकत्रित उत्साही भीड़ की ओर हाथ हिलाया। स्थानीय लोग सड़क के दोनों ओर कतारबद्ध होकर राहुल गांधी को देख रहे थे।
विपक्षी 'महागठबंधन' के दोनों नेता शुक्रवार को दोपहर करीब तीन बजे कैमूर में एक जनसभा को संबोधित करेंगे।
तेजस्वी यादव ने की राहुल गांधी की तारीफ
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने इस दौरान कहा, "आज राहुल गांधी आए हैं, हम उनका स्वागत करते हैं। ये देशभर में घूम कर देश को जोड़ने का काम रहे हैं, ये बहुत जरूरी है। आप सब भलीभांति जानते हैं कि हमारे मुख्यमंत्री कैसे हैं, वे किसी की बात नहीं सुनना चाहते। वह कहते थे 'मैं मर जाऊंगा, लेकिन भाजपा में नहीं होऊंगा'। हमलोग भोले भाले लोग हैं, इसलिए इस बार किसी भी कीमत पर चाहे कितना भी सहना पड़े कितना भी कुर्बानी देना पड़े, हम नीतीश कुमार को लेकर नहीं चलेंगे और 2024 में भाजपा और नरेंद्र मोदी को सत्ता से बेदखल करने का काम करेंगे।"
कैमूर में एक सभा को संबोधित करेंगे
वहीं न्याय यात्रा के दौरान कांग्रेस महासचिव संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि आज भारत जोड़ो न्याय यात्रा का 34वां दिन है। राहुल गांधी आज रोहतास में किसान नेताओं के साथ बातचीत करेंगे। दोपहर करीब 2:30 बजे तेजस्वी यादव और राहुल गांधी कैमूर में एक सभा को संबोधित करेंगे और शाम करीब 5 बजे यात्रा उत्तर प्रदेश में प्रवेश करेगी। वहीं उन्होंने कहा कि 'महिलाओं पर अत्याचार निंदनीय है, इसकी जांच होनी चाहिए। राज्य सरकार को इसे गंभीरता से लेना चाहिए क्योंकि वे कानून के प्रति जिम्मेदार हैं। इस मुद्दे का राजनीतिकरण ठीक नहीं है।