करनाल: करनाल में किसानों पर हुए लाठीचार्ज से प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है। विपक्ष ने पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए सरकार को घेरा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओपी धनखड़ ने पूरे मुद्दे पर सीएम मनोहर लाल से बात की है। कांग्रेस और इनेलो इसे मुद्दा बनाने में जुट गए हैं।
एडीजीपी कानून एवं व्यवस्था नवदीप विर्क ने पूरे घटनाक्रम का ठीकरा किसानों पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि किसानों के हमले में दस पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। किसानों के हमले में जान बचाने के लिए पुलिस को आत्मरक्षा में हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। कांग्रेस और इनेलो नेता इससे कत्तई इत्तफाक नहीं रखते, उन्होंने किसानों पर लाठीचार्ज की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
इस बीच किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बीच बतौर ड्यूटी मजिस्ट्रेट तैनात एसडीएम करनाल आयुष सिन्हा का सख्ती बरतने का आदेश देते वीडियो वायरल हो गया। वीडियो में एसडीएम पुलिस कर्मचारियों को कह रहे हैं कि ‘मैं ड्यूटी मजिस्ट्रेट हूं। ये नाका किसी भी हालात में पार न हो, जो निकलने लगे उसे लठ्ठ मारना...।’
इस वीडियो को सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है। हालांकि वीडियो लाठीचार्ज के घटनास्थल बसताड़ा टोल प्लाजा का नहीं है, लेकिन इसे कलंदरी गेट डेरा कार सेवा के पास के नाके का बताया जा रहा है।
वीडियो में क्या बोले रहे हैं एसडीएम
एसडीएम : यहां से कोई आगे नहीं जाना चाहिए। स्पष्ट कर रहा हूं जो जाए उसका सिर फोड़ दो, मैं ड्यूटी मजिस्ट्रेट हूं। लिख कर दे रहा हूं। सीधे लट्ठ मारना, कोई डाउट। मारोगे...?
पुलिस वालों का जवाब - जी सर
एसडीएम : कोई डाउट नहीं है। कोई डायरेक्शन की जरूरत नहीं है। क्लीयर है। ये नाका किसी भी हालत में हम पार नहीं होने देंगे। हमारे पास पर्याप्त मात्रा में 100 की फोर्स पीछे है। कोई इश्यू नहीं है। ठीक है। हेलमेट पहन लो। हम पूरी रात नहीं सोए हैं। दो दिन से ड्यूटी कर रहे हैं। यहां से एक बंदा नहीं जाना चाहिए। जो जाए तो उसका सिर फूटा होना चाहिए।
ये है मामला
करनाल में पुलिस ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का विरोध कर रहे किसानों पर शनिवार को जमकर लाठीचार्ज किया। इस दौरान लगभग 10 किसानों को चोट आईं। इस बीच, करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा का सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह पुलिसकर्मियों से विरोध प्रदर्शन करने वालों का सिर फोड़ने की हिदायत दे रहे हैं।
इस वीडियो के सामने आने के बाद सिसायत ने अलग ही रुख ले लिया। इस वीडियो पर सवाल तो खड़े किये ही जा रहे हं साथ ही इसे लेकर मनोहर सरकार और उसकी कार्यशैली की भी आलोचना हो रही है।