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(दिवाकर तिवारी) युवाओं के साथ ही अब 'ऑनलाइन गेम्स' के प्रति बच्चों का तेजी से बढ़ता रूझान अभिभावकों की सबसे बडी चिंता बनती जा रही है। वैश्विक महामारी कोरोना के संकट काल के दौरान यह विष अपनी चरमसीमा की हद्द पार करता हुआ दिखाई दे रहा।  दरअसल, देश के युवाओं में ऑनलाइन गेम्स पब्जी फ्री फायर, जैसे तमाम गेम्स खेलने की लत ने फैशन के तौर पर लोगों के दिलों दिमाग में इस कदर अपनी जगह बना ली है। उसके पागलपन में आत्महत्या की हद तक जाने की ख़बरें आ चुकी हैं। देश में कोरोना काल ऑनलाइन गेम्स दिनों-दिन अपनी हद्दे पार कर रहा है।

वैश्विक महामारी कोरोना ने भारत ही नहीं विदेशों में जनजीवन को प्रभावित किया है। दुनिया भर में 'शिक्षा' को लेकर सरकारें चिंतित हैं। अगला शैक्षिक सत्र कब और कैसे शुरू किया जाए। इसे लेकर दुनिया के देश मंथन के दौर में हैं। भारत में भी केंद्र और प्रदेश सरकारें इस दिशा में चिंतन मनन कर रहे हैं। देश में शिक्षा का नया सेशन शुरू होने की प्रक्रिया में स्कूल-कॉलेजों में ऑनलाइन शिक्षा प्रक्रिया को अपनाया गया है। कोरोना काल में स्कूल गाइडलाइन के जरिए बच्चों को घर बैठे अटेंडेंस के साथ स्टडी करा रहें हैं। ऑनलाइन क्लास का मक़सद यह है कि इससे बच्चों का साल बर्बाद ना हो और उनकी स्कूल में अंटेंडेंस भी लगती रहें। 

(जलीस अहसन) साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से नरेन्द्र मोदी किसी देश के राष्ट्र प्रमुख से सबसे ज़्यादा मिले हैं तो वह हैं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग। वह अब तक उनसे 18 बार मुलाकात कर चुके हैं। मोदी पांच बार चीन के दौरे पर गए हैं। भारत के अब तक के किसी भी प्रधानमंत्री ने चीन का इतना अधिक दौरा नहीं किया और न ही वहां के सरकार प्रमुख से इतनी बार भेंट की। जिनपिंग को अपने साथ झूला झूलाने वाले मोदी को इसके बदले में क्या मिला ? पहले, भारत की अखंडता के लिहाज़ से बहुत ही महत्वपूर्ण, भूटान के डोकलाम क्षेत्र पर चीन का कब्ज़ा करने का प्रयास और अब लद्दाख में सामरिक महत्व की गलवान घाटी क्षेत्र में उसकी घुसपैठ।

जून की 15-16 तारीख के दरम्यान चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में भारतीय इलाके के भीतर तक न सिर्फ घुसपैठ की बल्कि उसका विरोध करने वाले हमारे जांबाज़ सैनिकों में से 20 की नृशंस हत्या की और दस सैनिकों को बंदी बना लिया। इस घटना में हमारे 85 सैनिक गंभीर रूप से घायल भी हुए। तीन दिन बाद प्रधानमंत्री मोदी, चीन का नाम लिए बिना ने इस घटना पर अजीब सा बयान दिया ‘‘ ना कोई हमारे क्षेत्र में घुसा है और ना किसी पोस्ट पर कब्ज़ा किया है।‘‘

(जलीस अहसन) भारत और नेपाल के अनंतकाल से गहरे धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रिश्ते रहे हैं। दोनों ओर के लोगों के बीच रिश्तेदारियां भी खूब हैं। खुली सीमाओं वाले ये दोनों देश आपस में सदियों से मित्रता और सहयोग का एक अनूठा रिश्ता साझा करते हैं। बिना वीज़ा के, सीमाओं के आर-पार लोगों की मुक्त आवाजाही की एक लंबी परंपरा रही है। दोनों देश, पांच भारतीय राज्यों- सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ पूर्व और दक्षिण और पश्चिम में 1850 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं।

इस सबसे बढ़कर, चीन और भारत की लंबी सीमा के बीच में स्थित नेपाल, भारत के प्रति चीन के आक्रामक तेवरों के विरूद्ध एक प्राकृतिक प्रतिरोधक देश की भूमिका भी निभाता रहा है, जो हमारे देश की सुरक्षा के लिहाज़ से बहुत ही ज़्यादा महत्वपूर्ण है। मगर कुछ साल पहले वहां चीन परस्त कम्युनिस्टों द्वारा राजशाही का तख्ता पलट कर सत्ता हथियाने के बाद से हालात बहुत बदल गए हैं। सत्तारूढ़, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की मदद और अपने पैसों के बल पर, चीन वहां तेज़ी से अपने पैर पसारने और भारत विरोधी माहौल बनाने में लगा है।

(आशु सक्सेना) देश में वैश्विक महामारी कोरोना के खिलाफ जंग लॉकडाउन-5 के अनलॉक-1 के मोर्चे तक पहुंच गई है। केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश लागू करवाने समेत अन्य सभी प्रशासनिक अधिकार राज्य सरकारों में निहित हैंं। मज़दूरों के व्यापक स्तर पर पलायन के बाद यह महामारी गॉंव तक पहुंच चुकी हैै। कोरोना से प्रभावित देशों की सूची में भारत चौंथे स्थान पर है। इस बीच अनलॉक-1 के दौरान केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने चुनावी राजनीति का राग भी छेड़ दिया​ है।

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बिहार और पश्चिम बंगाल में 'डिजिटल रैली' की। इन ​दोनों ही राज्यों में केंद्र की सत्ता पर काबिज भाजपा की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है। जहां, बिहार में अपने सहयोगी जदयू के साथ पुन: सत्ता पर काबिज होने की चुनौती है। वहीं बंगाल में मतविभाजन का फायदा उठाते हुए तृणमूल कांग्रेस से सत्ता को छिनने की रणनीति को अमलीजामा पहनाने की चुनौेती भी है। अमित शाह ने दोनों राज्यों में 'जनसंवाद' रैली आयोजित करके चुनावी बिगुल फूंक दिया है।

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