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नई दिल्ली: जाने माने अभिनेता श्रीराम लागू का मंगलवार को 92 की वर्ष की उम्र में पुणे में निधन हो गया है। उनका गुरुवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। अभिनेता के साथ-साथ वे एक मझे हुए थियेटर कलाकार थे। वह पिछले कुछ समय से बीमार थे। श्रीराम लागू ने अपने फिल्मी करियर में 100 से ज्यादा हिंदी और 40 से ज्यादा मराठी फिल्मों में काम किया। अपने करियर में श्रीराम 'आहट: एक अजीब कहानी', 'पिंजरा', ‘मेरे साथ चल’, 'सामना', 'दौलत' जैसी कई फिल्मों में नजर आए। 1978 में फिल्म घरौंदा के लिए डॉ. लागू को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार से नवाजा गया।

डॉ. लागू प्रसिद्ध नाटक नट सम्राट के पहले हीरो थे। इस नाटक को प्रसिद्ध लेखक कुसुमाग्र ने लिखा था। इस नाटक में उनके अभिनय को आज भी याद किया जाता है। नट सम्राट नाटक में उन्होंने अप्पासाहेब बेलवलकर की भूमिका निभाई थी, जिसे मराठी थिएटर के लिए मील का पत्थर माना जाता है। इस नाटक में अपने शानदार अभिनय के बाद उन्हें नट सम्राट कहा जाने लगा।

मथुरा: आशुतोष गोवारिकर की फिल्म 'पानीपत' के खिलाफ जाट समाज के युवाओं ने सोमवार को जिला मुख्यालय इस फिल्म दिखाने वाले सिनेमाघर बाहर प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर उनके माध्यम से मुख्यमंत्री से उसके प्रदर्शन पर तुरंत रोक लगाए जाने की मांग की। जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना था कि यह अत्यंत दुख की बात है कि उक्त फिल्म के निर्माताओं ने ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ करते हुए भरतपुर के महाराजा सूरजमल जाट जैसे महान पुरूष का 'पानीपत' फिल्म में चित्रण बेहद गलत तरीके से किया गया है। इसलिए वे इस फिल्म पर अविलम्ब रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। यह फिल्म मराठा और अहमद शाह अब्दाली के बीच हुए पानीपत के तीसरे युद्ध पर आधारित है।

सिटी मजिस्ट्रेट डॉ. मनोज कुमार सिंह ने कहा कि आज जाट समाज के कुछ युवा कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पर जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र से मिले थे और उन्हें एक ज्ञापन भी दिया था। उनकी प्रमुख मांग यही थी कि भरतपुर नरेश महाराजा सूरजमल का कथित रूप से गलत चित्रण किए जाने की वजह से इस फिल्म के प्रदर्शन पर तुरंत रोक लगाई जाए।

मुंबई: स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर 28 दिनों से ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में अपना इलाज करवाकर घर लौट आई हैं। लता मंगेशकर ने खुद इस बात की जानकारी ट्वीट कर दी है। लता मंगेशकर ने एक साथ कई ट्वीट किए। पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, नमस्कार...पिछले 28 दिनों से मैं ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में थी। मुझे न्यूमोनिया हुआ था। डॉक्टर चाहते थे की मैं पूरी तरह से ठीक हो जाऊं फिर घर जाऊं, आज मैं घर वापस आ गई हूं। ईश्वर, माई बाबा के आशीर्वाद और आप सब के प्यार, प्रार्थनाओं से मैं अब ठीक हूं। मैं आप सब की हृदय से आभारी हूं।

दूसरे ट्वीट में लता मंगेशकर ने लिखा, 'मेरे ब्रीच कैंडी के डॉक्टर सच में फ़रिश्ते हैं, यहां का सभी कर्मचारी वर्ग भी बहुत अच्छा है.आप सब की मैं पुनः एक बार मन से आभारी हूं। ये प्यार और आशीर्वाद ऐसे ही बना रहे।'

नई दिल्ली: गोवा में आयोजित भारतीय अंतर्राष्‍ट्रीय फिल्‍म महोत्‍सव- इफ्फी का नौ दिन तक चला स्‍वर्ण जयंती समारोह आज शाम रंगारंग कार्यक्रमों के साथ सम्पन्‍न हो गया। महोत्‍सव में दुनियाभर से आए दस हजार से अधिक फिल्‍म प्रतिनिधियों के लिए तीन सौ फिल्‍मों का प्रदर्शन किया गया। फ्रांसीसी फिल्‍म निर्माता ब्लेजी हेरिसन की फिल्‍म पार्टिकल्‍स को सर्वश्रेष्‍ठ फिल्‍म को पुरस्‍कार मिला। पुरस्‍कार में एक स्‍वर्ण मयूर के अलावा प्रशस्ति पत्र और चालीस लाख रूपए नकद दिए जाते हैं।

एक रिकार्डेड टेलीविजन संदेश में हेरिसन ने दर्शकों, ज्‍यूरी सदस्‍यों और इफ्फी को पुरस्‍कार के लिए धन्‍यवाद दिया। फिल्‍म मारिघेला में प्रमुख भूमिका निभाने के लिए सीयू जॉर्ज को सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेता चुना गया। ऊषा जाधव को माई घाट फिल्‍म के लिए सर्वश्रेष्‍ठ अभिनेत्री चुना गया। लिजो जोस पेलिसरी को जल्‍लीकट्टू फिल्‍म के लिए सर्वश्रेष्‍ठ निर्देशक का पुरस्‍कार दिया गया। पेमा सेदेन निर्देशित फिल्‍म बैलून को विशेष ज्‍यूरी पुरस्‍कार दिया गया जबकि नई प्रविष्टि के तौर पर मॉनस्‍टर और अबोउ लीला को पुरस्‍कृत किया गया।

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