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नई दिल्ली: दीपिका पादुकोण की फिल्म छपाक को मध्यप्रदेश सरकार ने अपने यहां टैक्स फ्री कर दिया है। ये फिल्म एसिड अटैक विक्टिम और सर्वाईवर लक्ष्मी अग्रवाल पर बनी है। बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म 'छपाक' को एक-एक कर कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि अब इसकी रिलीज का रास्ता साफ हो गया है। लेकिन इससे पहले दीपिका के जेएनयू पहुंचने पर उनकी फिल्म 'छपाक' के बायकॉट की मांग बुधवार को दिन भर सोशल मीडिया में छाई रही।

उसके बाद पीड़िता लक्ष्मी (जिस पर 'छपाक' की फिल्म आधारित है) की वकील अपर्णा भट्ट ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा था कि वह एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी की कई सालों तक वकील रही हैं लेकिन फिल्‍म में उन्हें कोई क्रेडिट नहीं दिया गया। इसपर कोर्ट ने आदेश दिया है कि अपर्णा को फिल्म में क्रेडिट दिया जाए। वहीं इससे पहले बंबई हाईकोर्ट में राकेश भारती नामक एक लेखक ने अदालत में याचिका दायर कर दावा किया था कि मूल रूप से उन्होंने एसिड हमले की एक पीड़ित के जीवन पर कहानी लिखी थी।

नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण की फिल्म 'छपाक' को एक-एक कर कई मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ जहां जेएनयू प्रकरण के बाद उनकी फिल्म 'छपाक' के बायकॉट की मांग बुधवार को दिन भर सोशल मीडिया में छाई रही। इस बार पीड़िता लक्ष्मी (जिस पर 'छपाक' की फिल्म आधारित है) की वकील अपर्णा भट्ट ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दाखिल करके कहा था कि वह एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी की कई सालों तक वकील रही हैं लेकिन फिल्‍म में उन्हें कोई क्रेडिट नहीं दिया गया।

इसपर कोर्ट ने आदेश दिया है कि अपर्णा को फिल्म में क्रेडिट दिया जाए वहीं इससे पहले बंबई हाईकोर्ट में राकेश भारती नामक एक लेखक ने अदालत में याचिका दायर कर दावा किया था कि मूल रूप से उन्होंने एसिड हमले की एक पीड़ित के जीवन पर कहानी लिखी थी। मेघना गुलज़ार द्वारा निर्देशित 'छपाक' भी एसिड हमले की एक पीड़िता के जीवन पर आधारित है। अपनी याचिका में भारती ने फिल्म के लेखकों में से एक के रूप में श्रेय दिए जाने और 10 जनवरी, 2020 को फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की मांग की थी।

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के सुप्रसिद्ध रंगकर्मी और ब्रजभाषा में कई फिल्मों की सौगात देने वाले संदीपन विमलकांत नागर का निधन हो गया। वह 61 वर्ष के थे। उन्होंने मथुरा स्थित अपने पैतृक आवास में शनिवार रात अंतिम सांस ली। संदीपन विमलकांत नागर हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं पद्मभूषण से सम्मानित अमृतलाल नागर के नाती तथा मशहूर फिल्म पटकथा एवं संवाद लेखिका डॉ अचला नागर के पुत्र थे। संदीपन ने अनेक नाटकों और फिल्मों का निर्देशन किया। उनके अनुज सिद्धार्थ नागर भी फिल्म निर्माता एवं निर्देशक हैं।

मथुरा की नाट्य संस्था 'स्वास्तिक के संस्थापक संदीपन विमलकांत नागर को उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी सहित अनेक संस्थाओं ने पुरस्कृत किया था। उन्होंने ब्रजभाषा की पहली फिल्म 'ब्रज भूमि में कलाकार की भूमिका और 'ब्रज का बिरजू का निर्माण करने के अलावा अपने नाटकों में भी ब्रजभाषा का खासा उपयोग किया है। संदीपन नागर ने फिल्म बहुरानी, सुबह होने तक सहित कई फिल्मों का निर्देशन भी किया। रंगकर्मी के रूप में उन्होंने 100 से अधिक नाटकों का निर्देशन किया।

नई दिल्ली: बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन को रविवार को दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया। राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें यह पुरस्कार दिया। इस मौके पर उन्होंने कहा, मैं भारत सरकार और सूचना प्रसारण मंत्रालय और ज्यूरी के सदस्यों को अपनी तरफ से आभार प्रकट करना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इस योग्य समझा। ईश्वर की कृपा रही है। माता-पिता का आशीर्वाद रहा है। सबसे ज्यादा भारत की जनता का स्नेह रहा है जिसकी वजह से मैं आपके सामने खड़ा हूं। जब इस पुरस्कार की घोषणा हुई तो मेरे मन में ये सवाल उठा कि क्या ये मेरे लिए संकेत है कि मेरा करियर खत्म हो चुका है। लेकिन बिग बी ने फिर कहा कि अभी उन्हें लगता है कि शायद फिल्म इंडस्ट्री में कुछ काम करना बाकी है। इस दौरान बिग बी के परिवार से उनकी पत्नी जया बच्चन और बेटे अभिषेक बच्चन मौजूद थे।

बता दें 23 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित हुए 66वें राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में खराब तबियत के कारण अमिताभ बच्चन नहीं पहुंच सके थे। बिग बी ने ट्वीट कर कहा था, 'बुखार के कारण अस्वस्थ्य हूं। यात्रा की अनुमति नहीं है इसीलिए कल दिल्ली में राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में भाग नहीं ले सकूंगा।दुर्भाग्यपूर्ण, मुझे पछतावा है'।' अमिताभ बच्चन बॉलीवुड में 'मेगा स्टार' और 'बिग बी' के नाम से भी मशहूर हैं।

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