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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय इंफ्रा पाइपलाइन की घोषणा करते हुए अगले पांच सालों के लिए एक रोडमैप तैयार किया है। इस इंफ्रा पाइपलाइन के लिए 102 लाख करोड़ का निवेश किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे सरकार अपने पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था को बनाने का लक्ष्य पूरा कर सकती है। नए पाइपलाइन में केंद्र व राज्यों के 39 फीसदी प्रोजेक्ट होंगे और बाकी के 22 फीसदी निजी क्षेत्र के होंगे। जिन सेक्टर्स में यह प्रोजेक्ट होंगे उनमें बिजली, रेलवे, शहरी सिंचाई, मोबिलिटी, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े होंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेस में यह घोषणा करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री ने लाल किले से अपने भाषण में 100 लाख करोड़ रुपये का इंफ्रास्ट्रक्चर पर निवेश करने की घोषणा की थी। जिसके बाद एक टास्क फोर्स का गठन किया गया था। इस टास्क फोर्स ने 102 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट निकाले हैं, जिसके लिए 70 स्टेकहोल्डर्स से बातचीत की गई थी। इस पाइप लाइन में तीन लाख करोड़ रुपये के अन्य प्रोजेक्ट भी शामिल किए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट 51 लाख करोड़ रुपये के पहले से चल रहे प्रोजेक्ट से अलग हैं, जो पिछले छह सालों से केंंद्र व राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे थे।
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नई दिल्ली: सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया का कर्ज बढ़कर 80 हजार करोड़ रुपये पर पहुँच गया है और उसे रोजाना 22 से 25 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यहाँ संवाददाताओं को बताया कि एयर इंडिया पर कर्ज का बोझ इस हद तक पहुँच चुका है जहाँ ऋण प्रबंधन असंभव है और एयरलाइन के निजीकरण के अलावा कोई उपाय नहीं है। उन्होंने कहा कि अगले कुछ सप्ताह में कंपनी के निजीकरण के लिए निविदा जारी की जायेगी। हालाँकि, निजीकरण नहीं होने की स्थिति में छह महीने में कंपनी के बंद होने की मीडिया में आयी खबरों को वह टाल गये।
पुरी ने नववर्ष की पूर्व संध्या पर संवाददाताओं से संवाद के दौरान कहा कि एयर इंडिया की देनदारी 80 हजार करोड़ रुपये पर पहुँच चुकी है। इस वर्ष उसे आठ से नौ हजार करोड़ रुपये के बीच नुकसान हुआ है और इस प्रकार रोजाना 22 करोड़ से 25 करोड़ के बीच घाटा हो रहा है। उन्होंने कहा “हमें एयर इंडिया का निजीकरण करना है, इसमें कोई संदेह नहीं है। कई निजी कंपनियों तथा स्थापित विमान सेवा कंपनियों ने इसमें रुचि दिखायी है।
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नई दिल्ली: सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने उन लोगों को राहत दी है जिन्होंने अभी तक अपने पैन कार्ड को आधार से लिंक नहीं कराया है। आधार कार्ड को पैन से लिंक करने की समय सीमा जो 31 दिसंबर 2019 को खत्म हो रही थी उसे अगले तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (सीबीडीटी) ने पर्मानेंट अकाउंट नंबर (पैन) और आधार लिंकिंग की समय सीमा 31 मार्च 2020 कर दी है। यह आठवीं बार है जब सरकार ने आधार को पैन से जोड़ने की समय सीमा बढ़ाई है। इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए आधार को पैन से जोड़ना अनिवार्य है। 1 अप्रैल 2019 से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार-पैन कै लिंक होना अनिवार्य कर दिया गया है।
इससे पहले आयकर विभाग ने कहा था कि अगले साल से बिना आधार से लिंक पैन कार्ड को निरस्त किया जा सकता है। साथ ही ऐसे करदाता आईटीआर भी दाखिल नहीं कर सकेंगे। लेकिन अब यह समय सीमा 31 मार्च 2020 तक बढ़ा दी गई है।
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नई दिल्ली: केंद्र सरकार 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से पहले सभी कंपनियों को इसका परीक्षण करने की अनुमति देगी। दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि इसके लिए सरकार ने अपनी नीति को तैयार कर लिया है। प्रसाद ने कहा कि 5जी भविष्य है और इस क्षेत्र में हम इनोवेशन को पूरी तरह से बढ़ावा देंगे। 5जी का परीक्षण करने का मौका सभी कंपनियों के अलावा वेंडर्स जैसे कि हुवाई को भी मिलेगा। यह नया 5जी चंक बैंड जो कि 24.75 से 27.75 गीजहर्ट्ज का है, वो 5.22 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम नीलामी से काफी अलग है।
उन्होंने कहा, इसकी मंजूरी डिजिटल कम्यूनिकेशन कमीशन ने 20 दिसंबर को दी थी, जिसके तहत 8300 मेगाहर्ट्ज का बैंड सभी 22 सर्किलों में बिक्री के लिए अगले साल मार्च-अप्रैल में रखा जाएगा। सरकार जल्द ही 24.75-27.25 गीगाहर्ट्ज के ‘मिलीमीटर वेव बैंड’ की नीलामी को लेकर ट्राई से सुझाव मांगेगी। यह 5जी के लिए अत्यधिक मांग वाला बैंड है। सूत्रों के मुताबिक, विभाग इन अतिरिक्त 5जी बैंड के लिए जनवरी में नियामक से संपर्क करेगा। हालांकि, विभाग इस स्पेक्ट्रम की बिक्री साल की शुरुआत में करना चाहता है।
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