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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: भारत 2026 में जर्मनी को पछाड़कर विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और वर्ष 2034 में जापान को पीछे छोड़कर विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत 2026 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। हालांकि, सरकार ने देश को 2024 तक पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है।

ब्रिटेन स्थित सेंटर फाॅर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) की रिपोर्ट 'वर्ल्ड इकोनॉमिक लीग टेबल 2020' के अनुसार, भारत 2019 में ब्रिटेन और फ्रांस दोनों को निर्णायक तौर पर पछाड़कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। अब भारत के 2026 में जर्मनी को पीछे छोड़कर चौथी तथा 2034 में जापान को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाने का अनुमान है। सीईबीआर ने कहा कि जापान, जर्मनी और भारत में अगले 15 साल तक तीसरे स्थान के लिये प्रतिस्पर्धा चलेगी।

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सरकारी बैंकों से कहा है कि वो जल्द से जल्द अपने यहां पर भ्रष्टाचार के लंबित मामलों की जांच को जल्द पूरा करें। गौरतलब है कई बैंकों के अधिकारियों के ऊपर भ्रष्टाचार के मामले में जांच चल रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि कुछ चुनिंदा डिजिटल माध्यमों पर लगने वाले मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) शुल्क को पूरी तरह से माफ किया जाएगा। इसके बारे में सरकार अधिसूचना निकालने जा रही है, जिसमें बताया जाएगा कि कौन से माध्यम इस व्यवस्था में शामिल होंगे।

वित्त मंत्री ने जुलाई में बजट पेश करते हुए एमडीआर शुल्क को वापस लेने की घोषणा की थी। इसमें छोटे व्यापारी भी शामिल होंगे, जिनका टर्नओवर 50 करोड़ रुपये से कम होगा। ऐसे व्यापारी अपने ग्राहकों से एमडीआर शुल्क नहीं वसूल सकेंगे। इस शुल्क को आरबीआई और बैंक वहन करेंगे। डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जाएगा। इस बैठक में सभी 18 बैंकों के प्रबंध निदेशक, चेयरमैन और सीईओ के शामिल हुए हैं। वित्त मंत्री द्वारा बुलाई गई इस अहम बैठक में सरफेसी अधिनियम के तहत संपत्तियों की नीलामी के ऑनलाइन प्लेटफॉर्म, रूपे कार्ड के जरिए जन धन योजना के खाताधारकों को खाते में मौजूदा राशि से अधिक की निकासी करने की सुविधा देने और एमडीआर पर चर्चा की जा रही है।

नई दिल्ली: प्याज की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए आयात बढ़ाने के बावजूद इस प्रमुख सब्जी की खुदरा कीमतें शुक्रवार को बढ़कर 150 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई। यह कीमत तब पहुंची है जब आयातित प्याज की खेप की आवक शुरू हो गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, महानगरों में से, कोलकाता में प्याज का खुदरा मूल्य 120 रुपए किलो, दिल्ली और मुंबई में 102 रुपए किलो तथा चेन्नई में 80 रुपए किलो है। ज्यादातर शहरों में, प्याज की कीमतें 100 रुपए किलो थी। ईटानगर में, प्याज की कीमत 150 रुपए किलो पर पहुंच गई।

मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'आयातित प्याज की आवक शुरू हो गई है। लगभग 1,160 टन प्याज भारत पहुंच चुका है। अगले 3-4 दिनों में अतिरिक्त 10,560 टन आयात की खेप आने की उम्मीद है।' अधिकारी ने कहा कि लाल और पीले दोनों किस्म के प्याज तुर्की, मिस्र और अफगानिस्तान से आयात किए गए हैं। आयात की ये खेपें मुंबई बंदरगाह पर उतरती हैं।

नई दिल्ली: घाटे से बेहाल सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया ने पहली बार उन सरकारी एजेंसियों को टिकट देने से मना कर दिया है, जिनका 10 लाख रुपये से अधिक का बकाया है। कंपनी को कई सरकारी एजेंसियों से कुल 268 करोड़ रुपये वसूलने हैं। तैयार की है लिस्ट एयरलाइन के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी ने पहली बार सरकारी डिफॉल्टर एजेंसियों की एक लिस्ट को तैयार किया है। यह कवायद पूरे देश में की गई है। इस लिस्ट में यह भी बताया गया है कि कौन सी एजेंसी पर कितना रूपया बकाया है। लिस्ट के आधार पर इन एजेंसियों को केवल नकद भुगतान पर टिकट दिया जा रहा है।

यह एजेंसियां हैं बड़ी बकाएदार

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कंपनी ने जो लिस्ट तैयार की है, उसमें सीबीआई, आईबी, प्रवर्तन निदेशालय, कस्टम आयुक्त, केंद्रीय श्रम संस्थान, इंडियन ऑडिट बोर्ड, कंट्रोलर ऑफ डिफेंस अकाउंट्स और सीमा सुरक्षा बल शामिल हैं।

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