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नई दिल्ली: आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक का बैकिंग नियमन अधिनियम के तहत बैंकिंग कंपनी का दर्जा समाप्त हो गया है। भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार को यह जानकारी दी। पिछले साल नवंबर में रिजर्व बैंक ने कहा था कि आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक के स्वैच्छिक तौर पर कारोबार समाप्त करने के आवेदन के बाद यह परिसमापन की दिशा में बढेगा। केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना में कहा, 'बैंकिंग नियमन अधिनियम 1949 के तहत आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक अब बैंकिेग कंपनी के रूप में समाप्त हो गयी है। यह व्यवस्था 28 जुलाई 2020 से प्रभाव में आ गई है।'

पिछले साल जुलाई में वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने शेयर बाजार को आदित्य बिड़ला आइडिया पेमेंट्स बैंक का परिचालन बंद करने की सूचना दी थी। इसकी वजह कंपनी के कारोबार का अनिश्चित परिस्थितियों का शिकार होना बतायी गई, जिसने उसके आर्थिक मॉडल को अव्यवहारिक बना दिया।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को लॉकडाउन के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से दिए गए लोन मोरेटोरियम को आगे बढ़ाने और ब्याज में छूट देने की याचिकाओं पर सुनवाई की। मामले में अगली सुनवाई 10 सितंबर को होगी। केंद्र सरकार की तरफ से अदालत में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'बैंकिंग क्षेत्र हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, हम ऐसा कोई भी निर्णय नहीं ले सकते हैं जो अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सकता है। हमने ब्याज माफ नहीं करने का फैसला लिया है लेकिन भुगतान के दबाव को कम किया जाएगा।'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जिन बैंक खातों को 31 अगस्त तक नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) नहीं कहा गया था, उन्हें इस मामले के निपटारा होने तक एनपीए घोषित नहीं किया जाएगा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 10 सितंबर तय की है। इससे पहले केंद्र सरकार ने बुधवार को शीर्ष अदालत से कहा था कि अगर ऋण रियायत अवधि का ब्याज माफ कर दिया गया तो यह नुकसानदेह साबित होगा। इससे बैंकों की सेहत खराब हो जाएगी। बैंक कमजोर पड़ जाएंगे, जो कि अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा हैं।

नई दिल्ली: मार्च महीने में कोरोना संकट को देखते हुए रिजर्व बैंक के निर्देश पर बैंकों ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। इसके तहत कंपनियों और व्यक्तिगत लोगों को लोन की किस्तों के भुगतान के लिए छह महीने की छूट दी गई थी। इसकी अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के कारण मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर छूट देने की दिशा में निर्देश देने वाली याचिका पर सुनवाई की। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि ऋण स्थगन दो साल के लिए बढ़ सकता है। लेकिन यह कुछ ही सेक्टरों को दिया जाएगा। 

अगर आपने तीन महीने किस्त न चुकाने का विकल्प चुना था, तो आपके लोन की अवधि तीन महीने बढ़ जाएगी और इन तीन महीने के दौरान लगने वाला ब्याज भी आपसे वसूला जाएगा। आगे की ईएमआई के साथ यह ब्याज जोड़ दिया जाएगा। बैंकों के नियम और शर्तें अलग-अलग भी हो सकती हैं।

नई दिल्ली: सरकारी तेल कंपनियों की ओर से आज पेट्रोल और डीजल की कीमत में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। हालांकि बीते रोज पेट्रोल के दाम में 4 से 5 पैसे का इजाफा किया गया था। बता दें कि बीते 15 दिन में पेट्रोल की कीमत में लगभग रोज ही कुछ पैसों का इजाफा किया गया है। इससे यह 1.65 रुपये महंगा हो गया है। जबकि 15 दिन पहले पेट्रोल 80.43 रुपये प्रतिलीटर बिक रहा था। हालांकि इन बीते पंद्रह दिनों में डीजल की कीमत पहले की तरह ही है। इससे पहले 30 जुलाई को दिल्ली सरकार ने डीजल के दाम मेें 8.36 रुपये की कटौती थी जिससे दिल्ली में डीजल का दाम बाजार में 73.56 रुपये प्रति लीटर हो गया था।

प्रमुख महानगरों में इतनी है कीमत

आईओसीएल से मिली जानकारी के अनुसार आज दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल और डीजल की कीमत इस प्रकार है।

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