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नई दिल्ली: क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने इस वित्त वर्ष के लिए भारत की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के अनुमान को घटा दिया है। एजेंसी ने शुक्रवार को वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया। इससे पहले उसने इसमें चार फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया था। एजेंसी ने कहा कि धीमी वृद्धि, ज्यादा कर्ज और कमजोर वित्तीय व्यवस्था के कारण भारत की क्रेडिट प्रोफाइल पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। कोरोना वायरस महामारी ने इन खतरों को और बढ़ा दिया है। बता दें कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 फीसदी की गिरावट आई है।

इससे पहले रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने भारत की अर्थव्यवस्था में इस वित्त वर्ष में 10.5 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान लगाया था। फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा था कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में भारत की जीडीपी में सुधार देखने को मिलेगा। हालांकि, अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार सुस्त और असमान रहेगी।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): लोन मोरेटोरियम मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले को बार-बार टाला जा रहा है। अब इस मामले को सिर्फ एक बार टाला जा रहा है वो भी फाइनल सुनवाई के लिए। इस दौरान सब अपना जवाब दाखिल करें और मामले में ठोस योजना के साथ अदालत आएं। साथ ही कोर्ट ने कहा कि तब तक 31 अगस्त तक एनपीए ना हुए लोन डिफॉल्टरों को एनपीए घोषित ना करने का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने जवाब दाखिल करने के लिए दो हफ्ते दिए।

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा, उच्चतम स्तर पर विचार हो रहा है। राहत के लिए बैंकों और अन्य हितधारकों के परामर्श में दो या तीन दौर की बैठक हो चुकी है और  चिंताओं की जांच की जा रही है। केंद्र ने दो हफ्ते का समय मांगा था, इस पर कोर्ट ने पूछा था कि दो हफ्ते में क्या होने वाला है? आपको विभिन्न क्षेत्रों के लिए कुछ ठोस करना होगा। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह की तीन जजों की बेंच सुनवाई की। 

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने व्यक्तिगत गारंटरों के खिलाफ दिवालिया शोधन प्रक्रिया (आईआरपी) की वैधानिकता को चुनौती देने वाली पुंज लॉयड के संस्थापक अतुल पुंज की याचिका पर बुधवार को केन्द्र सरकार, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और आईबीबीआई से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी एन पटेल एवं न्यायमूर्ति प्रतीक जालान की पीठ ने केन्द्र, एसबीआई और दी इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी बोर्ड ऑफ इंडिया (आईबीबीआई) को नोटिस जारी कर पुंज द्वारा दायर की गई याचिका पर अपना पक्ष रखने को कहा।

मुख्य न्यायाधीश की पीठ द्वारा इस मामले में नोटिस जारी किए जाने पहले पुंज एक अन्य ऐसी ही याचिका में भी नोटिस जारी किया जिसमें एसबीआई के बजाय एलएंडटी इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस पक्षकार है। दरअसल अतुल पुंज ने दूसरी याचिका में भी आईबीबीआई नियमावली 2019 की वैधानिकता को चुनौती दी है। पीठ ने नोटिस जारी करते हुए पुंज को वैसी किसी भी तरह की अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया, जैसी राहत हाल ही में रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) के अध्यक्ष अनिल अंबानी को इसी तरह की याचिका में एक अन्य पीठ द्वारा दी गई थी।

नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने कर्मचारियों के भविष्य निधि (ईपीएफ) के अंशधारकों के भुगतान को भी प्रभावित किया है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय बोर्ड ने बुधवार को 2019-20 के ब्याज को दो किस्तों में देने का फैसला किया है। ईपीएफओ 8.5 फीसदी का ब्याज 8.15 फीसदी और बाद में 0.35 फीसदी का भुगतान किया जाएगा। 0.35 फीसदी का भुगतान दिसंबर तक किया जा सकता है।

किस्तों में होगा ब्याज का भुगतान

भविष्य निधि कोष का प्रबंधन करने वाले कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने छह करोड़ के करीब अंशधारकों को वित्त वर्ष 2019- 20 के लिये भविष्य निधि पर तय ब्याज का आंशिक भुगतान करने का फैसला किया है। कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.50 प्रतिशत की तय दर में से फिलहाल 8.15 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करने का फैसला किया गया है। यह निर्णय ईपीएफओ ट्रस्टी की बुधवार को हुई बैठक में लिया गया। शेष 0.35 प्रतिशत ब्याज का भुगतान इस साल दिसंबर तक अंशधारकों के ईपीएफ खातों में कर दिया जायेगा।

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