नई दिल्ली: मार्च महीने में कोरोना संकट को देखते हुए रिजर्व बैंक के निर्देश पर बैंकों ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। इसके तहत कंपनियों और व्यक्तिगत लोगों को लोन की किस्तों के भुगतान के लिए छह महीने की छूट दी गई थी। इसकी अवधि 31 अगस्त को समाप्त हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 के कारण मोरेटोरियम अवधि के दौरान ब्याज पर छूट देने की दिशा में निर्देश देने वाली याचिका पर सुनवाई की। केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि ऋण स्थगन दो साल के लिए बढ़ सकता है। लेकिन यह कुछ ही सेक्टरों को दिया जाएगा।
अगर आपने तीन महीने किस्त न चुकाने का विकल्प चुना था, तो आपके लोन की अवधि तीन महीने बढ़ जाएगी और इन तीन महीने के दौरान लगने वाला ब्याज भी आपसे वसूला जाएगा। आगे की ईएमआई के साथ यह ब्याज जोड़ दिया जाएगा। बैंकों के नियम और शर्तें अलग-अलग भी हो सकती हैं।
लेकिन ग्राहकों को दो विकल्प मिल सकते हैं- विकल्प 1 : ब्याज दर बकाया राशि में जोड़ी जा सकती है, जिससे बाकी के महीनों की ईएमआई बढ़ जाएगी। विकल्प 2 : ग्राहकों की लोन की अवधि बढ़ सकती है। ऐसे में उनकी ईएमआई में कोई बदलाव नहीं होगा। इसके तहत लोन की जितनी ज्यादा अवधि बची होगी, उतना ही ग्राहकों पर बोझ बढ़ेगा।
आइए इसे उदाहरण से समझते हैं:
अगर ग्राहक ने 8.5 फीसदी ब्याज पर 20 लाख रुपये का होम लोन लिया है और उसने पहले ही 105 ईएमआई का भुगतान कर लिया है, तो बकाया मूल राशि 15,05,408 रुपये हुई, जो उसे 135 और ईएमआई में पूरी करनी है। अब अगर ग्राहक ने तीन महीने की एमआई में छूट का विकल्प लिया था, तो उसे इंटरस्ट कम्पोनेंट के तौर पर 32,217 रुपये देने होंगे। अगर वह अपनी पहले वाली ईएमआई की रकम (17,356 रुपये) को जारी रखना चाहता है, तो वह 140 महीनों में लोन पूरा कर सकेगा। यानी इससे उसकी लोन की अवधि पांच माह बढ़ जाती है।
क्या है लोन मोरेटोरियम?
आरबीआई द्वारा दी गई लोन मोरेटोरियम की सुविधा के तहत ग्राहकों को ईएमआई टालने का विकल्प मिला। यानी अगर आपने बैंक से किसी भी प्रकार का लोन लिया है, तो आरबीआई ने आपको अपनी जरूरत के अनुसार, छह माह तक के लिए लोन की ईएमआई का भुगतान नहीं करने का विकल्प दिया।
कब से शुरू हुआ था मोरेटोरियम?
केंद्रीय बैंक की ओर से ग्राहकों को छह महीने के लिए- मार्च, अप्रैल, मई, जून, जुलाई और अगस्त के लिए अपने लोन की ईएमआई टालने का विकल्प दिया गया।
इसे कितनी बार बढ़ाया गया?
कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने पहले 1 मार्च 2020 से लेकर 31 मई 2020 तक सभी टर्म लोन के पेमेंट पर तीन महीने की मोहलत दी थी। बाद में इसे अतिरिक्त तीन महीने के लिए यानी अगस्त 2020 तक बढ़ाया गया।
मोरेटोरियम आगे नहीं बढ़ाने का क्या अर्थ है?
छह अगस्त 2020 को हुई एमपीसी बैठक में लोन की ईएमआई टालने की अवधि नहीं बढ़ाई गई। यानी 31 अगस्त के बाद मोरेटोरियम की अवधि खत्म हो जाएगी। जिन ग्राहकों ने इस सुविधा का लाभ उठाया था, उन्हें सितंबर से फिर से अपने होम लोन, व्हीकल लोन और पर्सनल लोन पर मार्च से पहले की तरह किस्त चुकानी होगी।