ताज़ा खबरें
संभल हिंसा: सपा सांसद बर्क और पार्टी विधायक के बेटे पर मुकदमा
संसद में अडानी के मुद्दे पर हंगामा, राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित
संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा:अब तक 4 लोगों की मौत
निज्जर हत्याकांड: कनाडा में चार भारतीयों के खिलाफ सीधे होगा ट्रायल
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने पर होने वाले राजस्व के नुकसान पर केंद्र राज्यों को हर तिमाही में अस्थायी क्षतिपूर्ति करेगा। अंतिम राजस्व में होने वाले नुकसान की राशि के भुगतान का निर्णय सीएजी के ऑडिट के बाद होगा। केंद्र ने जीएसटी क्षतिपूर्ति कानून के मसौदे को शनिवार को सार्वजनिक करते हुए कहा कि राजस्व में नुकसान की पूर्ति पहले पांच साल लग्जरी समान और तंबाकू जैसे सिन गुड्स पर उपकर लगा कर की जाएगी जिसे ‘जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर’ के नाम से जाना जाएगा। पांच साल के दौरान उपकर से प्राप्त अतिरिक्त राशि ‘जीएसटी क्षतिपूर्ति कोष’ में जमा होगी, जिसे केंद्र और राज्यों में बराबर बांटा जाएगा। इस कानून के मसौदे पर वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाले जीएसटी परिषद की 2-3 दिसंबर को होने वाली अगली बैठक में चर्चा होगी।

इसमें सभी राज्यों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। जीएसटी से जुड़े कानूनों का मसौदा हुए सार्वजनिक सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुडे़ तीन कानूनों में हित धारकों के सुझाव को शामिल करते हुए संशोधित मसौदे को शनिवार को सार्वजनिक कर दिया। संशोधित मसौदे को आगामी 2 एवं 3 दिसंबर को होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक में रखा जाएगा, जिस पर परिषद अंतिम फैसला लेगी। केन्द्रीय वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव हंसमुख अधिया ने बताया कि मॉडल जीएसटी कानून, आईजीएसटी कानून और जीएसटी मुआवजा कानून को केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। इन कानूनों को जीएसटी परिषद की अगली बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि संशोधित मसौदे पर राज्य अब आंतरिक रूप से विचार करेंगे जिसे परिषद की कानून उपसमिति ने अंतिम रूप दिया है। इस उपसमिति में केंद्र और राज्य दोनों के अधिकारी शामिल हैं। केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) का गठन मॉडल जीएसटी कानून के आधार पर किया जाएगा। राज्य अपने राज्य के जीएसटी (एसटीएसटी) का मसौदा सीजीएसटी के आधार पर मामूली बदलाव के साथ तैयार करेंगे। परिषद की मंजूरी के बाद जीएसटी से जुड़े चार विधेयक के मसौदों को संसद और राज्य के विधानसभाओं से पारित कराया जाएगा। इनमें केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी, एकीकृत जीएसटी और राजस्व की हानि को लेकर बने राज्य मुआवजा कानून शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार ने अप्रत्यक्ष कर की इस नई प्रणाली को 1 अप्रैल 2017 से लागू करने का मन बनाया है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख