नई दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन यानी दोबारा पूंजी निर्माण के मद में सरकार ने गुरुवार को 80 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च के लिए संसद की अनुमति मांगी। वित्त राज्यमंत्री पी. पी. चौधरी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली की ओर से वर्ष 2017-18 के लिए अनुपूरक मांग की तीसरी खेप लोकसभा में मंजूरी के लिए पेश की।
अनुपूरक अनुदान बाद में राज्यसभा में प्रस्तुत किया गया। अतिरिक्त खर्च की मांग सार्वजनिक 'बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन पर होने वाले अतिरिक्त व्यय की पूर्ति के लिए की गई है, जोकि सरकारी सिक्योरिटीज की इश्यू के माध्यम से किया जाएगा।'
आर्थिक विकास की गति तेज करने के मकसद से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सरकारी क्षेत्र के बैंकों को प्रोत्साहन पैकेज प्रदान करने के लिए 2.11 लाख करोड़ रुपये की रिकैपिटलाइजेशन की योजना को अक्टूबर में मंजूरी प्रदान की थी।
सरकार ने दिसंबर में वित्त वर्ष 2017-18 के लिए अनुपूरक मांग की दूसरी खेप में 66,113 करोड़ रुपये का अनुदान की मांग की थी, जिसमें गरीबों के लिए बिजली कनेक्शन और यूरिया सब्सिडी का भुगतान की स्कीमों पर खर्च शामिल था।