नई दिल्ली: जीएसटी काउंसिल के बैठक में सरकार ने अहम फैसला लेते हुए 29 वस्तुओं और 53 सेवाओं के जीएसटी रेट में बदलाव किया है। जीएसटी परिषद की बैठक में हैंडीक्राफ्ट की 29 वस्तुओं को शून्य जीएसटी के स्लैब में रख दिया। यानी इन 29 सामानों पर जीएसटी नहीं लगेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी में लाने पर अभी विचार नहीं हुआ है।
जीएसटी की नई दरें 25 जनवरी से लागू करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस परिषद की 25वीं बैठक में रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया को आसान बनाने पर भी चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल की अगली यानी 26 वीं बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये होगी। जिसमें सब कुछ साफ हो जाएगा।
पेट्रोल-डीजल पर विचार नहीं
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जो आयटम जीएसटी से बाहर हैं उन पर आज के बैठक में चर्चा नहीं हुई है, जिसमें पेट्रोलियम प्रोडक्ट भी शामिल हैं।
उन्होंने उम्मीद जताई कि अगली बैठक में पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर भी चर्चा की जाएगी। इतना ही नहीं, अगली बैठक में कच्चे तेल, प्राकृतिक गैस, पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन एटीएफ और रीयल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार किया जा सकता है। बता दें कि जीएसटी परिषद में सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
अरुण जेटली ने कहा कि इस बैठक में मुख्यमंत्रियों की तरह से कई तरह के सुझाव आए, जिनमें से कुछ को स्वीकार कर लिया गया और कुछ को रिजेक्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में रिटर्न फाइलिंग के प्रोसेस पर भी चर्चा हुई। मगर अभी रिटर्न की फाइलिंग पहले की तरह ही चलती रहेगी। हालांकि, अभी इस पर अभी फैसला नहीं लिया गया।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आज के बैठक में ज्यादातर चीजों पर सिर्फ चर्चा हुई। अभी फाइनली अप्रूव नहीं किया गया है। इस बैठक में नंदन नीलेकणी भी शामिल थे। अरुण जेटली ने बताया कि काउंसिल की ओर से 53 श्रेणियों में आने वाली सेवाओं पर भी जीएसटी दर को कम किया गया है केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी रिटर्न के सरलीकरण को लेकर भी चर्चा हुई।
उन्होंने बताया कि नंदन नीलेकणी ने इस संबंध में एक विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया और सुशील मोदी ने भी रास्ते सुझाए। मगर अभी इस पर फाइनल बात नहीं बनी है। बता दें कि जीएसटी काउंसिल की यह 25 वीं मीटिंग थी। अनुपालन के बोझ को कम करने के लिए परिषद ने इस विचार पर चर्चा की कि पंजीकृत इकाइयां जीएसटीआर 3 बी फॉर्म में जीएसटी रिटर्न दाखिल करना जारी रखें। वहीं इसके साथ ऐसी प्रणाली की ओर बढ़ा जाए जिसमें आपूर्तिकर्ता के इन्वॉयस मे लेनदेन का ब्योरा आ जाए।
जेटली ने कहा कि इस बारे में राज्यों को लिखित में जानकारी भेजने के बाद नई प्रक्रिया को जीएसटी परिषद की अगली बैठक में अंतिम रूप दिया जा सकता है। जीएसटी परिषद की अगली बैठक की तारीख अभी तय नहीं की गई है।
वित्त मंत्री ने बताया कि ट्रांसपोर्टरों को राज्यों के बीच 50,000 रुपये से अधिक मूल्य के सामान या माल की आपूर्ति के लिए अपने साथ इलेक्ट्रानिक वे बिल या ई-वे बिल रखना होगा। यह व्यवस्था एक फरवरी से क्रियान्वित की जा रही है। इससे कर चोरी रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि 15 राज्यों ने राज्य में वस्तुओं की आवाजाही के लिए ई-वे बिल प्रणाली को लागू करने का फैसला किया है। जीएसटी को पिछले साल एक जुलाई से लागू किया गया था, लेकिन ई-वे बिल के प्रावधान को आईटी नेटवर्क की तैयारियां पूरी नहीं होने की वजह से टाल दिया गया था।