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नई दिल्ली: देश में ऑनलाइन खुदरा कारोबार (ई-कॉमर्स) का राजस्व अगले पांच वर्षों में दोगुना बढ़ जाएगा। डिजिटल और विपणन कंपनी ‘एडमिटेड’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि देश में ई-कॉमर्स का बाजार सालाना काफी तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2017 में कुल जनसंख्या के करीब 37% लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते थे, इनमें से 14% नियमित रूप से ऑनलाइन खरीदारी कर रहे थे। जनसंख्या में इंटरनेट उपयोक्ताओं की यह भागीदारी वर्ष 2021 तक बढ़कर 45 प्रतिशत होने की उम्मीद है।

इसी तरह ऑनलाइन खरीदारों की संख्या भी करीब 90 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है। रिपोर्ट बताती है कि आधे से अधिक ऑनलाइन भारतीय खरीदार आपूर्ति के समय भुगतान (पीओडी) यानी कैश ऑन डिलीवरी को वरीयता देते हैं। इसी तरह डिजिटल भुगतान के समय 15 प्रतिशत डेबिट कार्ड से जबकि 11 प्रतिशत क्रेडिट कार्ड से भुगतान को वरीयता देते हैं।

रिपोर्ट में निकट भविष्य में डिजिटल भुगतान में इजाफा होने की उम्मीद जताई गई है, क्योंकि मोबाइल उपयोक्ताओं की बढ़ती संख्या के साथ सरकार नागरिकों को गैर नकदी वाले भुगतान के लिए प्रोत्साहित कर रही है, जिसका असर इस क्षेत्र में भी दिखेगा।

मोबाइल से खरीदारी बढ़ेगी

वर्तमान में ई-कॉमर्स उपभोक्ता ज्यादातर खरीद (56%) डेस्कटॉप के जरिये कर रहे हैं, जबकि ऑनलाइन खरीद में स्मार्टफोन का हिस्सा अभी 30 फीसदी है। लेकिन वर्ष 2020 तक मोबाइल घनत्व बढ़कर जनसंख्या का 54% होने की उम्मीद है, ऐसे में मोबाइल की ई-कॉमर्स राजस्व में भागीदारी बढ़कर 70 फीसदी हो सकती है।

12 करोड़ भारतीयों ने ई-शॉपिंग की

वर्ष 2017 में करीब 12 करोड़ लोगों के ऑनलाइन खरीदारी करने का अनुमान है। उद्योग संगठन एसोचैम और रिसर्जेंट द्वारा किए अध्ययन के अनुसार उपभोग और लॉजिस्टिक में सुधार होने से इस वर्ष ऑनलाइन खरीदारी करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी का अनुमान है। यह संख्या करीब 12 करोड़ पहुंचने की संभावना है। इससे पहले वर्ष 2016 में 10.5 करोड़ लोगों ने ऑनलाइन शॉपिंग की थी। अध्ययन में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बंगेलुरु, अहमदाबाद, हैदराबाद, पुणे जैसे कई शहरों के लोग शामिल थे।

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