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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति के आम चुनाव से पहले हुए ताजा चुनावी सर्वेक्षण में डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ने अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रम्प पर नौ अंकों की बढ़त बनाई है। यौन उत्पीड़न के आरोपों से ट्रम्प के विवादों में घिरने के बीच कराए गए चुनावी सर्वेक्षण में हिलेरी (47 प्रतिशत) ने ट्रम्प (38 प्रतिशत) पर नौ अंकों की बढ़त बनाई। ‘सीबीएस न्यूज’ के अनुसार हिलेरी की नौ अंकों की यह बढ़त चार उम्मीदवारों के बीच कराए गए सर्वेक्षण में रही, जबकि दो उम्मीदवारों के बीच कराए गए सर्वेक्षण में उन्होंने 11 अंकों की बढ़त ली और ऐसा पहली बार है जब मतदाताओं के बीच हिलेरी की लोकप्रियता 51 प्रतिशत के पार पहुंची है। इस चुनाव को कई लोग अपराजेय मान रहे हैं क्योंकि आठ नवंबर को होने वाले आम चुनाव में अब महज तीन हफ्ते बाकी हैं। लिबरेशन के उम्मीदवार गैरी जॉनसन के संभावित मतदाता आठ प्रतिशत रहे जबकि ग्रीन पार्टी के उम्मीदवार जिल स्टीन को तीन प्रतिशत मत मिले। समाचार चैनल ने बताया कि दो सप्ताह पहले हिलेरी को चार अंकों की बढ़त मिली थी। इसके अनुसार, दो उम्मीदवारों के बीच हुए सर्वेक्षण में किसी तीसरी पार्टी के उम्मीदवार का नाम शामिल नहीं था। इस तरह के सर्वेक्षण में छात्रों सहित संभावित मतदाताओं में हिलेरी ने ट्रम्प पर 40 प्रतिशत के मुकाबले 51 प्रतिशत की बढ़त बनाई थी। पुरुष मतदाताओं के बीच ट्रम्प दो प्रतिशत मतों से आगे रहे और महिला मतदाताओं में यह अंतर 19 प्रतिशत था। श्वेत मतदाताओं में भी ट्रम्प हिलेरी के मुकाबले छह प्रतिशत अंक से आगे चल रहे थे जबकि श्वेत महिलाओं में वह महज दो प्रतिशत से पिछड़ रहे थे।

अलेप्पो: सीरिया के अलेप्पो में हवाई हमले में कम से कम 12 नागरिक मारे गए जिससे बम हमले में पिछले 24 घंटे में मरने वालों की संख्या 45 हो गई है। यह जानकारी एक निगरानी समूह ने दी है। ब्रिटेन की सीरियाई ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि पूर्वी अलेप्पो के मारजेह में मारे गए बागियों में पांच बच्चे शामिल हैं। मलबे के नीचे दर्जनों और लोग जख्मी हैं या फंसे हुए हैं। ऑब्जर्वेटरी के प्रमुख रामी अब्देल रहमान ने कहा कि मारे गए 45 नागरिकों में से सबसे ज्यादा कातेरजी के हैं जहां रात के दौरान रूसी हमले में 17 लोग मारे गए। पूर्वी जिले में एएफपी के एक संवाददाता ने कहा कि व्हाइट हेलमेट के बचावकर्मी सोमवार की सुबह तक काम कर रहे थे ताकि कातेरजी में मलबे से करीब 20 लोगों को बाहर निकाला जा सके। सिविल डिफेंस के एक कार्यकर्ता ने कहा कि आकाश में मंडरा रहे युद्धक विमानों के और हवाई हमले की आशंका को देखते हुए रात के दौरान वे राहत मिशन पूरा नहीं कर सके।

नई दिल्ली: पाकिस्तान के बलोच में पाकिस्तानी सेना के अत्याचार की कुछ नई तस्वीरें सामने आई है। पाकिस्तानी सेना ने बलूचिस्तान के कई इलाकों में में सैन्य कार्रवाई की है और कई लोगों का अपहरण किया है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना ने इस ऑपरेशन के दौरान बलोच नागरिकों पर बेइंतहा जुल्म ढाए है। इस दौरान महिलाओं को सेना ने अगवा किया है। साथ ही नसीराबाद में बलोच नागरिकों के घर में आग लगाई गई है। पिछले तीन दिनों से जारी पाक सेना के इस ऑपरेशन में 25 से ज्यादा घर और गाड़ियां जलाई गई है। बताया जा रहा है कि इस दौरान एक बलोच नागरिक की भी मौत भी हो गई है। पाकिस्तानी सेना ने ये ऑपरेशन बलोच के शिरानी, छेतार, होती और कुनरी इलाके में किया है। बलोच रिपब्लिकन पार्टी के प्रवक्ता शेर मोहम्मद बुग्ती के मुताबिक पाकिस्तान के सशस्त्र सुरक्षाबलों की ओर से की गई अंधाधुंध गोलीबारी में एक बेकसूर बलोच की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी बलों ने छेतार,शिरानी, होती और नसीराबाद से सटे हुए इलाकों में सैनिक कार्रवाई की है। बुग्ती ने कहा कि जिस इलाके में बलोच नागरिक की मौत हुई है,वहां हेलिकॉप्टरों ने अंधाधुंध बमबारी की है 

वॉशिंगटन: देश में राष्ट्रपति पद के लिए होने जा रहे चुनावों को लेकर आधे से अधिक अमेरिकी तनाव में हैं ओर जो लोग सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं उन पर तनाव हावी होने की आशंका अधिक है। अमेरिका के इतिहास में होने जा रहे सर्वाधिक विषमता भरे इन चुनावों से पहले किए गए एक सर्वेक्षण में यह दावा किया गया है। मीडिया के हर रूप में दैनिक कवरेज में राष्ट्रपति पद के चुनाव का वर्चस्व है। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन ने अमेरिका में रह रहे 18 साल से अधिक उम्र के 3,511 वयस्कों को इस ऑनलाइन सर्वे में शामिल किया। एपीए के व्यावहारिक अनुसंधान एवं नीतिगत मामलों के लिए सहायक कार्यपालक निदेशक लिन बुफका ने बताया ‘हम देख रहे हैं कि आपका डेमोक्रेट या रिपब्लिकन के तौर पर पंजीकृत होना मायने नहीं रखता। अमेरिकी वयस्कों का कहना है कि इन चुनावों के कारण वह बेहद तनाव में हैं।’ बुफका ने कहा ‘सोशल मीडिया पर बहस, तर्कों, खबरों और वीडियो की वजह से चिंता, अवसाद बढ़ सकते हैं, खास उन हजारों टिप्पणियों से जो तथ्यात्मक, शत्रुतापूर्ण या फिर भड़काउ होती हैं।’ सर्वे में यह भी पता चला है कि सोशल मीडिया चुनाव और इससे संबंधित विषयों के संबंध में अमेरिकियों के तनाव के स्तर को प्रभावित करता प्रतीत होता है।

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