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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

बीजिंग: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पाकिस्तान को ‘आतंकवाद की जननी’ करार देने के एक दिन बाद सोमवार को चीन ने अपने इस पुराने दोस्त का यह कहते हुए बचाव किया कि वह किसी देश या धर्म को आतंकवाद के साथ जोड़े जाने के विरूद्ध है और उसने विश्व बिरादरी से पाकिस्तान के ‘महान बलिदानों’ को स्वीकार करने का आह्वान किया। गोवा में ब्रिक्स सम्मेलन में मोदी द्वारा पाकिस्तान को ‘आतंकवाद की जननी’ करार दिये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि चीन किसी देश को आतंकवाद के साथ जोड़े जाने के विरूद्ध है। भारत की मुखालफत करने वाले आतंकवादी संगठनों को सहयोग और प्रश्रय देने को लेकर पाकिस्तान की मोदी द्वारा आलोचना किए जाने के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद निरोध पर चीन का रुख सुसंगत है। उन्होंने कहा, ‘इसी तरह, हम आतंकवाद को किसी खास देश या धर्म के साथ जोड़े जाने के विरूद्ध हैं।’ हू ने कहा, ‘हम सभी तरह के आतंकवाद का विरोध करते हैं और हम मानते हैं कि सभी देशों के स्थायित्व और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठित प्रयास की जरूरत है।’ यह जिक्र करते हुए कि भारत और पाकिस्तान ‘सभी आतंकवाद के पीड़ित’ हैं, प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष में बड़ा बलिदान दिया है और इसे अंतरराष्ट्रीय जमात द्वारा स्वीकार किये जाने की जरूरत है।

वॉशिंगटन: अमेरिकी विदेश मंत्री एश्टन कार्टर ने कहा है कि इराकी शहर मोसुल को आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट के कब्जे से वापस लेने के लिए चलाया जा रहा अभियान इस जिहादी समूह को हराने की दिशा में अहम कदम हैं। कार्टर ने इराक के लिए समर्थन जारी रखने का वादा करते हुए कल एक बयान में कहा ‘आईएसआईएल को परास्त करने के लिए यह एक निर्णायक पल है।’ उन्होंने कहा ‘हमें पूरा विश्वास है कि हमारे इराकी भागीदार मोसुल और शेष इराक को आईएसआईएल के क्रूर शिकंजे से मुक्त कराने में एवं हमारे साझा शत्रु के खिलाफ अवश्य जीतेंगे।’ कार्टर ने जोर देते हुए कहा ‘इस कठिन लड़ाई में अमेरिका और शेष अंतरराष्ट्रीय गठबंधन इराकी सुरक्षा बलों, पेशमेरगा लड़ाकों और इराक की जनता के साथ खड़े हैं।’ इराक के उत्तरी शहर मोसुल में जून में आईएस प्रमुख अबु बकर अल बगदादी ने खलीफा शासन लगाने का ऐलान किया था तथा इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर आईएस ने कब्जा कर लिया था। तब से ईरान और अमेरिका नीत गठबंधन के सहयोग से इराकी बलों ने आईएस के कब्जे से काफी हिस्से को मुक्त कराते हुए अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है। मोसुल इराक में इस चरमपंथी समूह का अंतिम बड़ा गढ़ है।

अमेरिका: राष्ट्रपति पद के रिपब्लिक उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी हिलेरी क्लिंटन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने उम्मीवारों की बहस से पहले ड्रग ले कर अपनी शारीरिक क्षमता बढ़ाई है और चुनौती दी है कि वह लास वेगास में तीसरी एवं अंतिम बहस से पहले ‘ड्रग टेस्ट’ कराएं। ट्रंप के बयान ने व्हाइट हाउस की होड़ को एक बेतुका मोड़ दे दिया। राष्ट्रीय सर्वेक्षणों में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार से बहुत पीछे चल रहे 70 साल के बड़बोले अरबपति रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने 68 साल की हिलेरी की शारीरिक क्षमताओं पर सवाल खड़ा करते हुए दलील दी कि रविवार की बहस की शुरूआत में हिलेरी ताकत से लबरेज थीं, लेकिन बहस के अंत में निढाल थीं। ट्रंप ने अपने अप्रमाणित दावों के पक्ष में कोई सबूत पेश नहीं किया। रिपब्लिक उम्मीदवार ने न्यू हैंपशायर में एक चुनावी सभा में अपने समर्थकों के जयजयकार के बीच कहा, पिछली बहस की शुरूआत में, वह शुरू में ताकत से लबरेज थीं, लेकिन अंत में वह निढाल थीं। वह किसी तरह अपनी कार तक पहुंच सकीं। ट्रंप ने कहा, ‘मैं समझता हूं कि हमें ड्रग टेस्ट देना चाहिए। मैं ऐसा करने का इच्छुक हूं।’ हाल-फिलहाल, रिपब्लिकन नेता ने हिलेरी पर निजी हमले बढ़ा दिए हैं। वह पहले डेमोक्रेटिक नेता को ‘क्रुक्ड हिलेरी’ कहते थे और साथ ही कहा करते थे कि अगर वह 8 नवंबर के चुनाव में जीत कर राष्ट्रपति बने तो वह हिलेरी को जेल भेजेंगे। पूर्व विदेशमंत्री हिलेरी 11 सितंबर एक कार्यक्रम में डगमगा गई थीं और लगभग गिर पड़ी थी। इसके बाद ट्रंप ने कहा था कि हिलेरी में शारीरिक क्षमता नहीं है। बाद में निदान में पता चला कि हिलेरी न्यूमोनिया से ग्रस्त थीं।

सोल: दक्षिण कोरिया और अमेरिका का कहना है कि उत्तर कोरिया का ताजा मिसाइल परीक्षण असफल हो गया क्योंकि प्रक्षेपण के तत्काल बाद ही इसके प्रोजेक्टाइल में विस्फोट हो जाने की खबर है। दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ ने एक बयान में बताया कि सेना का मानना है कि उत्तर कोरिया ने मध्यम दूरी की मुसुदान मिसाइल का प्रक्षेपण करने का प्रयास किया था। उसने कहा कि यह असफल प्रक्षेपण उत्तर कोरिया के उत्तरी प्रांत प्योंगान में एक हवाई अड्डे के समीप किया गया। दक्षिण कोरिया की योनहैप समाचार एजेंसी ने बताया कि समझा जाता है कि मिसाइल में प्रक्षेपण के तत्काल बाद ही विस्फोट हो गया। एजेंसी ने इस सूचना के लिए हालांकि किसी स्रोत का हवाला नहीं दिया है। बयान के अनुसार, इस प्रक्षेपण की दक्षिण कोरिया ने कड़ी निंदा की है क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के उन संकल्पों का उल्लंघन करता है जिनके तहत उत्तर कोरिया द्वारा कोई भी बैलिस्टिक गतिविधियों को अंजाम दिए जाने पर प्रतिबंध है। अमेरिकी सेना ने पहले खबर दी थी कि शुक्रवार की दोपहर को प्रक्षेपण का प्रयास किया गया था और मिसाइल से उत्तर अमेरिका के लिए कोई खतरा नहीं है। उत्तर कोरिया की इस कार्रवाई की अमेरिका ने कड़ी निंदा की है। पेंटागन के प्रवक्ता कमांडर गैरी रोज ने कहा, ‘हम इसकी और उत्तर कोरिया के अन्य हालिया मिसाइल परीक्षणों की निंदा करते हैं जो उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक मिसाइल प्रौद्योगिकी का उपयोग कर प्रक्षेपण करने पर प्रतिबंध लगाने वाले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी चिंता संयुक्त राष्ट्र के समक्ष रखेगा।

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