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वाशिंगटन: डोनाल्‍ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्‍ट्रपति पद की शपथ ले ली। अमेरिका के मुख्‍य न्‍यायाधीश ने उन्‍हें शपथ दिलाई। ट्रंप से पहले माइक पेंस ने उपराष्‍ट्रपति पद की शपथ ली। इस तरह अमेरिका में ट्रंप युग की शुरुआत हो गई। ट्रंप ने शपथ ग्रहण करने के बाद कहा, 'हम अधिकारों को वाशिंगटन डीसी से हस्तांतरित कर आप लोगों को वापस दे रहे हैं। उन्‍होंने कहा, '20 जनवरी, 2017 को आम लोगों के इस देश का शासक बनने के दिन के तौर पर याद किया जाएगा।' ट्रंप ने कहा कि उनका राष्ट्रपति के रूप में कार्यकाल ‘आने वाले कई सालों के लिए’ अमेरिका, दुनिया की दिशा तय करेगा। राष्ट्रपति ने कहा, 'हम इस्लामी कट्टरपंथ को दुनिया के नक्शे से पूरी तरह खत्म कर देंगे।' ट्रंप (70) ने नेशनल मॉल में सर्द मौसम के बीच करीब आठ लाख लोगों के समक्ष शपथ ली। राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप ने हिलेरी क्लिंटन को पराजित किया था। उन्होंने अब्राहम लिंकन की बाइबल पर हाथ रखकर पद की शपथ ली और इसके साथ ही वह उस कुर्सी पर आसीन हो गए जो दुनिया में सबसे शक्तिशाली कही जाती है। माइक पेंस ने उप राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। उन्होंने ट्रंप से पहले शपथ ली। शपथ से पहले ट्रंप ने व्हाइट हाउस में बराक ओबामा से मुलाकात की। उन्होंने ओबामा का स्थान लिया है जो 2009 में राष्ट्रपति बने थे और अपने दो कार्यकाल पूरे किए हैं। अमेरिका में 1789 में जॉर्ज वाशिंगटन के पहले राष्ट्रपति के तौर पर शपथ लेने के बाद से यह राष्ट्रपति पद का 58वां शपथ ग्रहण समारोह था। ओबामा और उनकी पत्नी मिशेल ने व्हाइट हाउस में ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया का अभिवादन किया।

वाशिंगटन: अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ग्रहण करने की पूर्व संध्या पर डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकियों से कड़ी मेहनत करने एवं चीजों को दुरुस्‍त करने का वादा किया और देश को एकजुट करने का संकल्प लिया। लिंकन मेमोरियल में आयोजित ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ रैली एवं कन्सर्ट में एकत्र हुए हजारों लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि हम अपने देश को एकजुट करेंगे और अमेरिका को फिर से महान बनाएंगे। हम हमारे लोगों, देशभर में हर किसी के लिए अमेरिका को महान बनाएंगे। ट्रंप ने अपनी पत्नी एवं भावी प्रथम महिला मेलानिया ट्रंप, बेटी इवांका एवं दामाद जादेर कुशनेर, बेटे एवं उनके परिवार के साथ करीब ढाई घंटे तक चले कन्सर्ट का आनंद उठाया। ट्रंप ने युवा सैन्य कर्मियों, पूर्व सैनिकों और आम लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में अमेरिका में चीजें अच्छे के लिए बदलेंगी। उन्होंने दोहराया कि उनकी मुहिम रोजगार को वापस लाने और सेना एवं देश की सीमाओं को मजबूत करने का वादा करती है। ट्रंप ने कहा कि मैं आपसे वादा करता हूं कि मैं बहुत मेहनत करूंगा, हम चीजों को दुरुस्‍त करेंगे, हम हमारी नौकरियां वापस लेकर आएंगे।

वॉशिंगटन: अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा ने देश में नस्लीय विविधता का समर्थन करते हुए भविष्य में एक महिला, एक हिंदू, एक यहूदी और एक लातिनी के देश का राष्ट्रपति बनने की उम्मीद जताई और कहा कि विविध नस्लों एवं आस्थाओं से ऊपर उठने वाले योग्य लोग अमेरिका की ताकत को दर्शाते हैं। ओबामा ने अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर व्हाइट हाउस में अपने अंतिम संवाददाता सम्मेलन में कल कहा, ‘यदि हम सभी के लिए अवसर खुले रखते हैं तो हां, हमें एक महिला राष्ट्रपति मिलेगी, हमें एक लातिनी राष्ट्रपति मिलेगा और हमें एक यहूदी, एक हिंदू राष्ट्रपति मिलेगा।’ अमेरिका में जातीय, नस्लीय एवं धार्मिक विविधता का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा, ‘कौन जानता है कि हमें कौन सा राष्ट्रपति मिलेगा। मुझे लगता है कि हमें एक बिंदु पर ऐसे राष्ट्रपति मिलेंगे जिसके बारे में वास्तव में किसी को नहीं पता होगा कि उन्हें क्या कह कर पुकारना है और यह अच्छा है।’ उनसे यह पूछा गया था कि क्या वे फिर से किसी अश्वेत राष्ट्रपति के चुने जाने की उम्मीद करते हैं। ओबामा ने वर्ष 2008 में जबरदस्त जीत हासिल करके अमेरिका का पहला अश्वेत राष्ट्रपति बनकर इतिहास रचा था। उन्हें वर्ष 2012 में पुन: राष्ट्रपति चुना गया। रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप कल शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति पद का कार्यकाल संभालेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम देखेंगे कि योग्य लोग हर जाति, आस्था से उपर उठेंगे क्योंकि यही अमेरिका की ताकत है। जब हर किसी को मौका मिलता है और हर कोई मैदान में होता है तो हम और बेहतर होते हैं।’

इस्लामाबाद: पनामागेट मामले को लेकर घिरे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आज संसद में एकजुट विपक्ष का सामना करना पड़ा जब उनके खिलाफ सदन में ‘झूठी’ बातें रखने को लेकर विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया गया। नेशनल असेंबली में नेता प्रतिपक्ष सैयद खुर्शीद शाह ने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव पेश किया जिसमें प्रधानमंत्री के वकील की ओर से उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका का उल्लेख किया गया है। इस प्रस्ताव पर सात अन्य सांसदों ने भी हस्ताक्षर किए हैं। इसमें कहा गया है, ‘बीते 16 जनवरी को प्रधानमंत्री के वकील की ओर से उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका और प्रधानमंत्री शरीफ के असेंबली में दिए उस भाषण में मेल नहीं है जिसमें शरीफ ने पनामा पेपर्स मामले में अपनी स्थिति स्पष्ट की थी और अनुच्छेद 66 का इस्तेमाल किया था। प्रधानमंत्री ने असेंबली को सच नहीं बताया है।’ प्रस्ताव में कहा गया है कि बयानों में विसंगतियां इस बात को दर्शाती हैं कि प्रधानमंत्री ने जानबूझ कर झूठ बोला जो सदन की स्पष्ट अवमानना है। इसमें कहा गया है, ‘पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 91:6: के तहत प्रधानमंत्री और कैबिनेट संसद के प्रति सामूहिक रूप से जवाबदेह हैं और उनका पूरा सच बताना होता है।’ उधर, पनामागेट मामले की सुनवाई कर रही सर्वोच्च न्यायालय की बड़ी पीठ ने आज शरीफ के वकील को याद दिलाया कि यह मामला प्रधानमंत्री के तौर पर शरीफ की योग्यता से संबंधित है। सुनवाई के दौरान जस्टिस शेख अजमत सईद ने कहा कि मामले ने शरीफ के प्रधानमंत्री कार्यालय के दावे को चुनौती दी है।

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