वाशिंगटन: बराक ओबामा ने अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में विदाई से पहले डोनाल्ड ट्रंप के आगामी प्रशासन में देश को उम्मीद का संदेश देते हुए अमेरिकियों को भरोसा दिलाया कि ‘सब ठीक होगा’। इसके साथ ही उन्होंने यह भी संकल्प लिया कि वह देश के बुनियादी मूल्यों को खतरा पैदा होने पर आवाज उठाएंगे। ओबामा ने व्हाइट हाउस में अपने अंतिम संवाददाता सम्मेलन के समापन पर कहा कि मेरा मानना है कि सब ठीक होगा। उन्होंने कहा कि हमें इसके लिए केवल लड़ना होगा, इसके लिए काम करना होगा और इसके हल्के में नहीं लेना होगा। ओबामा ने कहा कि उन्होंने उनके बाद राष्ट्रपति पद संभालने वाले ट्रंप को अपने सुझाव दे दिए हैं। ट्रंप 20 जनवरी को राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालेंगे। ओबामा ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के साथ अपनी वार्ता का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने विदेशी एवं घरेलू संबंधी निश्चित मामलों पर अपनी सर्वश्रेष्ठ सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि मेरी कई पहलों एवं देश को जिस दिशा में ले जाने की आवश्यकता है, उसे लेकर मेरी सोच के कुछ पहलुओं के विरोध में चुनाव जीतने के बाद यही उचित होगा कि वह अपनी सोच एवं मूल्यों के साथ आगे बढ़ें। ओबामा ने कहा कि वह अब लेखन को अपनी प्राथमिकता बनाना चाहेंगे और अपनी बेटियों एवं पत्नी मिशेल ओबामा के साथ समय व्यतीत करना चाहेंगे। ओबामा ने कहा कि यदि व्यवस्थित तरीके से भेदभाव लागू करने, मतदान के अधिकार समाप्त करने, प्रेस की स्वतंत्रता को बाधित करने या युवा प्रवासियों को घेरने का कोई भी प्रयास होता है तो वह जरूर आवाज उठाएंगे।
चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने मुसलमानों को अमेरिका में प्रवेश करने से रोकने और लाखों अवैध प्रवासियों को उनके देश भेजने का संकल्प लिया था। आठ नवंबर को हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में ट्रंप की जीत के बाद ओबामा उनसे मात्र एक बार मिले हैं लेकिन दोनों नेताओं ने फोन पर कई बार बात की है। दोनों की आखिरी बार बातचीत सोमवार को हुई थी। उनके बीच हुई बातचीत के ब्यौरे के बारे में पूछे जाने पर ओबामा ने कहा कि मैं नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हुई मेरी बातचीत का ब्यौरा नहीं दूंगा। वार्ताएं सौहार्दपूर्ण रहीं। कई बार वे काफी लंबी रहीं और बहुत महत्वपूर्ण रहीं। ओबामा ने कहा कि ट्रंप जब कार्यालय आएंगे तो हरेक के लिए स्वास्थ्य की देखभाल मुहैया कराने और देशभर में रोजगार सृजन एवं वेतन वृद्धि सुनिश्चित करने जैसे मामलों में पैदा होने वाली जटिलताओं को देखने के बाद वह भी उन्हीं निष्कर्षों पर पहुंचेंगे जिन पर ओबामा पहुंचे थे। ओबामा ने रूस के बारे में बात करते हुए क्रेमलिन के साथ रचनात्मक संबंधों को अमेरिका एवं दुनिया के हित में बताया लेकिन साथ ही उन्होंने प्रतिबंध लगाए जाने के फैसले को भी सही ठहराया। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि यह अमेरिका एवं विश्व के हित में है कि हमारे रूस के साथ रचनात्मक संबंध हों। राष्ट्रपति रहते हुए यही मेरा दृष्टिकोण रहा है। हमारे हितों का टकराव होने की स्थिति में हमने मिलकर काम किया है। ओबामा ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल की शुरूआत में रूस को अंतरराष्ट्रीय समुदाय का रचनात्मक सदस्य बनने के लिए प्रोत्साहित किया और उसकी अर्थव्यवस्था को विविध बनाने, अर्थव्यवस्था में सुधार करने एवं रूसी लोगों की असाधारण प्रतिभाओं को अधिक रचनात्मक तरीकों से इस्तेमाल करने में मदद करने के लिए रूस सरकार के साथ मिलकर काम करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि व्लादिमीर पुतिन के फिर से राष्ट्रपति बनने के बाद ‘एक विरोधात्मक भावना’ के कारण रूस के प्रति उनकी पहलें नाकाम हो गईं। ओबामा ने कहा कि अमेरिका ने रूस पर परमाणु हथियार के मामले को लेकर प्रतिबंध नहीं लगाए। रूस ने बल प्रयोग करके एक देश, यूक्रेन, की स्वतंत्रता एवं संप्रभुता का अतिक्रमण किया। यह हमारा निर्णय नहीं था, यह संपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समुदाय का फैसला था। उन्होंने कहा कि मैंने रूस से कहा है कि जैसे ही आप ऐसा करना बंद कर देंगे, प्रतिबंध हटा दिए जाएंगे। कई डेमोक्रेटिक सांसदों के ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होने के निर्णय पर ओबामा ने कहा कि मैं बस इतना जानता हूं कि मैं वहां जाउंगा, मिशेल वहां जाएंगी। ओबामा ने विकीलीक्स को गोपनीय दस्तावेज लीक करने के मामले में दोषी ठहराई गई ट्रांसजेंडर सैनिक चेल्सिया मैनिंग की सजा कम किए जाने के अपने निर्णय का बचाव किया और कहा कि वह पहले ही ‘जेल में कड़ी सजा’ काट चुकी है। ओबामा ने मीडिया के बारे में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें चापलूसी करने वाला नहीं बल्कि संदेह करने वाला होना चाहिए।