दावोस: पाकिस्तान के पूर्व सेना प्रमुख जनरल (सेवानिवृत्त) राहील शरीफ ने गुरूवार को कहा कि कश्मीर विभाजन का एक ‘अपूर्ण एजेंडा’ है और लंबे समय से चले आ रहे इस मुद्दे का हल होने पर ही क्षेत्र में स्थिति सामान्य होगी। राहील ने विश्व आर्थिक मंच से इतर यहां ‘पाकिस्तान ब्रेकफास्ट’ सत्र में कहा, ‘पाकिस्तान को शांति की जरूरत है लेकिन कश्मीर मूल मुद्दा है जिसका हल पहले करना होगा।’ यह पूछे जाने पर कि क्या कश्मीर विवाद के हल के बिना दक्षिण एशिया में शांति एवं आर्थिक समृद्धि हासिल की जा सकती है, उन्होंने कहा, ‘‘आगे कैसे बढ़ा जाए, यह स्पष्ट करने के लिए तीन शब्द हैं और वे हैं कश्मीर, कश्मीर एवं कश्मीर।’ द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार राहील ने कश्मीर को 1947 के विभाजन का ‘अपूर्ण एजेंडा’ बताते हुए कहा कि लंबे समय से चले आ रहे कश्मीर मुद्दे का हल होने पर ही क्षेत्र में स्थिति सामान्य होगी। उन्होंने जोर दिया कि मुद्दे का हल कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं एवं दक्षिण एशिया में स्थायी शांति हासिल करने से संबंधित संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के अनुरूप ही हो सकता है। राहील ने एक दूसरे सवाल के जवाब में कहा कि पाकिस्तानी में हक्कानी नेटवर्क की मौजूदगी को लेकर बस फिकरेबाजी हो रही हैं। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में और पनाहगाह नहीं हैं और इन आतंकी नेटवर्क एवं उनके प्रशिक्षण शिविरों का पाकिस्तान से खात्मा कर दिया गया है।’
पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि पाकिस्तान अफगानिस्तान के साथ शांति के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है लेकिन ‘अफगानिस्तान में आतंकियों के कई ठिकाने हैं और हमने कई बार (अफगानिस्तान सरकार के साथ) उनकी जगहों की जानकारी साझा की है।’