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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

बीजिंग: चीन ने मंगलवार को कहा कि विशिष्ट परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के प्रवेश के मुद्दे पर वह रूस के संपर्क में है लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि इस मामले में उसकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं है। चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग का बयान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत मास्को के साथ बातचीत कर रहा है और इस बात का प्रयास किया जा रहा है कि इस मुद्दे पर बीजिंग को राजी किया जा सके। हुआ ने मीडिया को बताया, चीन और रूस समेत दूसरे सदस्य करीबी संपर्क रखते हैं हम भी यह मानते हैं कि हमें एनएसजी के सिद्धांतों के मुताबिक कार्रवाई करनी चाहिये। स्वराज की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर हुआ ने कहा कि गैर एनपीटी देशों के एनएसजी की सदस्यता के लिये आवेदन एक बहुस्तरीय सवाल है और इसे एनएसजी के सदस्यों के बीच आम सहमति के आधार पर निपटाया जाना चाहिए। हुआ ने कहा कि हमने इस मुद्दे पर कई बार अपनी स्थिति स्पष्ट की है। हमारी स्थिति अब भी बदली नहीं है। उन्होंने चीन के दो चरणों वाले रुख पर भी जोर दिया - सभी गैर-एनपीटी देशों पर लागू होने वाले गैर भेदभाव वाले प्रस्ताव पर पहुंचना और तब गैर-एनपीटी देशों के आवेदनों पर चर्चा। उन्होंने कहा कि इस महीने बर्न में होने वाले एनएसजी के पूर्ण सम्मेलन में चीन सकारात्मक चर्चा का इच्छुक है।

काबुल: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मंगलवार को तालिबान को चेतावनी दी कि अगर वह शांति का रास्ता नहीं अपनाता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। यहां ‘ काबुल प्रक्रिया’ को संबोधित करते हुए गनी ने बताया कि राजधानी के राजनयिक क्षेत्र में पिछले सप्ताह हुए भीषण ट्रक हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 150 हो गई है। अफगानिस्तान में आए दिन हो रहे हमलों के विरोध में लोग अब सड़कों पर उतर आए हैं। सुरक्षा देने में नाकाम रहने के कारण गनी की तीखी आलोचना के साथ ही उनकी सरकार के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। अफगान राष्ट्रपति ने कहा, हम (तालिबान को) शांति के लिए एक मौका दे रहे हैं। लेकिन यह ऐसा प्रस्ताव नहीं है जो कभी समाप्त ही नहीं होगा। वक्त निकलता जा रहा है। यह आखिरी मौका है। इसे स्वीकार करो या परिणाम भुगतो। काबुल प्रक्रिया एक अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन है जिसका मकसद अफगानिस्तान में शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बनाना है। इस सम्मेलन में 24 देशों ने भाग लिया है। तालिबान के फिलहाल गनी की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। काबुल के राजनयिक क्षेत्र में पिछले सप्ताह हुए भीषण ट्रक धमाके मरने वालों की संख्या पहले 90 बताई गई थी। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एच.आर. मैकमास्टर ने भरोसा दिलाया है कि अमेरिका अफगानिस्तान की सरकार के साथ पूरी एकजुटता से खड़ा है।

इस्लामाबाद/लंदन/रोम: लंदन ब्रिज के हमलावरों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए मंगलवार को पाकिस्तान में भी छापेमारी की गई। पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई ने पाकिस्तानी मूल के आतंकी खुर्रम बट के एक रिश्तेदार के इस्लामाबाद स्थित रेस्टोरेंट पर छापा मारा। बट उन तीन आतंकियों का सरगना था, जिन्होंने बीते शनिवार को लंदन में आतंकी हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में सात लोगों की जान चली गई थी। मीडिया खबरों के मुताबिक मंगलवार सुबह करीब एक दर्जन अधिकारी सादी वर्दी में इस्लामाबाद से 60 किलोमीटर दूर झेलम शहर में नसीर बट नामक व्यक्ति के रेस्टोरेंट में दाखिल हुए। माना जा रहा है कि ये अधिकारी आईएसआई के थे। नसीर यहां के एक जाने-माने कारोबारी हैं। एक अधिकारी के मुताबिक रिश्तेदारों के घर पर छापेमारी सिर्फ एहतियातन की गई। उसे शायद सीरिया में ट्रेनिंग दी गई। मगर हम उसकी सारी जानकारी जुटाना चाहते हैं। जानकारी के मुताबिक खुर्रम बट का जन्म यहीं पाकिस्तान के झेलम में हुआ था। उसके पिता की यहां एक फर्नीचर की दुकान थी। मगर 1988 में वे परिवार समेत ब्रिटेन चले गए थे। इसके अलावा लंदन पुलिस ने तीनों आतंकियों की पहचान सार्वजनिक कर दी है। 27 वर्षीय खुर्रम बट और मोरक्को-लीबिया के राचिड रेडोउएन के अलावा तीसरा आतंकी इटली मूल का है।

काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में भारतीय राजनयिक मनप्रीत वोहरा के आवासीय परिसर में रॉकेट गिरने की खबर है। यह रॉकेट उनके घर में बने टेनिस कोर्ट में गिरा है। फिलहाल किसी के भी हताहत होने की सूचना नहीं है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, रॉकेट तकरीबन सुबह 11:15 पर गिरा। यह एक अज्ञात जगह से दागा गया था। स्थानीय न्यूज चैनल ने भी सभी के सुरक्षित होने की जानकारी दी है। बता दें कि मंगलवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घानी ने एक बैठक उद्घाटन किया है। देश में शांति लाने के उद्देश्य से हुई इस बैठक में 23 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। गौरतलब है कि 31 मई को काबुल के राजनयिक क्षेत्र में बुधवार को शक्तिशाली बम विस्फोट हुआ था, जिसमें 80 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए। यह विस्फोट सुबह के व्यस्त समय में हुआ था।

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