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काबुल: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मंगलवार को तालिबान को चेतावनी दी कि अगर वह शांति का रास्ता नहीं अपनाता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। यहां ‘ काबुल प्रक्रिया’ को संबोधित करते हुए गनी ने बताया कि राजधानी के राजनयिक क्षेत्र में पिछले सप्ताह हुए भीषण ट्रक हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर 150 हो गई है। अफगानिस्तान में आए दिन हो रहे हमलों के विरोध में लोग अब सड़कों पर उतर आए हैं। सुरक्षा देने में नाकाम रहने के कारण गनी की तीखी आलोचना के साथ ही उनकी सरकार के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। अफगान राष्ट्रपति ने कहा, हम (तालिबान को) शांति के लिए एक मौका दे रहे हैं। लेकिन यह ऐसा प्रस्ताव नहीं है जो कभी समाप्त ही नहीं होगा। वक्त निकलता जा रहा है। यह आखिरी मौका है। इसे स्वीकार करो या परिणाम भुगतो। काबुल प्रक्रिया एक अंतरराष्ट्रीय शांति सम्मेलन है जिसका मकसद अफगानिस्तान में शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बनाना है। इस सम्मेलन में 24 देशों ने भाग लिया है। तालिबान के फिलहाल गनी की टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। काबुल के राजनयिक क्षेत्र में पिछले सप्ताह हुए भीषण ट्रक धमाके मरने वालों की संख्या पहले 90 बताई गई थी। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल एच.आर. मैकमास्टर ने भरोसा दिलाया है कि अमेरिका अफगानिस्तान की सरकार के साथ पूरी एकजुटता से खड़ा है।

व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा, लेफ्टिनेट जनरल मैकमास्टर ने काबुल आतंकी हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा है कि अमेरिका अफगान सरकार और वहां की जनता के साथ है। उन्होंने अफगानिस्तान की राष्ट्रीय एकता सरकार के प्रति अमेरिकी समर्थन का उल्लेख किया और कहा कि शांति एवं सुरक्षा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए अफगानिस्तान का एकजुट और मजबूत बने रहना जरूरी है।

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