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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

बीजिंग: बलूचिस्तान में दो चीनी शिक्षकों की हत्या के बाद चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को झिड़की देते हुए उनसे अस्ताना में एससीओ सम्मेलन के दौरान रस्मी मुलाकात नहीं की। दोनों देशों की प्रगाढ़ मित्रता के बीच यह दुर्लभ वाकया है। शरीफ शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में भाग लेने के बाद वापस लौट गए। सम्मेलन से इतर उन्होंने रूस, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और अफगानिस्तान के राष्ट्रपतियों से मुलाकात की। लेकिन शी के साथ उनकी मुलाकात नहीं हुई। चीनी सरकारी मीडिया ने कजाक राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरवायेव, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से शी की मुलाकात को रेखांकित किया है। शी की अप्रत्याशित झिड़की पाकिस्तानी प्रांत बलूचिस्तान में दो चीनी नागरिकों के अपहरण और उनकी हत्या को लेकर देश की जनता में दुख और गहरी निराशा के बाद सामने आई है। बलूचिस्तान के क्वेटा में पिछले महीने दो चीनी नागरिकों का अपहरण कर लिया गया था। बाद में कथित रूप से इस्लामिक स्टेट (आईएस) के आतंकियों ने दोनों की बर्बरतापूर्वक हत्या कर दी। इस वारदात से चीनी नागरिकों में बेहद नाराजगी थी। खास बात यह है कि इन हत्याओं की खबर 8-9 जून को आयोजित एससीओ की बैठक से पूर्व सार्वजनिक हुई। इस बैठक में भारत और पाकिस्तान दोनों को सदस्य के तौर पर संगठन में शामिल कर लिया गया।

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने शनिवार को भारत को चेतावनी दी कि उनके बल किसी भी खतरे को नाकाम करने में सक्षम हैं। उन्होंने यह बात नियंत्रण रेखा पर अग्रिम क्षेत्रों की यात्रा करने के दौरान कही। जनरल बाजवा ने मुजफ्फराबाद सेक्टर में नियंत्रण रेखा से लगे अग्रिम क्षेत्र की यात्रा के दौरान कश्मीरियों के आत्मनिर्णय के अधिकार को पाकिस्तान के समर्थन को एकबार फिर दोहराया। जनरल बाजवा ने कहा कि हमें देश के समक्ष रक्षा और सुरक्षा चुनौतियों की जानकारी है और हम सभी खतरों को विफल करने में सक्षम हैं चाहे वह किसी भी मोर्चे पर हो। सेना के एक वक्तव्य के अनुसार संचालनात्मक स्थिति, संघर्ष विराम उल्लंघन और पाकिस्तानी सैनिकों के जवाब के संबंध में स्थानीय कमांडर ने जनरल बाजवा को जानकारी दी। सैनिकों से बातचीत में सेना प्रमुख ने उनकी संचालनात्मक तैयारी की स्थिति की जानकारी दी। वक्तव्य में कहा गया कि सैनिकों ने बाजवा के साथ कथित भारतीय अत्याचारों और असैनिकों को निशाना बनाकर किए जा रहे संघर्ष विराम उल्लंघनों के बारे में साफ तरीके से अपनी भावनाएं साझा कीं और संकल्प जताया कि किसी भी भारतीय दुस्साहस को माकूल जवाब के बिना नहीं छोड़ा जाना चाहिए।

लंदन: दिवंगत राजकुमारी डायना के जीवनीकार एंड्रयू मोरटन ने डायना के इंटरव्यू टेप को लिखित रूप में सार्वजनिक किया है। इनसे कई ऐसी बातें सामने आई हैं, जो बताती हैं कि डायना और प्रिंस चार्ल्स के संबंध कितने तनावपूर्ण थे। मोरटन के लिए डायना ने 1991 में गोपनीय रूप से कई इंटरव्यू रिकॉर्ड किए थे। इन इंटरव्यू के कुछ हिस्सों को मोरटन ने लिखित रूप में ‘डेली मेल’ के साथ साझा किया है। दरअसल मोरटन 17 जून को डायना की जीवनी ‘डायना : हर ट्रू स्टोरी-इन हर ऑन वर्ड्स’ का पूरी तरह संशोधित 25वां संस्करण जारी करने वाले हैं। ‘डेली मेल’ ने मोरटन के हवाले से इस किताब के कई अंशों को प्रकाशित किया है। इंटरव्यू में डायना ने बताया था कि वह अपनी शादी से बेहद नाखुश हैं। इसलिए कई बार आत्महत्या की कोशिश कर चुकी हैं। इंटरव्यू के मुताबिक जब डायना के सामने प्रिंस चार्ल्स ने शादी का प्रस्ताव रखा, तो वह चार्ल्स और कैमिला पार्कर के पूर्व संबंधों के बारे में जानती थीं। लेकिन शादी के बाद भी चार्ल्स और कैमिला के संबंध खत्म नहीं हुए। इस वजह से डायना काफी परेशान रहती थीं। उन्होंने इस बारे में चार्ल्स और महारानी से भी बात करने की कोशिशें कीं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। चार्ल्स की एक बात बनी बीमारी की वजह सगाई के बाद चार्ल्स ने डायना को कहा कि उनकी कमर कुछ मोटी हो गई है।

इस्तांबुल: ज्यादातर अरब देशों से संबंध खत्म होने के कारण संकट में फंसे कतर की मदद के लिए तुर्की सामने आया है। तुर्की की संसद ने कतर में सेना की तैनाती के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। इसके अलावा तुर्की ने संकट ग्रस्त कतर को हर संभव मदद देने का भी प्रस्ताव दिया है। तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगन ने प्रस्ताव को संसद से पारित कराने के बाद इस संबंध में सरकारी अधिसूचना भी जारी कर दी है। इस बीच कतर ने फिर कहा है कि वह किसी भी आतंकवादी संगठन का समर्थन नहीं करता और न ही वह झूठे आरोपों के चलते किसी देश के आगे झुकेगा। गौरतलब है कि सोमवार को सऊदी अरब, मिस्र, संयुक्त अरब अमीरात समेत छह देशों ने आतंकवादी संगठनों की मदद करने का आरोप लगाते हुए कतर से अपने संबंध तोड़े लिये थे। वहां जाने और आने वाली विमान सेवाओं को रद्द कर दिया था। व्यापारिक रिश्ते भी खत्म कर दिये थे। इसके चलते कतर में खाद्यान्न और पेयजल की कमी हो गई है। कतर पर प्रतिबंध लगाने वाले प्रमुख देशों ने 59 लोगों को काली सूची में भी डालने की घोषणा की है। जिन लोगों को काली सूची में डालकर उन्हें वांछित घोषित किया गया है उनमें ज्यादातर लोग कतर के हैं। इनमें मुस्लिम ब्रदरहुड संगठन के पदाधिकारी भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि तुर्की और कतर मिस्र के संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड के समर्थक हैं।

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