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'हाईकोर्ट के आदेश तक ट्रायल कोर्ट कोई कार्रवाई न करे': सुप्रीम कोर्ट

वाशिंगटन: लंदन में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कुछ खतरनाक देशों से अमेरिकी लोगों को बचाने के लिए एक बार फिर यात्रा प्रतिबंध का आहवान किया है। हालांकि ट्रंप ने ऐसे देशों का नाम नहीं लिया, जिन्हें वह खतरनाक मानते हैं। ट्रंप ने सोमवार रात टि्वटर पर कहा, हमें जरूरत है- कुछ खतरनाक देशों के लिए यात्रा प्रतिबंध लगाने की। हमें किसी उचित राजनीतिक शब्द की जरूरत नहीं है। इससे हमारे लोगों की हिफाजत में कोई मदद नहीं मिलेगी। राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार सुबह सिलसिलेवार ट्वीट किए और कहा कि न्याय मंत्रालय को उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जमा कराए गए राजनीतिक रूप से उचित प्रारूप को कमजोर करने के बजाय शुरुआती आदेश को लागू करने पर जोर देना चाहिए था। ट्रंप ने छह मुस्लिम बहुल देशों-इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के लोगों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने के लिए शासकीय आदेश जारी किया था। अमेरिकी न्यायपालिका ने इसे निरस्त कर दिया था। इस बीच, व्हाइट हाउस ने इस संदर्भ में नए शासकीय आदेश की संभावना को खारिज किया। व्हाइट हाउस की प्रधान उप प्रेस सचिव सारा सैंडर्स ने कहा , मुझे इसकी जानकारी नहीं है।

वाशिंगटन: चार भारतीयों और एक पाकिस्तानी नागरिक ने अमेरिका में भारत के कॉल सेंटरों द्वारा टेलीफोन के माध्यम से बड़े स्तर पर की जा रही धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग षड़यंत्र में अपनी भूमिका संबंधी आरोप स्वीकार कर लिए हैं। सर्दन डिस्ट्रिक्ट ऑफ टेक्सास में अमेरिका डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के न्यायाधीश डेविड हिटनर के समक्ष तीन भारतीयों राजूभाई पटेल (32), विराज पटेल (33), दिलीप कुमार अंबल पटेल (53) और पाकिस्तानी नागरिक फहाद अली (25) ने मनी लॉन्ड्रिंग षड़यंत्र संबंधी आरोप स्वीकार कर लिए। इससे पहले दो जून को एक भारतीय नागरिक हार्दिक पटेल ने इसी अदालत के समक्ष दूरसंचार के माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी संबंधी षड़यंत्र के मामले में अपने आरोप स्वीकार किए थे। न्याय विभाग ने कहा कि सभी पांचों दोषियों को सजा बाद में सुनाई जाएगी। सर्दन डिस्ट्रिक्ट ऑफ टेक्सास में एक संघीय ग्रांड जूरी द्वारा 19 अक्तूबर 2016 को चलाए गए अभियोग के तहत अब तक 56 व्यक्तियों एवं भारत के चार कॉल सेंटरों के खिलाफ धोखाधड़ी एवं मनी लॉन्ड्रिंग षड़यंत्र में उनकी भूमिका को लेकर आरोप लगाए गए हैं।

लंदन: ब्रिटेन की पुलिस ने लंदन में शनिवार आतंकी हमले में शामिल दो लोगों के नाम जारी किए हैं। पुलिस की ओर से जारी किये गये नामों में पहला नाम खुर्रम बट है और इसका जन्म पाकिस्तान में हुआ था। खुर्रम दो बच्चों के पिता हैं जो पूर्वी लंदन में कई वर्ष से रह रहा था। दूसरे हमलावर का नाम रशीद रिजवान हैं और यह मोरक्को लीबिया से हैं। पुलिस के मुताबिक, इन दोनों ने एक वैन किराए पर ली और लंदन ब्रिज पर लोगों पर चढ़ा दी। बाद में उन्होंने बरो मार्केट इलाके में लोगों पर चाक़ू से भी हमला किया। असिस्टेंट कमांडेंट मार्क रॉली का कहना है कि उनके सहयोगियों की पहचान करने के लिए जांच जारी है। वहीं इस हमले के मामले में गिरफ़्तार किए गए 12 लोगों को बिना कोई आरोप लगाए छोड़ दिया गया है। इनमें सात महिलाएं और पांच पुरुष हैं। हमले में सात लोगों की मौत हो गई थी और 48 अन्य घायल हो गये थे।

बीजिंग: परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत के प्रवेश का समर्थन करने से एक बार फिर इनकार करने वाले चीन ने कहा है कि एनएसजी में सदस्यता के लिए भारत की दावेदारी नई परिस्थितियों में और अधिक जटिल हो गई है। चीन का कहना है कि एनपीटी पर हस्ताक्षर न करने वाले सभी देशों के लिए एक समान नियम लागू होना चाहिए। चीन 48 देशों वाले इस समूह में भारत की सदस्यता को रोकता रहा है। यह समूह परमाणु वाणिज्य का नियंत्रक समूह है। अधिकतर सदस्य देशों का समर्थन होने के बावजूद चीन भारत के सदस्य बनने का विरोध करता रहा है। नए सदस्यों के प्रवेश के बारे में समूह आम सहमति की प्रक्रिया अपनाता है। चीन के सहायक विदेश मंत्री ली हुइलेई ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, एनएसजी की बात की जाए तो यह नयी परिस्थितियों में एक नया मुद्दा है और यह पहले की तुलना में कहीं अधिक जटिल है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि नयी परिस्थितियां और जटिलताएं क्या हैं। उन्होंने कहा, चीन गैर-पक्षपाती और सार्वभौमिक तरीके से लागू किए जा सकने वाले ऐसे उपाय के लिए एनएसजी को बढ़ावा देता है, जो एनएसजी के सभी सदस्यों पर लागू हो।

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