बैंकॉक: म्यांमा में कथित रूप से तस्करी कर लाये गये और ऑनलाइन घोटाला केंद्रों में काम करने के लिए मजबूर कुछ भारतीयों सहित लगभग 260 लोगों को बचाया गया है तथा उन्हें अब वापस उनके देश भेजा जाएगा। थाईलैंड की सेना ने बृहस्पतिवार को यह घोषणा की।
थाईलैंड की सेना ने दक्षिण पूर्व एशिया से संचालित घोटाला केंद्रों पर ताजा कार्रवाई करते हुए बृहस्पतिवार को लगभग 260 लोगों को वापस भेजने के प्रयास का समन्वय करने की घोषणा की। ऐसा माना जा रहा है कि वे (विदेशी नागरिक) मानव तस्करी का शिकार थे, जिन्हें म्यांमा से बचाकर थाईलैंड भेजा गया।
थाईलैंड के साथ सीमा साझा करने वाले म्यांमा, कंबोडिया और लाओस आपराधिक गिरोह के लिए आश्रय के रूप में जाने जाते हैं। इन आपराधिक गिरोहों के बारे में अनुमान है कि उन्होंने दक्षिण पूर्व एशिया और अन्य जगहों पर हजारों की संख्या में लोगों को झूठे प्यार, फर्जी तरीके से निवेश करने और जुआ योजनाओं सहित ऑनलाइन घोटाले केंद्रों के संचालन में मदद करने के लिए मजबूर किया है।
संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के घोटालों ने दुनिया भर के लोगों से अरबों डॉलर ठगे हैं जबकि इन फर्जी चीजों को अंजाम देने के लिए भर्ती किए गए लोगों को अक्सर झूठे बहाने से नौकरी दिलाने के नाम पर धोखा दिया जाता है और इन धंधों में फंसाया जाता है।
सेना ने बताया कि सबसे हालिया अभियान में बचाए गए लोग 20 देशों के थे, जिनमें से काफी संख्या में इथियोपिया, केन्या, फिलीपीन, मलेशिया, पाकिस्तान और चीन के थे।
सेना के मुताबिक, इनके अलावा बचाये गये लोगों में इंडोनेशिया, नेपाल, ताइवान, युगांडा, लाओस, ब्राजील, बुरुंडी, तंजानिया, बांग्लादेश, कंबोडिया, श्रीलंका, नाइजीरिया, घाना और भारत के नागरिक भी शामिल हैं।
सेना ने बताया कि उन्हें (बचाये गये लोगों को) बुधवार को म्यांमा के म्यावाडी जिले से सीमा पार करा कर थाईलैंड के टाक प्रांत भेजा गया था।