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नई दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को एलान किया कि वह असम विधानसभा चुनाव-2021 में पांच दलों से गठबंधन कर मैदान में उतरेगी। जबकि केरल चुनाव के लिए पार्टी ने ओम्मन चांडी के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई है। असम चुनाव में जीत के मकसद से कांग्रेस ने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, भाकपा, माकपा, भाकपा माले व आंचलिक गण मोर्चा के साथ सीटों का तालमेल करने का फैसला किया है। बता दें, पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के निधन के बाद असम कांग्रेस के नेताओं में मतभेद गहरा रहे हैं। 

असम में तीन चरणों में चुनाव कराने का अनुरोध

असम में राजनीतिक दलों ने मंगलवार को चुनाव आयोग से राज्य विधानसभा चुनाव तीन चरणों में कराने का अनुरोध किया है। साथ ही उन्होंने अप्रैल में होने वाले 'रोंगाली बिहु' त्योहार से पहले यह चुनाव संपन्न कराने की भी अपील की। राज्य के तीन दिवसीय दौर पर आई चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ ने गुवाहाटी के एक होटल में विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की।

गुवाहाटी: असम विधानसभा ने राज्य के सभी सरकारी मदरसों को समाप्त कर उन्हें सामान्य स्कूल में तब्दील करने के प्रावधान वाले विधेयक को बुधवार को मंजूरी दे दी। इससे पहले विपक्ष ने विधेयक को स्थायी समिति को भेजने की अपनी मांग को अस्वीकार किए जाने के बाद सदन से बर्हिगमन (वॉक आउट) किया। असम के शिक्षामंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कांग्रेस और एआईयूडीएफ सदस्यों के 'असम निरसन विधेयक-2020 को उचित चर्चा के लिए स्थायी समिति को भेजने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया। इसके बाद स्पीकर हितेंद्र नाथ गोस्वामी ने विधेयक को ध्वनिमत से मतदान के लिए रखा।

सदन में शोरगुल के बाद विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। भाजपा के सभी सहयोगी दलों-असम गण परिषद एवं बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) -ने विधेयक का समर्थन किया। इस विधेयक में दो मौजूदा कानूनों - असम मदरसा शिक्षा (प्रादेशिक) अधिनियम-1995 और असम मदरसा शिक्षा (प्रादेशिक कर्मचारियों की सेवाओं एवं मदरसा शिक्षा संस्थान पुनर्गठन) अधिनियम- 2018- को रद्द करने का प्रस्ताव है।

गुवाहाटी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को असम में विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकारें राज्य में घुसपैठ को रोकने में नाकामयाब रही हैं, लेकिन जब से भाजपा की सरकार बनी है, तब से घुसपैठ की घटनाएं नही हो रही हैं। केवल भाजपा की सरकार ही घुसपैठ रोक सकती है। 

राज्य के कामरूप में लोगों को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा, एक जमाने में यहां के सारे राज्यों में अलगाववादी अपना एजेंडा चलाते थे, युवाओं के हाथों में बंदूक पकड़ाते थे। आज वो सभी संगठन मुख्य प्रवाह में शामिल हो गए हैं और आज युवा अपने नए स्टार्टअप के साथ विश्व भर के युवा के साथ स्पर्धा करके अपने अष्टलक्ष्मी को भारत की अष्टलक्ष्मी बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। कांग्रेस पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा, कांग्रेस ने आचार्य शंकरदेव के जन्मस्थान के लिए कुछ नहीं किया जिनके योगदान ने असम के इतिहास, नाटक लेखन, कला और कविता को मान्यता दी। लेकिन भाजपा राज्यों की भाषा, संस्कृति, कला को मजबूत करने में विश्वास करती है।

गुवाहटी: असम सरकार के मंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने दावा किया कि राज्य में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का काम अभी अधूरा है और बराक घाटी क्षेत्र में रहने वाले हिंदुओं के साथ "न्याय" किए जाने की जरूरत है। सरमा को पूर्वोत्तर में  भाजपा का संकटमोचक माना जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व समन्वयक प्रतीक हजेला की वजह से एनआरसी का काम पूरा नहीं हो सका है। 

सरमा ने करीमगंज जिले के बराक वैली में एक बैठक में गुरुवार को कहा, "हमने बराक वैली के हिंदुओं को न्याय देने का वादा किया है। प्रतीक हजेला की वजह से एनआरसी अब भी अधूरा है। हम करीब-करीब 90 प्रतिशत काम कर चुके हैं। हमें हिंदुओं को न्याय दिलाने के लिए कुछ और काम करने की जरूरत है।" उन्होंने कहा, "मां भारती को मानने वाले हजारों लोग अब भी डिटेंशन कैंप में सड़ रहे हैं।"

असम एनआरसी की अंतिम सूची पिछले साल अगस्त में प्रकाशित हुई थी। करीब 3.3 करोड़ आवेदनकर्ताओं में से 19.22 लाख लोगों को सूची से बाहर कर दिया गया था।

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