ताज़ा खबरें
एलजी ने सीएम आतिशी को केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ बताया
कैशकांड पर विनोद तावड़े ने राहुल-खड़गे-श्रीनेत को भेजा कानूनी नोटिस

गुवाहाटी: असम और मिजोरम की सरकारों ने राज्य की सीमा पर हिंसक झड़प के बाद स्थिति पर चर्चा करने के लिए रविवार को केंद्र से बातचीत की। बता दें कि हिंसक झड़प में कई लोग घायल हो गए। इलाके में स्थिति अब नियंत्रण में है। मिजोरम के कोलासिब जिले और असम के कछार जिले की सीमा पर ये घटना घटी है। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पीएमओ और गृह मंत्रालय को जानकारी दी है। असम सरकार ने एक बयान में कहा कि उन्होंने मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथांगा से भी फोन पर बात की और सीमा के मुद्दों को सुलझाने और विवादों को सुलझाने के संयुक्त प्रयासों पर जोर दिया। ज़ोरमथांगा ने सोनोवाल को अंतर-राज्य सीमा पर शांति बनाए रखने और आपसी सहयोग के प्रयासों का आश्वासन दिया।

मिजोरम सरकार भी खराब स्थिति के चलते केंद्र से बातचीत करने पहुंची। राज्य सरकार ने कहा कि उसने हिंसा पर चर्चा के लिए एक कैबिनेट बैठक की और इसके लिए "एकतरफा और उत्तेजक कृत्यों" और "असम सरकार द्वारा किए गए अपराधों" को दोषी ठहराया। स्थिति की समीक्षा करने के लिए दोनों राज्यों के बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला की अध्यक्षता में एक बैठक सोमवार को होगी।

गुवाहाटी: असम में विपक्षी दल कांग्रेस ने गुरुवार को एलान किया कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए दो लेफ्ट पार्टियों- सीपीआई और सीपीआई(एलएल) से हाथ मिला रही है। सत्तारूढ़ भाजपा को महागठबंधन की ओर से कड़ी चुनौती देने की दिशा में यह फैसला लिया गया है। दोनों लेफ्ट पार्टियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा ने पत्रकारों से कहा कि सभी लेफ्ट पार्टियां एक साथ चुनाव लड़ने के लिए राजी हो गई हैं।

कांग्रेस ने 8 अक्टूबर को सीपीआई(एम) के नेताओं के साथ भी मीटिंग की थी। जिसके बाद दोनों दलों ने भाजपा सरकार को हराने के लिए अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने की घोषणा की थी। रिपुन बोरा ने इस बारे में कहा, 'असम और असम के लोगों के लिए आज भाजपा सबसे बड़ा खतरा है। समय की मांग है कि सभी भाजपा विरोधी ताकतें एकजुट हों और इस साम्प्रयादिक और भ्रष्ट सरकार को सत्ता से हटाएं।'

गुवाहाटी: असम के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता तरुण गोगोई को गुरुवार को गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में आईसीयू में भर्ती कराया गया। उनके शरीर में ऑक्सीजन के स्तर में कमी बताई जा रही है। पिछले महीने वह कोरोना वायरस पॉजिटिव भी पाए गए थे।जानकारी के अनुसार 85 वर्षीय गोगोई को अस्पताल के एक निजी केबिन में भर्ती कराया गया था। लेकिन, जल्द ही उन्हें आईसीयू में रखने का फैसला किया गया। फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

असम कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रिपुन बोरा भी गुरुवार को उनका हाल-चाल लेने अस्पताल पहुंचे थे। बोरा ने ट्वीट किया, 'पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को देखने के लिए जीएमसीएच के नए आईसीयू पहुंचा, उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और ईश्वर से उनके जल्द ठीक होने की प्रार्थना की।' साल 2001 से 2016 तक लगातार तीन बार असम के मुख्यमंत्री रहे तरुण गोगोई 26 अगस्त को कोरोना संक्रमित पाए गए थे। 31 अगस्त को भी उनके ऑक्सीजन स्तर में अचानक गिरावट देखी गई थी, लेकिन बाद में यह सामान्य हो गया था।

गुवाहाटी: नागा शांति वार्ता में एक बार फिर अड़चनें आई हैं। बातचीत में शामिल नागालैंड के अग्रणी सशस्त्र विद्रोही समूह, एनएससीएन-आईएम अलग ध्वज और संविधान की मांग पर अड़ गया है। विद्रोही समूह ने शुक्रवार को कहा कि एक अलग ध्वज और संविधान के बिना, केंद्र सरकार के साथ सम्मानजनक शांति समझौता नहीं हो सकता। एनएससीएन-आईएम की एक संयुक्त परिषद की बैठक शुक्रवार को हुई, जिसमें "नागा लोगों के ऐतिहासिक और राजनीतिक अधिकारों" और "भारत-नागा राजनीतिक वार्ता" कैसे मुकाम पर पहुंचे, इस पर विचार-विमर्श किया गया।

बैठक नागालैंड में दीमापुर के पास हेब्रोन में केंद्रीय मुख्यालय में आयोजित की गई थी। एनएससीएन-आईएम का कड़ा रुख ऐसे समय में सामने आया है, जब शांति वार्ता पर गतिरोध की मार पड़ी है क्योंकि समूह और वार्ताकार (नागालैंड के गवर्नर आरएन रवि) के बीच गहरे मतभेद हैं। एनएससीएन-आईएम ने एक प्रेस रिलीज जारी कहा है, "एनएससीएन-आईएम के रुख को दोहराने के लिए सदन ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव अपनाया है कि 'नागा राष्ट्रीय ध्वज और येहज़बाओ (संविधान) को नागा सौदे को सम्मानजनक और स्वीकार्य बनाने के लिए भारत-नागा राजनीतिक समाधान का हिस्सा बनना चाहिए।"

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख