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मल्कानगिरी: पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में कल सुरक्षा बलों द्वारा 15 माओवादियों को ढेर करने के बाद माओवादियों की ओडिशा में संभावित घुसपैठ को देखते हुए राज्य के मल्कानगिरी जिले में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मल्कानगिरी में स्थिति इस समय नियंत्रण में है लेकिन पुलिस असावधान रहने का जोखिम नहीं उठा सकती।

पुलिस अधीक्षक जगमोहन मीणा ने कहा, ‘दोनों तरफ से गोलीबारी होने के बाद आमतौर पर माओवादी सुरक्षित ठिकानों की तलाश में दूर भाग जाते हैं. चूंकि मल्कानगिरी छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा है, माओवादी हमारे क्षेत्र में घुसने की कोशिश कर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से लगे इलाके को सील कर दिया गया है और प्रवेश बिंदुओं पर अतिरिक्त बल तैनात कर दिए गए हैं। इसी इलाके में मुठभेड़ हुई थी। पुलिस अधीक्षक ने कहा, ‘जिले में घुस रहे वाहनों की सीमा इलाकों में तलाशी ली जा रही है और हम जलमार्गों पर कड़ी चौकसी बनाए हुए हैं।

भुवनेश्वर: उड़ीसा के पुरी में लगातार हो रही बारिश के बावजूद, हजारों श्रद्धालुओं ने रविवार को बहुड़ा यात्रा में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। यह जगन्नाथ भगवान और उनके भाईयों की गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर तक की उनकी वापसी यात्रा होती है। इस यात्रा के दौरान हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर भगवान जगन्नाथ के एक दर्शन पाने के लिए उत्साहित दिखे। बहुड़ा यात्रा भगवान जगन्नाथ और उनके भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा की गुंडिचा मंदिर से श्रीमंदिर की वापसी यात्रा है। रथ यात्रा के दौरान, 12 वीं शताब्दी के मंदिरों में से देवता अपनी चाची के मंदिर जाते हैं।

नौवें दिन, वे अपने मंदिर में लौट आते हैं। यात्रा के ही दौरान रास्ते में, देवता थोड़ी देर के लिए रुकते हैं और पॉडा पिथा का हिस्सा लेते हैं। पॉडा पिथा एक तरह का केक होता है जो चावल, मसूर, गुड़ और नारियल से बनता है। इसे भगवान खाते हैं, जो उन्हें उनकी मौसी माँ खिलाती है। श्रीमंदिर वापस पहुंचने पर, एक और अवसर जो लाखों भक्तों को आकर्षित करता है। वह है, सुना बेशा जिसमें भगवान को सोने के कपड़े और गहने पहनाए जाते हैं। साथ ही उन्हें मंदिर पहुंचने पर आधा पन्ना, जो एक मीठी चीज होती है, पिलाई जाती है। इसके बाद भगवान मंदिर के अंदर प्रवेश करते हैं।

भुवनेश्वर: ओडिशा सरकार ने राज्य के प्रचीन स्मारकों को सुरक्षित एवं संरक्षित रखने के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अगुवाई में ‘हेरिटेज कैबिनेट’ के गठन की अधिसूचना गुरूवार को जारी की। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री अशोक चंद्र पांडा ने कहा कि कि हेरिटेज कैबिनेट का लक्ष्य ओडिशा में प्राचीन स्मारकों, मंदिरों तथा पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा करने तथा राज्य की संस्कृति, भाषा तथा साहित्य को संरक्षित करने के लिए कदम उठाना है।

संसदीय कार्य मामलों के विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि इस कैबिनेट में मुख्यमंत्री सहित आठ लोग होंगे। मुख्य सचिव ए पी पधी नवगठित कैबिनेट के सचिव होंगे। गौरतलब है कि राज्य मंत्रिमंडल की पिछले साल दिसंबर में पुरी में हुई बैठक में हेरिटेज कैबिनेट के गठन का निर्णय किया गया था।

भुवनेश्वर: शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती और गजपति राजा दिब्यसिंह देव ने श्री जगन्नाथ मंदिर में गैर-हिंदुओं को प्रवेश की अनुमति देने के प्रस्ताव पर अपना विरोध दर्ज कराया है। राजा दिब्यसिंह देव को भगवान जगन्नाथ का पहला सेवक माना जाता है। 12 वीं सदी में निर्मित इस मंदिर में अभी सिर्फ हिंदुओं के प्रवेश की अनुमति है। मंदिर में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर चर्चा तब शुरू हुई जब उच्चतम न्यायालय ने गुरूवार को श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन को निर्देश दिया कि वह सभी दर्शनाभिलाषियों को भगवान की पूजा अर्चना करने दें, भले ही वे किसी भी धर्म के हों।

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी शनिवार को विरोध जताते हुए कहा कि वह इस बाबत उच्चतम न्यायालय में पुनर्विचार याचिका दायर करेगी ताकि न्यायालय अपने प्रस्ताव पर फिर से विचार करे। गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने एक विज्ञप्ति में कहा कि सनातन धर्म की सदियों पुरानी परंपरा का उल्लंघन कर श्री मंदिर में सभी को प्रवेश की अनुमति देना हमें स्वीकार्य नहीं है। गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य श्री जगन्नाथ मंदिर में पंडितों की शीर्ष संस्था मुक्ति मंडप के प्रमुख होते हैं।

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