नई दिल्ली: ओडिशा के श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी सविता कोविंद से बदसलूकी का मामला सामने आया है। एक रिपोर्ट के अनुसार मंदिर के सेवादारों ने राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के साथ बदसलूकी की। कोविंद और उनकी पत्नी तीन महीने पहले 18 मार्च को मंदिर दर्शन के लिए गए थे, लेकिन इस घटना का खुलासा मंदिर प्रशासन की बैठक के मिनट्स सामने आने के बाद हुआ। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मंदिर में सेवादारों के एक समूह ने कथित रूप से गर्भगृह के करीब राष्ट्रपति का रास्ता रोक लिया और उनकी पत्नी को धक्का दिया।
बैठक को लेकर जारी मिनट्स के अनुसार, राष्ट्रपति और उनकी पत्नी सविता कोविंद ठीक से दर्शन कर सकें, इसलिए सुबह 6.35 बजे से 8.40 बजे तक अन्य श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद रखा गया था। इस दौरान कुछ सेवादारों और सरकारी अधिकारियों को ही राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के साथ मंदिर जाने की अनुमति दी गई थी। जब राष्ट्रपति पुरी जगन्नाथ मंदिर के सबसे निचले हिस्से में रत्न सिंहासन के पास पहुंचे, तो एक सेवादार ने कथित तौर पर उन्हें रास्ता नहीं दिया। वहीं जब राष्ट्रपति और उनकी पत्नी दर्शन कर रहे थे, तो कुछ सेवादारों ने कथित रूप से दोनों को कोहनी मारी।
इस घटना के तीन महीने बाद, सुप्रीम कोर्ट ने 8 जून को मंदिर के सेवादारों के गलत आचरण को लेकर बेहद सख्त टिप्पणी की और राज्य सरकार को भक्तों का उत्पीडऩ रोकने के लिए उपाय करने का निर्देश दिया।
रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति भवन ने इस घटना पर आपत्ति जताते हुए 19 मार्च को पुरी के कलेक्टर अरविंद अग्रवाल को सेवादारों के आचरण के खिलाफ नोट भेजा था। इस मामले में मंदिर प्रशासन ने तीन सेवादारों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का फैसला किया है। राज्यसभा सांसद और बीजेडी प्रवक्ता प्रताप केशरी देब ने बताया कि कलेक्टर ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।