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नई दिल्ली: कांग्रेस और सपा ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के पहले चरण के लिए पार्टी के स्टार प्रचारकों की सूची जारी की। इस सूची में कांग्रेस की ओर से प्रियंका वाड्रा का भी नाम शामिल किया गया है। कांग्रेस ने लिस्ट में कुल 40 स्टार प्रचारकों के नाम दिए गए हैं, जो यूपी चुनावों में प्रचार करेंगे। वहीं, सपा की ओर से जारी की गई पहले चरण के लिए पार्टी प्रचारकों की लिस्ट में शिवपाल यादव को शामिल नहीं किया गया है। कांग्रेस की लिस्ट में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आदि के नाम हैं। वहीं, पार्टी ने नगमा को भी स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया है। वहीं सपा की सूची में अबु आजमी, बृजेश यादव, उदयवीर सिंह आदि सपा नेताओं को शामिल किया गया है। गौरतलब है कि कांग्रेस यूपी चुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस को 105 सीटें दी गई हैं तो वहीं सपा 298 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन को लेकर रॉबर्ट वाड्रा ने खुशी जताई। उन्होंने ट्विटर-फेसबुक के जरिए दोनों पार्टियों के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और यूपी सीएम अखिलेश को बधाई दी है। वाड्रा ने दोनों नेताओं को युवा और डाइनेमिक कहा है। आपको बता दें कि यूपी में विधानसभा की 403 सीटें जिसमें सपा 298 और कांग्रेस 105 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। यूपी विधानसभा चुनाव सात चरणों में कराए जाएंगे।

इलाहाबाद: सतारूढ़ समाजवादी पार्टी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। अखिलेश कैबिनेट के उस फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है, जिसमें राज्य सरकार ने ओबीसी की 17 जातियों को दलित का दर्जा दिया था। मंगलवार को हाईकोर्ट ने इस फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसले पर तत्काल रोक लगा दी है। चुनाव के ठीक पहले अखिलेश सरकार के चुनावी दांव चलते हुए 17 जातियों को एससी में शामिल करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दिखाई थी। चुनाव के लिहाज से इन 17 जातियों का वोट प्रदेश में चुनावी तस्वीर बदलने की स्थिति में हैं। इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल शिल्पकार, मझवार, गौड़, बलदार और तुरैया की उपजाति के रूप में परिभाषित किया गया था। जिन 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों में शामिल किया गया था, प्रदेश में उनकी आबादी 13.63 प्रतिशत है। 13 निषाद जातियों की आबादी 10.25 प्रतिशत है जबकि राजभर 1.32, कुम्हार 1.84 और गोंड़ 0.22 प्रतिशत है। इन जातियों में कहार, कश्यप , केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीमर, बाथम, तुरहा, गोंड, बिंद शामिल थे। इससे पहले 2005 में मुलायम सरकार ने इस संबंध में शासनादेश जारी किया था। हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी तो प्रस्ताव केंद्र को भेजा। 2007 में मायावती सत्ता में आईं तो इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, बाद में खुद पत्र लिखा।

सुलतानपुर: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज कहा कि उनकी सरकार ने अपने चुनाव घोषणापत्र को मुकम्मल तौर पर लागू करके साबित किया है कि समाजवादियों की कथनी और करनी में कोई फर्क नहीं है और आगामी केन्द्रीय बजट में भाजपा सपा सरकार की नकल करेगी। मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा चुनाव के लिये अपने प्रचार अभियान की शुरुआत करते हुए एक रैली में कहा कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पिछली बार जो घोषणापत्र बनाया था, उसे उनकी सरकार ने पूरी तरह लागू किया है। इस बार के घोषणापत्र में प्रदेश और देश को आगे ले जाने वाली जरूरी चीजों को शामिल किया गया है। समाजवादियों की कथनी और करनी में कोई भेद नहीं है। जनता ने मन बना लिया है, अगर कोई जीतेगा तो ‘साइकिल’ (सपा का चुनाव निशान) वाला ही जीतेगा। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में एक पार्टी ने ‘अच्छे दिन’ लाने का झूठा नारा दिया और लोगों ने उस पर भरोसा कर लिया। इसके बदले में जनता को झाड़ू पकड़ा दी गयी और योग करवाया गया। सपा अध्यक्ष ने कहा ‘अब तक तीन साल हो गये। चौथा बजट आने वाला है, मैं जिम्मेदारी से कहता हूं कि जब बजट आएगा तो उसमें हम समाजवादियों की (योजनाओं की) नकल की जाएगी। भाजपा ने तीन बजट दिये, उसमें गरीबों के लिये कोई सार्थक योजना नहीं थी। समाजवादी लोग ही उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाएंगे।’

लखनऊ (जनादेश ब्यूरो): मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाने का फैसला किया है। समाजवादी पार्टी की तीसरी सूची में उनके मुबारकपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा की गई है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश चंद्र उत्तम ने आज (सोमवार) पार्टी के 37 प्रत्याशियों की तीसरी सूची जारी की। गौरतलब है कि अखिलेश यादव इस वक़्त विधान परिषद के सदस्य हैं। 2012 में उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। लेकिन इस बार उन्होंने आम चुनाव लड़ने का फैसला करके मतदाताओं को सकारात्मक संदेश देने का प्रयास किया है। पहले चर्चा थी कि अखिलेश यादव विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे,सपा ने ऐसी अटकलों पर विराम लगाते हुए स्पष्ट कर दिया कि अखिलेश आम चुनाव में शिरकत करके जनता से अपने कामकाज पर मोहर लगवाएंगे। इसके अलावा पार्टी ने मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को लखनऊ कैंट से उम्मीदवार बनाया है। जबकि भाजपा ने इस सीट से कांग्रेस से आईं रीता बहुगुणा जोशी को टिकट दिया है। अपर्णा और जोशी के बीच मुकाबला दिलचस्प माना जा रहा है।रीता जोशी इस सीट से कांग्रेस की वर्तमान विधायक हैं, ये चुनाव वह पाला बदल कर भाजपा के झंडेतले लड़ रही हैं। जबकि अपर्णा यादव को इस सीट से सपा उम्मीदवार करीब एक साल पहले घोषित किया गया था, तभी से वह अपने इस निर्वाचन क्षेत्र में सक्रिय हैं। हांलाकि सपा की आंतरिक घमासान के चलते उनका टिकट कटने की अटकलें लगाई जा रहीं थीं। दिलचस्प पहलू ये है कि ये सीट सपा ने पहले कभी नहीं जीती है।

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