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लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को अपने 209 उम्‍मीदवारों की सूची जारी कर दी। सूची में शिवपाल यादव और आजम खान के नाम शामिल हैं। पार्टी ने पहले 191 उम्‍मीदवारों की सूची जारी की थी और बाद में 18 और उम्‍मीदवारों की सूची जारी की गई। हालांकि अहम यह है कि मुलायम सिंह यादव द्वारा अखिलेश को दी गई सूची में से 12 के नाम काट दिए गए हैं। शिवपाल यादव को उनकी परंपरागत जसवंत नगर सीट से टिकट दिया गया है, जबकि आजम खान रामपुर से चुनाव लड़ेंगे। इनके साथ ही पार्टी ने आजम खान के बेटे अब्‍दुल्‍ला खान को स्‍वार सीट से टिकट दिया है। हालांकि पहली सूची में बेनी प्रसाद वर्मा के बेटे राकेश वर्मा का नाम नहीं था लेकिन दूसरी लिस्‍ट में उन्‍हें भी टिकट दे दिया गया। राकेश को पार्टी ने बहराइच की केसरगंज सीट से उम्‍मीदवार बनाया है जहां से उनके पिता पहले चुनाव लड़ते रहे हैं। मुजफ्फरनगर सीट से गौरव स्‍वरूप, कैराना से नाहिद हस और ब़ढाना से प्रमोद त्‍यागी को उम्‍मीदवार बनाया गया है। मेरठ के सरधना से अतुल प्रधान को टिकट मिला है, जबकि इसी सीट से भाजपा की तरफ से चर्चित नेता संगीत सोम उम्‍मीदवार हैं। गाजियाबाद की सभी सीटों पर पार्टी ने उम्‍मीदवार उतारे हैं, यानी गठबंधन होने पर कांग्रेस इस अहम क्षेत्र की किसी भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ पाएगी। उल्‍लेखनीय है कि साहिबाबाद सीट से बसपा विधायक अमरपाल शर्मा ने पार्टी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया था अौर माना जा रहा था कि यह सीट कांग्रेस को मिलेगी, लेकिन सपा ने स्‍पष्‍ट कर दिया है कि उसका उम्‍मीदवार ही इस सीट से लड़ेगा।

इलाहाबाद: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आज (गुरूवार) उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि उसने कैराना में हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए। कैराना में स्थानीय ताकतवर लोगों द्वारा वसूली की धमकियों और हिंसक हमलों के बाद कथित पलायन से राजनीतिक भूचाल आ गया था। मुख्य न्यायाधीश डीबी भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने राज्य सरकार से दो हफ्ते में अपना जवाब देने और अदालत को सैकड़ों हिन्दुओं के ठहरने के स्थान के बारे में बताने को कहा। ये लोग पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शामली जिले के इस कस्बे से कथित रूप से पलायन कर गये हैं। यह आदेश एक सामाजिक कार्यकर्ता लोकेश खुराना द्वारा दायर जनहित याचिका पर आया जिन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्रालय को कैराना में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की दुर्दशा पर संज्ञान लेने का निर्देश देने तथा उन पर हुए अत्याचार की सीबीआई से जांच कराने का अनुरोध किया। इसकी ‘‘राजनीतिक दबाव में’’ राज्य पुलिस द्वारा कथित रूप से जांच नहीं की जा रही है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक ने इस संबंध में तलब किये जाने के बावजूद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सामने पेश होने से इंकार कर दिया।

लखनऊ: बाहुबली नेता बने और कानपुर छावनी सीट से सपा के प्रत्याशी घोषित किये गये अतीक अहमद ने गुरुवार को कहा कि वह अब चुनाव नहीं लड़ेंगे। अतीक ने यहां संवाददाताओं से कहा कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। मीडिया उन्हें इस कुर्बानी के लिये मजबूर कर रहा है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तो उन्हें चाहते हैं लेकिन मीडिया उनसे पूछता है कि अतीक तो माफिया हैं, फिर उन्हें टिकट क्यों दिया गया है। पूर्व सांसद ने कहा वह कुछ सीटों पर सपा प्रत्याशियों पर मदद करेंगे। वह ऐसा कोई कदम नहीं उठाने जा रहे हैं जिससे सपा का वोट बंटे। वह नहीं चाहते कि उनकी वजह से अखिलेश की छवि बिगड़े। वह चाहते हैं कि अखिलेश ही दोबारा मुख्यमंत्री बनें। मालूम हो कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव द्वारा गत 28 दिसम्बर को जारी पार्टी प्रत्याशियों की सूची में अतीक को कानपुर छावनी सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया गया था। माना जा रहा था कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आपराधिक छवि का होने के कारण उन्हें टिकट देने का विरोध कर रहे थे।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महागठबंधन बनाने की कवायद के बीच सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) ने राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के साथ तालमेल ना करने का फैसला किया है। सपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष किरणमय नन्दा ने बताया कि उनकी पार्टी अजित सिंह की अगुवाई वाले रालोद के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने काफी विचार मंथन के बाद यह फैसला किया है। उन्होंने कहा कि सपा ने कांग्रेस के साथ तालमेल के लिए खुद बात की थी। कांग्रेस से कहा गया था कि वह रालोद से गठबंधन की बात करे। नन्दा ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ तालमेल करके कुल 403 में से करीब 300 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। प्रत्याशियों की सूची के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सपा ने चुनाव के पहले और दूसरे चरण के लिये अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं। अब कांग्रेस को अपने प्रत्याशी तय करने हैं। सीटों के आंकड़े के बारे में विस्तार से पूछे जाने पर नन्दा ने कहा कि इस बारे में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ही तय करेंगे। पार्टी जल्द ही अपना घोषणापत्र भी जारी करेगी। सूत्रों के अनुसार खासकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जनाधार रखने वाला रालोद गठबंधन के तहत ज्यादा सीटें मांग रहा था, मगर सपा इसके लिये तैयार नहीं थी। रालोद के वरिष्ठ नेता अनिल दुबे ने कहा कि हम अपनी पसंद की सीटें मांग रहे हैं, लेकिन उस पर बात बन नहीं रही है। नन्दा ने विश्वास जताया कि चुनाव बाद सपा-कांग्रेस गठबंधन फिर सत्ता में आएगा और अखिलेश यादव एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे।

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