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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मंत्री गायत्री प्रजापति के देश छोड़कर भागने के अंदेशे के चलते देशभर के हवाईअड्डों को अलर्ट पर रखा गया है। प्रजापति पर गैंगरेप और यौन शोषण का आरोप है। सूत्रों ने बताया कि प्रजापति को देश छोड़कर जाने से रोकने के लिए उनके खिलाफ जल्द ही लैटर ऑफ कैंसेलेशन जारी किया जाएगा। लैटर ऑफ कैंसेलेशन का इस्तेमाल किसी भी संदिग्ध के देश छोड़ने के संभावित प्रयास के प्रति आव्रजन अधिकारियों को सचेत करना होता है। वहीं, नेपाल से लगने वाली सीमा की सुरक्षा करने वाले सशस्त्र सीमा बल को भी अलर्ट जारी किया गया है। उधर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि यूपी सरकार जांच में सहयोग कर रही है।

मिर्जापुर: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह चुनाव सपा, बसपा और कांग्रेस से मुक्ति का उत्सव है। उन्होंने कहा कि यूपी अगर अलग देश होता तो जनसंख्या के आधार पर दुनिया का सबसे बड़ा पांचवां देश होता। पीएम मोदी ने कहा कि अगर उत्तर प्रदेश समृद्ध हो जाए तो, देश खुद ही आगे बढ़ जाएगा। उत्तर प्रदेश का चुनाव, 'युवाओं को रोजगार, बहन-बेटियों की सुरक्षा' पर है। उत्तर प्रदेश में 'सबका साथ सबका विकास' मंत्र को लेकर चलना है। पीएम ने सीएम अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि 13 साल पहले मिर्जापुर में पुल निर्माण का आधारशिला रखे थे, लेकिन अभी तक नहीं बना, ये काम नहीं कारनामे बोल रहे हैं। जो अपने पिता की बातों को पूरा नहीं करता हो, वो जनता का काम क्या करेंगे?। राहुल गांधी को भी अपने निशाने पर लेते हुए पीएम ने कहा कि खाट सभा से वहां के लोगों ने खाट उठा कर ले गए, क्योंकि उन्हें मालूम था खाट उन्हीं की है। उन्होंने कहा कि 11 मार्च को जनता ने तार बिछा रखा है, उससे सपा-बसपा और कांग्रेस को करंट लगने वाला है। उन्होंने कहा कि खटिया हो या कटिया, आप तो यहां से जाने वाले है, जनता ने मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि अखिलेश जी का 'काम बोलता है' या मिर्जापुर का पत्थर बोलता है। बहन जी मिर्जापुर की पत्थरों में आज भी खड़ी हैं।

गाजीपुर: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज (शुक्रवार) अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री पर तंज कसते हुए कहा की 3 साल में प्रधानमंत्री ने क्या किया जनता को बताएं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री हमसे पांच साल का हिसाब पूछ रहे हैं, हम अपना काम बताने को तैयार हैं और अपने काम के बूते ही जनता से वोट मांग रहे हैं । क्या प्रधानमंत्री तीन साल का हिसाब देंगे। अखिलेश यादव 7 वें चरण का चुनाव प्रचार कर रहे हैं। वह गाजीपुर जनपद के सैदपुर से विधानसभा क्षेत्र सपा प्रत्याशी सुभाष पासी के पक्ष में अमुवारा कला भीमा पार के मैदान में चुनावी सभा को संबोधित किया। भाषण के दौरान अखिलेश ने पीएम की मन की बात पर तंज कसते हुए कहा कि वे बस टीवी और रेडियो पर मन की बात करते हैं, लेकिन काम की बात कब करेंगे। लोग वो सुनना चाहते हैं। मोदी के सूट पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे नकल की बात करते हैं, लेकिन क्या वे बताते हैं कि उनका सूट किसकी नकल से बनवाया गया है। यही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री के नक़ल वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा की मोदी के मंच पर नक़ल माफिया खुद मौजूद था. प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा की मोदी सरकार ने रसोई गैस और सिलेंडर महंगी कर दी है। काम न करना उनका कारनामा है। सपा के कामों का ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा कि हमने 55 लाख महिलाओं को पेंशन दी है।

लखीमपुर खीरी: कर्फ़्यू के बाद शहर में हालात सामान्य हैं। एसएसपी मनोज झा गश्त कर रहे हैं। आईडी-कमिश्नर देर रात से डेरा डाले हुए हैं। आज शांति समिति की बैठक बुलाई गई है। जिसमें सभी धर्मगुरु सौहार्द बनाए रखने की अपील करेंगे। इससे पहले, तराई का शांत और मस्तमौला शहर लखीमपुर खीरी 33 साल बाद फिर कर्फ्यू झेल रहा है। 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद जब पूरे देश में हालात बिगड़े थे तो लखीमपुर में भी बवाल के बीच कर्फ्यू लगा था। फिर कभी इस शहर के अमन पर आंच नहीं आई थी। राम मंदिर आंदोलन के दौरान भी यहां की शांति पूरे प्रदेश के लिए मिसाल बनी थी। अब दो लड़कों ने ऐसी खुराफात कर डाली कि शहर प्रदर्शन, हंगामे, उपद्रव के बाद कर्फ्यू का दंश झेल रहा है। स्थानीय लोग बताते हैं कि 1984 में लखीमपुर शहर में तब कर्फ्यू लगा था, जब प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के बाद देशभर में बवाल हुए थे। इंदिरा की मौत पर गुस्साए लोग यहां सड़कों पर उतर आए थे। उस वक्त शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन को शहर में कर्फ्यू लगाना पड़ा था। 33 साल बाद गुरुवार को अचानक जब लोगों ने कर्फ्यू की बात सुनी तो दंग रह गए। दरअसल सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक वीडियो जारी होने के बाद शहर का माहौल एकदम बिगड़ गया। हालांकि जिला प्रशासन ने फौरन कार्रवाई करते हुए आपत्तिजनक वीडियो जारी करने वालों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया लेकिन आक्रोशित लोग सड़कों पर उतर आए।

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