लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काम संभालने के तीसरे दिन भी अपने चुनावी वादों को पूरा करने की कवायद जारी रखी है, और इसी क्रम में उन्होंने बुधवार को पुलिस अधिकारियों से बूचड़खाने बंद करने का एक्शन प्लान तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने पशुओं की तस्करी को पूरी तरह बंद करने के भी आदेश दिए, और कहा कि ऐसे मामलों में कतई ढिलाई न की जाए, या 'ज़ीरो टॉलरेन्स' की नीति अपनाई जाए। अधिकारियों का कहना है कि यह प्रतिबंध सिर्फ अवैध बूचड़खानों पर ही लागू होगा। पिछले दो दिनों के भीतर कथित रूप से बिना अनुमति के इलाहाबाद, वाराणसी, आगरा तथा गाज़ियाबाद में चलाए जा रहे बूचड़खाने बंद कर दिए गए हैं। ऐसी ख़बरें हैं कि पूरे राज्य में इस तरह के बूचड़खानों की जांच की जा रही है। हाल ही में शानदार बहुमत पाने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में कहा था कि वह अवैध बूचड़खानों और बड़े मशीनी कसाईखानों को बंद कर देगी, लेकिन पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रचार के दौरान कहा कि उनका लक्ष्य बूचड़खानों को बंद करने का है, जिसकी वजह से उलझन पैदा हुई कि वह सिर्फ अवैध बूचड़खानों की बात कर रहे हैं या नहीं। बीजेपी के घोषणापत्र में पशु तस्करी खत्म करने पर भी फोकस किया गया था, और इसे यूपी में डेयरी उद्योग के नाकाम रहने की वजह बताया गया था।
पार्टी ने कहा था कि पिछली समाजवादी पार्टी सरकार के कार्यकाल में 'पशुसंख्या में गिरावट' आई। अपने आदेश में योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को असामाजिक तत्वों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने चेताया है कि पुलिस सुरक्षा को 'स्टेटस सिम्बल' के रूप में इस्तेमाल कर रहे लोगों पर नज़र रखी जाएगा, और उनके सामने मौजूद खतरे की समीक्षा कर उनकी सुरक्षा का स्तर बदला भी जा सकता है।