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वाराणसी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में स्वच्छ गंगा सम्मलेन में ग्राम प्रधानों को संबोधित करते हुए कहा कि गंगा हम सबकी मां है, इसका अपमान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गंगा को साफ रखने की जो योजना बनाई गई थी, वो राज्यों के असहयोग के चलते असफल हो गई। उन्होंने अपील की कि गंगा में कोई भी ऐसी सामग्री न डालें, जिससे गंगा गंदी हो। उन्होंने कहा कि गंगा के किनारे कुंड बनाकर उसमें पूजा का सामान अर्पित करना चाहिए, गंगा नदी में नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा, 'गंगा सनातन संस्कृति की प्रतीक है. इसका अपमान राष्ट्रद्रोह के समान है।' योगी ने प्रदेश के 25 ग्राम प्रधानों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और कहा कि गंगा को साफ करने के लिए जनसहयोग की जरूरत है, इसलिए प्रदेश के उन पंचायत प्रतिनिधियों को इस सम्मलेन में बुलाया गया, जो पंचायत गंगा किनारे हैं। 25 जनपदों के 1627 गांव गंगा के किनारे हैं। गंगा को साफ करने में इनकी बड़ी भूमिका हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारे शहरों और कस्बों के गंदे पानी को गंगा में गिरने से रोकना होगा। गंगा किनारे बसे गांवों से मैं अपील करूंगा कि वे अपने गांव में वृक्षारोपण करें, सरकार उनका सहयोग करेगी। गंगा में कपड़े फेंकना, पैसे डालना, पूजा का सामान डालना और गंदगी के तमाम दूसरे तरीकों को खत्म करना होगा।'

सहारनपुर: जिला प्रशासन से इजाजत नहीं मिलने बावजूद सड़क मार्ग से सहारनपुर के लिए दिल्ली से निकले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार दोपहर उत्तर प्रदेश-हरियाणा बॉर्डर पर स्थित सरसावा पहुंचे जहां उन्होंने कुछ पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और यूपी कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर भी उनके साथ मौजूद रहे। सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव के पीड़ितों से मिलने सहारनपुर जाने की कोशिश कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पुलिस और प्रशासन ने हरियाणा बॉर्डर पर यमुना पुल पर ही रोक लिया। विरोध में राहुल गांधी ने करीब एक किलोमीटर की पदयात्रा की और एक ढाबे पर मीडिया के लोगों से बातचीत की। राहुल गांधी ने कहा कि आज के हिंदुस्तान में गरीब, कमजोर के लिए जगह नहीं है। दलितों को दबाया जा रहा है, ये पूरे हिंदुस्तान में हो रहा है केवल यूपी ही नहीं पूरे हिंदुस्तान में डर फैलाया गया है। मोदी सरकार सिर्फ केवल अमीर लोगों की बात मानती है। मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वह शब्बीरपुर के लोगों का हाल जानना चाहते थे लेकिन उन्हें गांव में नहीं जाने दिया गया। पुलिस वहां जाने क्या छिपाना चाहती है। राहुल ने बताया कि डीएम और एसएसपी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जैसे ही शब्बीरपुर के हालात सामान्य होंगे, वह स्वयं उन्हें गांव लेकर जाएंगे।

लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने गैंगरेप मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके दो सहयोगियों विकास वर्मा एवं अमरेन्द्र सिंह को अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा 25 अप्रैल को प्रदत्त जमानत आज (शुक्रवार) रद्द कर दी। अदालत जमानत के फैसले पर स्थगनादेश पहले ही दे चुकी थी। अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा जिस ढंग से जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की गयी, न्यायमूर्ति ए पी साही ने उस पर भी सवाल उठाया। पीठ ने कहा कि अपर सत्र न्यायाधीश ने पाक्सो कानून के प्रावधानों और उसके प्रभावों को लेकर चर्चा नहीं की। एक महिला ने लखनउ के गौतम पल्ली थाने में दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया कि प्रजापति और उसके सहयोगियों ने उसे खनन लाइसेंस देने के बहाने बरसों तक उसके साथ बलात्कार किया और अब उनकी गंदी नजर उसकी बेटी पर भी है। उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद एफआईआर दर्ज की गयी थी। अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि अपर सत्र न्यायाधीश ने तीनों आरोपियों को जल्दबाजी में जमानत दे दी थी।

लखनऊ: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में जाने से रोक दिया गया है। सहारनपुर जिला प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार किया है। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) बबलू कुमार ने बताया कि राहुल को सहारनपुर आने की अनुमति नहीं दी गई है। बबलू कुमार को एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे के स्थान पर लाया गया है, जिन्हें सहारनपुर की जातीय हिंसा और संघर्ष के मद्देनजर 24 मई को निलंबित कर दिया गया था। राहुल गांधी का कल शब्बीरपुर गांव जाने का कार्यक्रम था, जहां पांच मई को दलितों के मकानों को आग लगाई गई थी। बसपा सुप्रीमो मायावती सहारनपुर हो आई थीं। उन्होंने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार पर कानून व्यवस्था बनाये रखने में विफल रहने का आरोप लगाया है। सहारनपुर में इस महीने कई बार जातीय संघर्ष देखने को मिला. करीब 40 दिन पहले अंबेडकर जयंती पर जुलूस के दौरान हिंसा भड़क उठी थी. पांच मई को दो समुदायों के बीच संघर्ष में एक व्यक्ति मारा गया और 15 अन्य घायल हो गये। नौ मई को करीब दर्जन भर पुलिस वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया और 12 पुलिसकर्मी घायल हो गये जबकि 23 मई को एक अन्य व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि दो अन्य को घायल कर दिया गया।

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