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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में सदन के भीतर हाल ही में विस्फोटक पदार्थ बरामद हुआ था। इस मामले की जांच एनआईए से कराने के लिए योगी सरकार ने सदन से इजाजत मांगी थी। इसकी इजाजत विधानसभा अध्यक्ष ने दे भी दी। अब स्थानीय खुफिया एजेंसियों एवं अधिकारियों की नींद उड़ी हुई है। आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) के साथ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीमें इस मामले की जांच करने में जुट गई हैं। एनआईए की टीम शुक्रवार देर रात विधानसभा पहुंची थी। राजधानी लखनऊ के विधान भवन में विस्फोटक मिलने का मामला लखनऊ के हजरतगंज में स्थित कोतवाली में शुक्रवार शाम को दर्ज कराया गया है। एसएसपी दीपक कुमार के साथ विधानसभा के मार्शल मनीष चंद्र राय ने विस्फोटक पदार्थ मिलने के मामले में तहरीर दी है। इससे पहले एसएसपी ने विधानसभा के चीफ मार्शल मनीष चंद्र राय के साथ विधानसभा की सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया। विस्फोटक की बरामदगी के मामले में मार्शल की तरफ से तहरीर पर मामला दर्ज किया गया है। कोतवाली में धारा 16,18, 20 के तहत मामला दर्ज हुआ है। साथ ही इस मामले में धारा 121 ए और 120 बी के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।

लखनऊ: यूपी विधानसभा में अंदर 12 जुलाई को मिला सफेद पाउडर विस्फोटक है। एंटी माइनिंग और डॉग स्क्वॉड की टीम जब विधानसभा के अंदर जांच कर रही थी तो इसी दौरान उन्हें सफेद पाउडर मिला था। इस पाउडर को फॉरेंसिंक जांच के लिए भेज दिया गया। जांच में पता चला है कि यह पाउडर प्लास्टिक एक्सप्लोसिव है, लेकिन यह डेटोनेटर के साथ ही काम करती है, इससे अलग से विस्फोट नहीं होता। यह विस्फोटक उसी जगह पर रखा था, जहां तमाम पार्टियों के नेता बैठते हैं। इस लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी। यह विपक्ष वाली लाइन में मिला था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 150 ग्राम पीईटीएन मिला है। यह एक पुड़िया में मिला। विस्फोटक मिलना चिंताजनक है। यह एक खतरनाक साजिश का हिस्सा है। जो इस साजिश के पीछे हैं, उनका पर्दाफाश होना जरूरी है। मैं विपक्षी दलों से इस मामले में सहयोग की अपील करता हूं। उन्होंने इसकी जांच एनआईए से करवाने की बात कही। कुछ लोग शरारत पर उतर आए हैं, उन्हें सबक सीखाने की जरूरत है। योगी ने कहा कि विधानसभा के भीतर बिना पास की एंट्री बंद होनी चाहिए। सदन के सभी सदस्य सुरक्षा संबंधी गाइडलाइंस को फॉलो करें।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के नोटबंदी और जीएसटी से जनता उलझ कर रह गई है। भाजपा सरकार की सच्चाई धीरे-धीरे जनता के सामने आने लगी है। उनके बजट में जनता के हित में कुछ भी नहीं है। अखिलेश ने लंदन से लौटने के बाद गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जीएसटी व्यवस्था किसी की समझ में नहीं आ रही है। यह बड़े कारोबारियों के फायदे के लिए है। यूपी सरकार की किसानों की कर्जमाफी भूलभुलैया की भेंट चढ़ जाएगी। यह किसानों के साथ धोखा है। समाजवादी सरकार की जनहित की योजनाएं एक-एक कर बंद की जा रही हैं। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार 'मंत्र' से ही सभी समस्याओं का समाधान कर देगी। उन्होंने कहा कि भाजपा का उद्देश्य वोट के लिए नफरत फैलाना है। उसके झूठ फैलाने से लड़ाई है। यह बड़ी लड़ाई है। भाजपा ने दिवाली और रमजान, श्मशान और कब्रिस्तान के सवाल उठाकर जनता को भ्रमित किया। भाजपा राज में अपराध बढ़े हैं।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ यूपी राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआईडीसी) की वित्तीय जांच (ऑडिट) नियंत्रक एवं लेखा महारीक्षक (सीएजी) से कराने का फैसला किया है। औद्योगिक विकास विभाग ने इस संबंध में सीएजी के अकाउंटेंट जनरल को पत्र भेजा है। सीएजी ने पिछली अखिलेश यादव सरकार में औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के ऑडिट की अनुमति मांगी थी, जो नहीं मिली थी। प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक सिन्हा ने सीएजी की अकाउंटेंट जनरल विनीता मिश्रा को पत्र लिखकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के साथ यूपी राज्य औद्योगिक विकास निगम की भी सीएजी जांच कराने के सरकार के निर्णय की जानकारी दी है। सिन्हा ने सरकार के निर्णय की जानकारी सीईओ नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण व यूपीएसआईडीसी के एमडी को भी दे दी है।

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