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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ यूपी राज्य औद्योगिक विकास निगम (यूपीएसआईडीसी) की वित्तीय जांच (ऑडिट) नियंत्रक एवं लेखा महारीक्षक (सीएजी) से कराने का फैसला किया है। औद्योगिक विकास विभाग ने इस संबंध में सीएजी के अकाउंटेंट जनरल को पत्र भेजा है। सीएजी ने पिछली अखिलेश यादव सरकार में औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के ऑडिट की अनुमति मांगी थी, जो नहीं मिली थी। प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक सिन्हा ने सीएजी की अकाउंटेंट जनरल विनीता मिश्रा को पत्र लिखकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के साथ यूपी राज्य औद्योगिक विकास निगम की भी सीएजी जांच कराने के सरकार के निर्णय की जानकारी दी है। सिन्हा ने सरकार के निर्णय की जानकारी सीईओ नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण व यूपीएसआईडीसी के एमडी को भी दे दी है।

अवस्थापना व औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना का कहना है कि पिछली सपा सरकार ने भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी है। औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के साथ-साथ यूपीएसआईडीसी की सीएजी जांच इसी मुहिम का हिस्सा है। सरकार कहीं भी भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगी।

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