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मुंबई: कानपुर कांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर में मार गिराए जाने के बाद शनिवार को मुंबई एटीएस ने उसके एक करीबी समेत दो को गिरफ्तार किया है। इन दोनों के नाम अरविंद उर्फ गुड्डन त्रिवेदी और उसका ड्राइवर सोनू तिवारी हैं। गुड्डन पर बिकरू कांड में कानपुर पुलिस ने 50 हजार का इनाम घोषित कर रखा था। मुंबई एटीएस ने दोनों को जुहू इलाके से गिरफ्तार किया है। गुड्डन जिला पंचायत सदस्य है और कानपुर देहात का रहने वाला है। आठ पुलिस कर्मियों की हत्या में दर्ज एफआईआर में पुलिस ने इसे भी नामजद किया है। बिकरू कांड के बाद से फरार चल रहा था। महाराष्ट्र एटीएस ने बताया कि 11 जुलाई को मुंबई एटीएस यूनिट को पता चला कि कानपुर एनकाउंटर का एक आरोपी ठाणे में है और छिपने की कोशिश कर रहा है। इसके बाद उसे ढूंढने के लिए ऑपरेशन चलाया गया। उसे और उसके ड्राइवर को ठाणे से गिरफ्तार कर लिया गया।

कानपुर के बिकरू गांव में हुए एनकाउंटर के बाद से ही पुलिस को मुख्य आरोपी विकास दुबे की तलाश थी। उसपर पुलिस ने पांच लाख रुपये का इनाम भी रखा था। इसके बाद उसे 09 जुलाई को मध्य प्रदेश के उज्जैन से पुलिस ने पकड़ लिया था।

लखनऊ: विकास दुबे एनकाउंटर पर विपक्ष लगातार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर हावी है। इस एनकाउंटर पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं विकास दुबे की मदद करने वाले लोगों को बचाने के आरोप भी लग रहे हैं। यहां तक कि इस मामले की न्यायिक जांच की मांग भी उठने लगी है। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इस मामले में योगी सरकार पर हमला करते हुए न्यायिक जांच की मांग की है।

प्रियंका गांधी ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि 'उप्र की कानून-व्यवस्था बदतर हो चुकी है। राजनेता-अपराधी गठजोड़ प्रदेश पर हावी है। कानपुर कांड में इस गठजोड़ की सांठ-गांठ खुलकर सामने आई। कौन-कौन लोग इस तरह के अपराधी की परवरिश में शामिल हैं- ये सच सामने आना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज से पूरे कांड की न्यायिक जांंच होनी चाहिए।' इसके पहले प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट भी करके विकास दुबे को संरक्षण देने का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि 'अपराधी तो खत्म, लेकिन अपराधी को संरक्षण देने वालों का क्या?'

नई दिल्ली: विकास दुबे की फरारी से लेकर गिरफ्तारी और उसके बाद उसका एनकाउंटर में मारा जाना यूपी पुलिस पर कई सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। यह सवाल न सिर्फ विपक्ष उठा रहा है बल्कि कुछ अधिकारी भी उठा रहे हैं और इस एनकाउंटर को दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे हैं। ऐसे ही एक अधिकारी हैं आईपीएस अमिताभ ठाकुर जिनका लगभग एक दिन पुराना ट्वीट विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने इस ट्वीट में बताया था कि विकास दुबे गिरफ्तार हो चुका है और अब वह कैसे मारा जाएगा।

आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने गुरुवार को ट्वीट किया था, 'विकास दुबे का सरेंडर हो गया। हो सकता है कल वह यूपी पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश करे, मारा जाए। इस तरह विकास दुबे चैप्टर क्लोज हो जायेगा, किंतु मेरी निगाह में असल जरूरत इस कांड से सामने आई यूपी पुलिस के अंदर की गंदगी को ईमानदारी से देखते हुए उसपर निष्पक्ष/कठोर कार्यवाही करना है।' अमिताभ ठाकुर के इस ट्वीट को कई लोग रीट्वीट कर रहे हैं और यूपी पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं।

नई दिल्ली: विकास दुबे आज सुबह उज्जैन से यूपी लाते वक्त पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। इस घटना के बारे में अब लगातार नई जानकारियां आ रही हैं। इनमें से सबसे नई जानकारी यह निकलकर सामने आई है कि मीडिया की वो गाड़ियां जो एसटीएफ के काफिले के पीछे चल रही थीं, उन्हें घटनास्थल से 30-32 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया था। बताया जा रहा है कि विकास दुबे को उज्जैन से जिस गाड़ी में लाया जा रहा था, झांसी के करीब आकर उसे दूसरी गाड़ी में शिफ्ट किया गया। हालांकि इसका कारण नहीं पता चल सका है कि ऐसा क्यों किया गया। 

विकास दुबे पहले टाटा सफारी में था, जबकि जो गाड़ी पलटी वो टीयूवी300 थी। विकास दुबे को उज्जैन से लाते समय कानपुर देहात के बारा टोल प्लाजा पर पूरा ट्रैफिक रोक दिया गया। इसमें मीडिया की गाड़ियां भी थीं। जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि ऐसा क्यों किया जा रहा है तो पुलिस ने जवाब नहीं दिया सिर्फ मीडिया को वहीं रोक दिया। यहां से तीस से बत्तीस किमी दूर कानपुर के सचेंडी थाना इलाके में किसान नगर नहर के पास गाड़ी पलटने के बाद मुठभेड़ हुई, जिसमें विकास मारा गया। यह पूरी घटना पुलिस पर कई सवाल खड़े कर रही है।

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