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नई दिल्ली: विकास दुबे की फरारी से लेकर गिरफ्तारी और उसके बाद उसका एनकाउंटर में मारा जाना यूपी पुलिस पर कई सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। यह सवाल न सिर्फ विपक्ष उठा रहा है बल्कि कुछ अधिकारी भी उठा रहे हैं और इस एनकाउंटर को दुर्भाग्यपूर्ण बता रहे हैं। ऐसे ही एक अधिकारी हैं आईपीएस अमिताभ ठाकुर जिनका लगभग एक दिन पुराना ट्वीट विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद तेजी से वायरल हो रहा है। उन्होंने इस ट्वीट में बताया था कि विकास दुबे गिरफ्तार हो चुका है और अब वह कैसे मारा जाएगा।

आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने गुरुवार को ट्वीट किया था, 'विकास दुबे का सरेंडर हो गया। हो सकता है कल वह यूपी पुलिस कस्टडी से भागने की कोशिश करे, मारा जाए। इस तरह विकास दुबे चैप्टर क्लोज हो जायेगा, किंतु मेरी निगाह में असल जरूरत इस कांड से सामने आई यूपी पुलिस के अंदर की गंदगी को ईमानदारी से देखते हुए उसपर निष्पक्ष/कठोर कार्यवाही करना है।' अमिताभ ठाकुर के इस ट्वीट को कई लोग रीट्वीट कर रहे हैं और यूपी पुलिस पर सवाल उठा रहे हैं।

नई दिल्ली: विकास दुबे आज सुबह उज्जैन से यूपी लाते वक्त पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। इस घटना के बारे में अब लगातार नई जानकारियां आ रही हैं। इनमें से सबसे नई जानकारी यह निकलकर सामने आई है कि मीडिया की वो गाड़ियां जो एसटीएफ के काफिले के पीछे चल रही थीं, उन्हें घटनास्थल से 30-32 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया था। बताया जा रहा है कि विकास दुबे को उज्जैन से जिस गाड़ी में लाया जा रहा था, झांसी के करीब आकर उसे दूसरी गाड़ी में शिफ्ट किया गया। हालांकि इसका कारण नहीं पता चल सका है कि ऐसा क्यों किया गया। 

विकास दुबे पहले टाटा सफारी में था, जबकि जो गाड़ी पलटी वो टीयूवी300 थी। विकास दुबे को उज्जैन से लाते समय कानपुर देहात के बारा टोल प्लाजा पर पूरा ट्रैफिक रोक दिया गया। इसमें मीडिया की गाड़ियां भी थीं। जब मीडियाकर्मियों ने पूछा कि ऐसा क्यों किया जा रहा है तो पुलिस ने जवाब नहीं दिया सिर्फ मीडिया को वहीं रोक दिया। यहां से तीस से बत्तीस किमी दूर कानपुर के सचेंडी थाना इलाके में किसान नगर नहर के पास गाड़ी पलटने के बाद मुठभेड़ हुई, जिसमें विकास मारा गया। यह पूरी घटना पुलिस पर कई सवाल खड़े कर रही है।

कानपुर: कानपुर के बिकरू गांव में सीओ सहित आठ पुलिस वालों की हत्या करने वाले पांच लाख का इनामी विकास दुबे एनकाउंटर शुक्रवार सुबह पुलिस एनकाउंटर में ढेर हो गया है। यूपी एसटीएफ विकास को उज्जैन से कानपुर ला रही थी तभी आज सुबह एसटीएफ के काफिले की एक गाड़ी पलट गई। इसके बाद विकास दुबे ने हथियार छीकर भागने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस से उसकी मुठभेड़ हो गई। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे बुरी तरह जख्मी हो गया था। उसके सीने और कमर में चार गोली लगीं। गंभीर हालत में विकास को कानपुर के हैलट अस्पताल लाया गया, जहां सुबह 7:55 बजे डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने विकास के मारे जाने की पुष्टि की।

कानपुर के एसपी वेस्ट डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि पुलिस वाहन पलटने के बाद पिस्टल छीन कर विकास दुबे भागने लगा। एसकार्ट में पीछे लगी गाडिय़ों में तैनात कानपुर एसटीएफ और पुलिस के जवानों ने घेराबंदी की और विकास को सरेंडर करने को कहा, लेकिन वह नहीं माना और पुलिस पर फायरिंग करने लगा। जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से घायल विकास की हैलट अस्पताल में मौत हो गई।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के खूंखार अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर की अचानक खबर आने को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं। अब आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो जाएगा। इसी के साथ ही यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने राज्य की योगी सरकार पर इस एनकाउंटर को लेकर आरोप लगाए हैं। उन्होंने एनकाउंटर की खबर सामने आने के बाद कहा है कि यह एनकाउंटर सरकार को बचाने के लिए किया गया है। 

अखिलेश ने ट्विट कर कहा कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बच गई है। अखिलेश यादव ने गुरुवार को विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद भी योगी सरकार पर सवाल उठाया था। उन्होंने विकास दुबे की गिरफ्तारी को सरेंडर होने का शक जताया था। उन्होंने कहा था कि सरकार स्पष्ट करे कि यह गिरफ्तारी है या फिर आत्मसमर्पण। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा था, 'खबर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड' का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है। अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी। साथ ही उसके मोबाइल की सीडीआर सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।'

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