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उज्जैन: उत्तर प्रदेश के कानपुर में पिछले हफ्ते आठ पुलिसकर्मियों को घेरकर बेरहमी से हत्या करने के आरोपी कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को उज्जैन में गिरफ्तार कर लिया गया है। विकास दुबे उज्जैन के महाकाल में दर्शन के लिए गया था, तभी वहां के गार्ड ने पहचाना। जिसके बाद वहां की पुलिस एक्शन में आई और उसे वहीं धर लिया। कानपुर के चौबेपुर में घटना को अंजाम देकर फरार विकास पहले दिल्ली-एनसीआर पहुंचा, लेकिन पुलिस की जबरदस्त दबिश के बाद वह मध्यप्रदेश के उज्जैन पहुंचा, जहां उसे एमपी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

बताया जा रहा है कि गुरुवार सुबह वह 8 बजे महाकाल मंदिर परिसर पहुंचा, वहां प्रसाद की एक दुकान पर पहुंचा। दुकानदार को शक हुआ। उसने मंदिर सिक्योरिटी को बताया। जब पूजा करके वो बाहर निकला तो सिक्योरिटी वाले उसे लेकर आये। आईडी दिखाने को कहा जो किसी और के नाम से बनी थी। जब सिक्योरिटी ने ज्यादा पूछा तो वो मारपीट करने लगा। थाने लेकर आये तो उसने कबूल कर लिया। इससे पहले सूचना आई थी कि उज्जैन में महाकाल मंदिर में दर्शन करने गया था। वहां गार्ड ने उसे पहचान लिया। जब सुरक्षा गार्ड ने नाम पूछा तो उसने विकास दुबे बताया, इसके बाद गार्ड ने पुलिस को जानकारी दी कि विकास दुबे मंदिर में बैठा है।

कानपुर: कानपुर केस में विकास दुबे के लिए मुखबिरी के शक में चौबेपुर थाने के सस्पेंड चल रहे एसओ विनय तिवारी और बीट प्रभारी केके शर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जांच टीम को शक है कि विनय तिवारी ने ही विकास दुबे को इस बात की जानकारी दी थी कि रात में उसको पकड़ने के लिए टीम आने वाली है। इसके बाद विकास ने पुलिस पर हमला करने की योेजना बनाई और आठ पुलिस वाले इस हमले में मारे गए। आईजी मोहित अग्रवाल और एसएसपी दिनेश कुमार पी ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है।

कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी ने कहा कि जांच के दौरान पाया गया कि विनय तिवारी और केके शर्मा ने ही पुलिस कार्रवाई की जानकारी पहले ही विकास दुबे को दे दी। सूचना मिल जाने पर उसने अपनी तैयारी कर ली और हमारी टीम पर हमला कर दिया, जिसमें अधिकारी समेत आठ पुलिसकर्मियों की जान चली गई। जांच के बाद हमने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। एसएसपी ने कहा कि कोई भी पुलिस के काम में बाधा डालेगा, चाहे वह पुलिस वाला ही क्यों न हो, हम कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे। विनय तिवारी शुरू से ही इस मामले में शक के घेरे में था।

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के छह दिन बाद वारदात के मुख्य आरोपी विकास दुबे का करीबी बुधवार की सुबह हमीरपुर जिले में पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़़ में मारा गया। विकास दुबे का साथी अमर दुबे हमीरपुर के मौदहा कोतवाली क्षेत्र के इंगोहटा मार्ग पर एक मुठभेड़ में मारा गया है। जिले की पुलिस ने तड़के करीब चार बजे मार अमर को ढेर किया। मुठभेड़ में  मौदहा कोतवाली प्रभारी मनोज कुमार शुक्ला घायल हुए हैं। अमर दुबे पर 25000 रुपये का इनाम घोषित था और वह पिछले हफ्ते चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में बदमाशों द्वारा घात लगाकर आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में शामिल था।

एक अधिकारी ने बताया कि इस जघन्य वारदात का मुख्य आरोपी ढाई लाख का इनामी गैंगस्टर विकास दुबे अब भी फरार है। उसकी तलाश में पुलिस की अनेक टीमें लगी हुई हैं। इससे पहले, कानपुर के बिकरू गांव में यूपी पुलिस के डीएसपी समेत आठ कमिर्यों की हत्या करने वाला ढाई लाख रुपये का इनामी बदमाश विकास दुबे मंगलवार को पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था।

कानपुर: कानपुर कांड को लेकर बिकरूकांड में चौबेपुर थानेदार की भूमिका संदिग्ध पाए जाने के बाद एसएसपी ने मंगलवार देर रात थाने पर तैनात सभी दरोगा, मुख्य आरक्षी तथा सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है। लाइन में तैनात पुलिस कर्मचारियों को चौबेपुर थाने पर तैनाती कर दी है। सभी को रात में ही आमद कराने के आदेश दिए गए हैं। बिकरू गांव में विकास की तलाश में छापा मारने गए सीओ, इंपेक्टर समेत 8 पुलिस कर्मचारियों की हत्या के बाद तत्कालीन थानेदार विनय तिवारी, दरोगा कुंवर पाल सिंह, केके शर्मा और सिपाही राजीव निलंबित कर दिए गए थे। दोनों दरोगा और सिपाही बिकरू गांव के बीट इंचार्ज रह चुके हैं। इन सभी पर कुख्यात अपराधी विकास दुबे की मदद का आरोप है।

अपने बयान में दरोगा केके शर्मा ने स्वीकार किया कि विकास ने एक दिन पहले ही फोन पर धमकी दी थी कि उनके यहां कोई आया तो जिंदा बचकर नहीं जाएगा। यह जानकारी उन्होंने थानेदार रहे विनय तिवारी को दी लेकिन कोई सतर्कता नहीं बरती गई। उच्चाधिकारियों को सूचना नहीं दी गई। जांच में यह भी पता चला कि छापेमारी की सूचना शाम को 8 बजे ही विकास दुबे को चौबेपुर थाने से दी गई थी।

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