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लखनऊ: उ.प्र. पावर कारपोरेशन द्वारा नये स्लैब पर जो प्रस्तावित टैरिफ नियामक आयोग में दाखिल किया गया है उससे कारपोरेशन की आय में कोई वृद्धि नहीं हो रही है। कारपोरेशन को उम्मीद है कि आयोग में दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यक्ता (एआरआर) स्वीकृत होने पर आय में वृद्धि के रास्ते खुलेंगे। माना जा रहा है कि एआरआर स्वीकृत होने पर सात फीसदी तक टैरिफ बढ़ाने की स्वीकृति मिल सकती है। 

राज्य में विद्युत कनेक्शन के लिए वर्तमान में 80 स्लैब हैं, जिसे कम कर 53 करने का प्रस्ताव कारपोरेशन ने नियामक आयोग में दाखिल किया था। इस प्रस्ताव पर टैरिफ स्पष्ट करने का निर्देश मिलने के बाद कारपोरेशन ने आयोग में प्रस्तावित टैरिफ भी प्रस्तुत किया। जिसके बाद आयोग ने प्रस्तावित स्लैब और टैरिफ का प्रकाशन समाचार पत्रों में कराने का आदेश दिया है। टैरिफ में कई श्रेणी के उपभोक्ताओं को नुकसान होता दिख रहा है तो कुछ को अच्छा खासा फायदा भी हो रहा है। लेकिन यह नफा-नुकसान तब होगा जब नियामक आयोग से यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाएगा। 

लखनऊ: बिजली चोरी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सरकार कड़े कदम उठा रही है। अब हर जिले में बिजली चोरी रोकने के लिए एक-एक बिजली थाना अलग से स्थापित होगा। प्रवर्तन दलों की संख्या 33 से बढ़ाकर 88 कर दी गई है। इनमें से 53 प्रवर्तन दल क्रियाशील भी कर दिए गए हैं। हर जिले में एंटी पॉवर थेफ्ट पुलिस थाना बनाने का फैसला जनसंख्या वृद्धि के साथ ही बिजली उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखकर लिया गया है। 

63 जिलों में क्रियाशील कर दिए गए हैं बिजली थाने

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि पहले बिजली चोरी से संबंधित अपराध जिलों के थानों में दर्ज किए जाते थे, काम का अधिक दबाव होने के कारण पुलिस इस मामले में अपेक्षित काम नहीं कर पा रही थी। जिसके बाद उ.प्र. पावर कारपोरेशन लि. के अधीन सतर्कता इकाई द्वारा सभी जिलों में एक-एक बिजली थाना स्थापित करने का फैसला लिया गया है। इनमें से 63 थानों पर अपराधों का पंजीकरण तथा विवेचना का काम शुरू किया जा चुका है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोविड-19 से 57 और लोगों की मौत हो गई तथा 5571 नए लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य में संक्रमण से 57 और लोगों की मौत हो गई इनमें सबसे ज्यादा आठ मौतें लखनऊ में हुई हैं। इसके अलावा कानपुर नगर में छह, वाराणसी, अयोध्या, शाहजहांपुर तथा हापुड़ में तीन-तीन, प्रयागराज, गोरखपुर, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, देवरिया, जौनपुर, रामपुर तथा फर्रुखाबाद में दो-दो जबकि बलरामपुर, ललितपुर, रायबरेली, मऊ, मैनपुरी, प्रतापगढ़, संत कबीर नगर, उन्नाव, लखीमपुर खीरी, हरदोई तथा झांसी में कोविड-19 संक्रमित एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। प्रदेश में अब तक इस संक्रमण से 3,542 लोगों की मौत हो चुकी है।

रिपोर्ट के मुताबिक इस अवधि में राज्य में 5,571 नए मरीजों में कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है। सबसे ज्यादा 760 नए मामले लखनऊ में आए हैं। इसके अलावा कानपुर नगर में 370, गोरखपुर में 315 और प्रयागराज में 301 नए मरीज मिले हैं।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार लोकतंत्र मिटाओ मिशन पर पूरी तैयारी से लग गई है। असहमति और विरोध के हर स्वर को कुचलने की उसने ठान ली है। एक ओर वह नीट-जेईई की परीक्षा कराकर लाखों छात्रों की जिंदगी दांव पर लगा रही है तो दूसरी ओर भूमि विकास बैंक के चुनाव में लोकतंत्र का मखौल उड़ाने में उसे जरा भी लोकलाज नहीं है।

अखिलेश ने मंगलवार को जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार ने धोखाधड़ी से ही अपने साढ़े तीन साल काट लिए हैं। नौजवानों की जिंदगी को अंधेरे में ढकेलने के लिए वह हर सम्भव प्रयास कर रही है। उनको रोजगार देने का झांसा दिया गया। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के दौर में नीट-जेईई की परीक्षाएं कराकर उन्हें संक्रमण का शिकार बनने को छोड़ा जा रहा है जबकि क्लैट की परीक्षा टाल दी गई है। लखनऊ और प्रयागराज में जब समाजवादी नौजवानों ने इस विसंगति पर जब विरोध में आवाज उठाई तो उन पर भाजपा की राज्य सरकार ने लाठियां बरसाईं। जनता सब जानती है और वह 2022 में भाजपाई बुलेट का जवाब बैलेट से देने का मन बना चुकी है। 

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