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लखनऊ: राजधानी के गौतमपल्ली में मुख्यमंत्री आवास के पास रेलवे में आईआरटीएस अधिकारी राजीव दत्त बाजपेई की पत्नी व बेटे की शनिवार को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या का खुलासा हो गया। रेलवे अधिकारी की बेटी ने ही अपनी मां और भाई की हत्या की थी। बताया जा रहा है कि बेटी कई दिनाें से डिप्रेशन में थी। पुलिस के अनुसार पांच गोली चली हैं। दो मां को मारी, एक भाई को और दो गोली कमरे में मिली है। 

दोनों के शव सरकारी बंगले के पिछले कमरे में बेड पर पड़े मिले। हाई सिक्योरिटी जोन में दोहरी हत्या की सूचना से महकमे में हड़कम्प मच गया। आननफानन में पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। इस बीच डीजीपी एचसी अवस्थी व एडीजी भी घटनास्थल पहुंचे और जायजा लिया। शुरुआती पड़ताल में पुलिस ने लूटपाट की बात से इनकार किया है।

पुलिस कमिश्नर सुजीत पाण्डेय ने बताया कि रेलवे अधिकारी आरडी बाजपेई दिल्ली में तैनात हैं। यहां गौतमपल्ली स्थित रेलवे के सरकारी आवास में उनकी पत्नी मालती, बेटा सर्वदत्त उर्फ शरद बाजपेई और बेटी हैं।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आज कानपुर से अपहृत  संजीत यादव के पिता चमन सिंह, मां श्रीमती कुसमा देवी तथा बहन सुश्री रूचि यादव ने भेंट कर उनसे न्याय दिलाने का आग्रह किया। आपको याद दिला दें कि संजीत यादव का 22 जून 2020 को अपहरण हुआ था, 26 जून 2020 को फिरौती मांगी गई, 28 जून 2020 को पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज किया। अब तक संजीत की लाश भी नहीं मिली है। पीड़ित परिवार का कहना था कि पुलिस निष्पक्ष जांच के बजाय उल्टे परिवारीजनों को ही परेशान कर रही है। सरकार इस अपहरण और हत्याकाण्ड का आज तक खुलासा भी नहीं कर सकी है। इतनी बुरी सरकार दुबारा सत्ता में नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा हम और क्या कर सकते हैं अपने बेटे की याद में दीपक जलाते रहेंगे।

अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को सांत्वना देते हुए कहा कि दुःख की इस घड़ी में वे पीड़ित परिवार के साथ हैं। परिवार को न्याय मिलना चाहिए। साथ ही उन्होंने मांग की कि सरकार इस परिवार को 50 लाख रूपये की मदद दे तथा परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी भी दे।

लखनऊ: अब विदेशों से हवाई जहाज से आने वाले प्रदेशवासियों को सात दिन के लिए किसी होटल या सरकार के  क्वारंटाइन आश्रय स्थलों पर नहीं रहना पड़ेगा लेकिन ये केवल गर्भवती महिलाओं  या घर में किसी परिजन की मृत्यु हो जाने पर या परिजन गंभीर बीमारी का शिकार हो या फिर यात्री के साथ 10 साल से छोटे बच्चे हों। 

यह जानकारी अपर मुख्य सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने  अपर मुख्य सचिव गृह व सूचना अवनीश अवस्थी के साथ एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में दी। ऐसे यात्री सीधे घर आकर वहां ही अपनी क्वारंटाइन अवधि बिता सकते हैं। इसके साथ ही अन्य यात्री भी यात्रा करने से 96 घंटे के अन्दर आरटीपीसीआर से की गई निगेटिव कोरोना जांच रिपोर्ट अपने साथ लाते हैं तो उन्हें भी सात दिन तक सरकारी आश्रय स्थलों या होटल में रहने की जरूरत नहीं होगी। वे भी सीधे घर आ सकते हैं। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है लेकिन अब भी राज्य के 17 जिलों के 893 गांव प्रभावित हैं। प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल ने गुरुवार को बताया कि राज्य में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है और 17 जिलों के 893 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। इनमें से 562 गांव पूरी तरह बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।

उन्होंने कहा कि स्थिति में थोड़ा सुधार है। बुधवार को राज्य के 19 जिलों के 922 से ज्यादा गांव सैलाब से प्रभावित थे और 571 पूरी तरह बाढ़ के पानी से घिरे थे। गोयल ने बताया कि बाढ़ प्रभावित जिलों में अंबेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रुखाबाद, गोंडा, गोरखपुर, कासगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, मऊ, शाहजहांपुर और सीतापुर शामिल है।

राहत आयुक्त ने बताया कि पीलीभीत और संतकबीर नगर जिलों में बाढ़ की स्थिति में सुधार हुआ है। उन्होंने बताया कि पलियां कला लखीमपुर खीरी में शारदा नदी, श्रावस्ती में राप्ती नदी, अयोध्या में सरयू नदी और बलिया में तुर्तीपार का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चल रहा है।

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