लखनऊ: उ.प्र. पावर कारपोरेशन द्वारा नये स्लैब पर जो प्रस्तावित टैरिफ नियामक आयोग में दाखिल किया गया है उससे कारपोरेशन की आय में कोई वृद्धि नहीं हो रही है। कारपोरेशन को उम्मीद है कि आयोग में दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यक्ता (एआरआर) स्वीकृत होने पर आय में वृद्धि के रास्ते खुलेंगे। माना जा रहा है कि एआरआर स्वीकृत होने पर सात फीसदी तक टैरिफ बढ़ाने की स्वीकृति मिल सकती है।
राज्य में विद्युत कनेक्शन के लिए वर्तमान में 80 स्लैब हैं, जिसे कम कर 53 करने का प्रस्ताव कारपोरेशन ने नियामक आयोग में दाखिल किया था। इस प्रस्ताव पर टैरिफ स्पष्ट करने का निर्देश मिलने के बाद कारपोरेशन ने आयोग में प्रस्तावित टैरिफ भी प्रस्तुत किया। जिसके बाद आयोग ने प्रस्तावित स्लैब और टैरिफ का प्रकाशन समाचार पत्रों में कराने का आदेश दिया है। टैरिफ में कई श्रेणी के उपभोक्ताओं को नुकसान होता दिख रहा है तो कुछ को अच्छा खासा फायदा भी हो रहा है। लेकिन यह नफा-नुकसान तब होगा जब नियामक आयोग से यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाएगा।
उपभोक्ताओं के नजरिये से नफा नुकसान वाले प्रस्तावित टैरिफ के बाद भी पावर कारपोरेशन की आय में इससे कोई वृद्धि नहीं हो रही है। कारपोरेशन के चेयरमैन व प्रमुख सचिव ऊर्जा अरविंद कुमार का कहना है कि इस प्रस्ताव में स्लैब और टैरिफ को व्यवस्थित करने की व्यवस्था है। कारपोरेशन की आय में कोई वृद्धि नहीं हो रही है। कारपोरेशन की नजर एआरआर की स्वीकृति पर है।