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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि जब वे और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा हाथरस जाने के लिए दिल्‍ली और उत्‍तर प्रदेश के बीच हाईवे पर थे तो उनके काफिले को रोका गया और उन्‍हें धक्‍का दिया, लाठीचार्ज किया गया। राहुल और प्रियंका, हाथरस गैंगरेप की पीडि़त के परिजनों से मिलने के लिए हाथरस जा रहे थे। गैंगरेप पीडि़त की मंगलवार को दिल्‍ली के एक अस्‍पताल में मौत हो गई थी और पुलिस ने रात में ही उसका अंतिम संस्‍कार कर दिया। परिवार भी अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका। इसे लेकर लोगों में काफी गुस्‍सा है।

पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा, 'अभी पुलिस ने मुझे धक्‍का दिया, मुझ पर लाठीचार्ज किया और मुझे जमीन पर गिरा दिया। मैं पूछना चाहिता हूं कि क्‍या केवल मोदी जी ही देश में चल सकते हैं? क्‍या सामान्‍य आदमी सड़क पर नहीं चल सकता, हमारे वाहन को रोका गया, इसलिए हमने चलना शुरू कर दिया।'' कांग्रेस नेता की इस 'यात्रा' से पहले यूपी प्रशासन ने लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध लागू कर दिया था और कोरोना वायरस का हवाला देते हुए सीमा पर बैरिकेड लगा दिए थे।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाथरस के बाद बलरामपुर में बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार व हत्या के मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अखिलेश ने बुधवार रात ट्वीट किया, हाथरस के बाद अब बलरामपुर में भी एक बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार और उत्पीड़न का घृणित अपराध हुआ है। घायलावस्था में पीड़िता की मृत्यु हो गई है। श्रद्धांजलि! भाजपा सरकार बलरामपुर में हाथरस जैसी लापरवाही व लीपापोती न करे और अपराधियों पर तत्काल कार्रवाई करे।

इससे पहले हाथरस की घटना पर अखिलेश ने कहा था कि हाथरस की बेटी का जबरन दाह संस्‍कार सबूत मिटाने की कोशिश है। ऐसा करके भाजपा सरकार ने पाप भी किया है और अपराध भी।अपने अधिकारिक हैंडल पर सपा मुखिया ने लिखा-'हाथरस की बेटी बलात्कार-हत्याकांड’ में शासन के दबाव में, परिवार की अनुमति बिना, रात्रि में पुलिस द्वारा अंतिम संस्कार करवाना, संस्कारों के विरुद्ध है। ये सबूतों को मिटाने का घोर निंदनीय कृत्य है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक दलित युवती से गैंगरेप और उसकी निर्मम हत्या को लेकर देश में आक्रोश व्याप्त है। इसी बीच, इसी तरह का एक और मामला राज्य के बलरामपुर जिले से सामने आया है। हाथरस से करीब 500 किमी की दूरी पर 22 वर्षीय दलित युवती के साथ भी दरिंदों ने गैगरेप किया फिर उसकी बुरी तरह से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई। यह वाकया मंगलवार (29 सितंबर) की शाम का है, जब देश का ध्यान दिल्ली के सफदरजंग में हाथरस की युवती की मौत पर केंद्रित था और पुलिस उसकी लाश उसके गांव ले जाने में लगी थी।

बलरामपुर की युवती की मौत उस वक्त हो गई, जब उसे इलाज के लिए लखनऊ अस्पताल लाया जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गैंगरेप की पुष्टि हुई है। सूत्रों ने ये भी बताया कि पीड़ित के शरीर पर कई जगह घाव और चोट के निशान थे। मृतक युवती के भाई ने बताया है कि पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, उनमें से एक नाबालिग है।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस गैंगरेप पीड़िता के परिजनों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। बुधवार शाम को हुई बातचीत में सीएम योगी ने न्याय का भरोसा दिलाया। आज सुबह ही पीएम मोदी ने भी इस मामले पर सीएम योगी से बात कर आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की बात कही थी। इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने पीड़िता के परिजनों को 25 लाख रुपए की मदद, घर और सरकारी नौकरी देने का एलान किया है।

गैंगरेप पीड़िता की मौत और देर रात को हुए अंतिम संस्कार को लेकर लोगों में काफी आक्रोश है। वहीं राज्य की योगी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। देर रात हुए अंतिम संस्कार को लेकर विपक्ष का कहना है कि पुलिस ने साक्ष्य को मिटाने के लिए परिजनों की गैरमौजूदगी में अंतिम संस्कार कर दिया। वहीं पुलिस और प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है।

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