लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी सबसे बड़े खनन घोटाले में फंसते नजर आ रहे हैं। इस मामले में सीबीआई पूर्व मुख्यमंत्री से पूछताछ करेगी। जिस वक्त यह घोटाला हुआ उस वक्त अखिलेश के पास ही खनन मंत्रालय था। सीबीआई इस मामले में उनकी भूमिका की जांच करेगी। इस मामले में सीबीआई ने 12 जगहों पर पड़ताल की है। अखिलेश यादव के कार्यकाल के दौरान गायत्री प्रसाद प्रजापति की सरपरस्ती में यह अवैध खनन का घोटाला सौ करोड़ से अधिक का था। अखिलेश यादव के साथ-साथ उस अवधि में जितने भी मंत्री थे सभी जांच के दायरे में आएंगे।
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में हुए अवैध खनन घोटाला मामले में सीबीआई ने शनिवार को तत्कालीन डीएम बी.चन्द्रकला के लखनऊ आवास पर छापा मारा था। यहां सीबीआई की टीम ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किये। इस मामले को लेकर विजय द्विवेदी ने याचिका दायर की थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंप दी थी।
इस मामले में तात्कालीन डीएम के साथ तीन वरिष्ठ अधिकारियों से भी पूछताछ की गयी है। अखिलेश यादव के कार्यकाल में ही बी, चंद्रकला की बतौर जिलाधिकारी पोस्टिंग हमीरपुर जिले में हुई थी। इसी दौरान कि जुलाई 2012 के बाद हमीरपुर जिले में 50 मौरंग के खनन के पट्टे किये थे।
आरोप है कि ई-टेंडर के जरिये स्वीकृति ना करके नियमों की अनदेखी की गयी थी। हाईकोर्ट ने 16 अक्टूबर 2015 को हमीरपुर में जारी किये गये। सभी 60 मौरंग खनन के पट्टे अवैध घोषित करते हुए रद कर दिया था। कोर्ट के आदेश के बाद भी इस इलाके से अवैध खनन किया गया था।