लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अपना दल (एस) की पार्टी ऑफिस के लिए बंगला आवंटित किए जाने की मांग को ठुकरा दिया है। अपना दल पहले से ही भाजपा से नाराज चल रहा है। अब बुधवार को योगी सरकार के इस फैसले के बाद दोनों दलों में तल्खी और बढ़ सकती है। एस्टेट ऑफिसर योगेश शुक्ला ने कहा, 'अपना दल (एस) पंजीकृत पार्टी है, मान्यता प्राप्त पार्टी नहीं। नियमों के मुताबिक पार्टी ऑफिस के लिए सरकारी बिल्डिंग केवल मान्यता प्राप्त पार्टी को ही आवंटित की जा सकती है।'
नवंबर माह में योगी सरकार ने माल अवेन्यू में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल को दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का बंगला आवंटित किया था। एस्टेट डिपार्टमेंट ने पटेल से कहा था कि वह पार्टी के कामकाज भी इसी बंगले में मैनेज करें। लेकिन पटेल ने कहा था कि उन्हें यह बंगला रहने के लिए चाहिए। उन्हें पार्टी ऑफिस के लिए अलग बंगला चाहिए। भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) के नौ विधायक हैं और दो सांसद...। अपना दल के कोटे से उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में एक ही राज्यमंत्री हैं, जय कुमार सिंह 'जैकी'।
भाजपा और अपना दल में संगठन स्तर पर तालमेल नहीं
अपना दल और भाजपा के संगठन स्तर पर भी बेहतर तालमेल नहीं है। मसलन, कहीं जिला संगठन से दिक्कतें हैं तो कहीं विधायकों में सामंजस्य नहीं है। इसे नजरअंदाज भी कर दिया जाए तो शिकवे और भी हैं। अपना दल को शिकायत रहती है कि अधिकारी चाहे पुलिस अधीक्षक हों या फिर डीएम, अपना दल के पदाधिकारियों की सिफारिशें नहीं सुनी जा रहीं। आयोगों में होने वाली तैनातियों में भी अपना दल की मांग पर ध्यान नहीं दिया गया। एक शिकवा यह भी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में अनुप्रिया पटेल को राज्यमंत्री का दर्जा मिला है लेकिन विभाग में उन्हें कोई महत्वपूर्ण काम नहीं दिया गया। यही नहीं इस नाराजगी के पीछे ज्यादा और मनमाफिक सीटों पर दावेदारी के लिए दांवपेच भी माना जा रहा है।