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मेरठ: आईएसआई एजेंट होने के शक में 15 साल पहले पकड़ी गई महिला सुरैया की लाश मंगलवार को खतौली गंगनहर किनारे बोरे में बंद मिली। हत्यारों ने रस्सी से गला घोटकर उसकी हत्या की और हाथ-पैर बांधकर लाश को बोरे में बंद कर गंगनहर किनारे फेंक दिया। हत्यारोपियों ने उधार रुपये लौटाने के बहाने महिला को घर बुलाया और वारदात को अंजाम दे डाला। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

खतौली के ढाकन चौक निवासी सुरैया बेगम मेरठ में लिसाड़ी गेट क्षेत्र के 60 फुटा रोड निवासी हिस्ट्रीशीटर अखलाक उर्फ ट्रैक्टर की बीवी थी। वह 15 साल पहले पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की एजेंट होने के शक में पकड़ी गई थी। कुछ समय तक जेल में रही, लेकिन आरोप पुष्ट नहीं होने पर बरी हो गई। सुरैया ने खतौली में जायदा नामक महिला को तीन लाख रुपये उधार दिए थे। इन रुपयों को लेने के लिए वह 17 दिसंबर को मेरठ से खतौली गई थी। 17 की रात खतौली मायके में रुकी और 18 दिसंबर की सुबह नौ बजे जायदा के घर जाने को निकल गई। इसके बाद से उसका कुछ पता नहीं चल पाया। खुफिया एजेंसियां और पुलिस उसकी खोजबीन में जुटी थी।

मंगलवार को सर्विलांस के जरिये खतौली पुलिस टीम इस्लामनगर में इमरान के मकान पर पहुंची। इमरान मूल रूप से फलावदा के कुरैशियान का रहने वाला है। पुलिस ने यहां से इमरान सहित किराएदार झिंझाना निवासी नवाब और उसकी पत्नी जायदा को हिरासत में ले लिया। सख्ती से पूछताछ में तीनों ने सुरैया की हत्या करना कुबूल किया। अभियुक्तों की निशानदेही पर खतौली पुलिस ने सुरैया की लाश गंगनहर पटरी कांवड़ मार्ग पर अंडरपास के पास एक बोरे से बरामद कर ली। सुरैया की गर्दन पर रस्सी के निशान थे और उसके हाथ-पैर रस्सी से बंधे हुए थे।

रुपये लौटने के बहाने कर दी हत्या

हत्यारोपी नवाब ने बताया कि वर्ष 2014 में बेटी की शादी के लिए सुरैया से 20 हजार रुपये उधार लिए थे। चार साल के दौरान वह एक लाख रुपये सुरैया को दे चुका था, इसके बावजूद उस पर 28 हजार रुपये बकाया बताए जा रहे थे। सुरैया बार-बार पुलिस में शिकायत कर जेल भिजवाने की धमकी देती थी। इससे परेशान होकर नवाब ने रुपये लौटाने के बहाने सुरैया को 18 दिसंबर को घर पर बुला लिया। कुछ देर बातें करने के बाद तीनों अभियुक्तों ने रस्सी का फंदा बनाकर सुरैया के गले में डाल दिया और उसकी हत्या कर दी। दिन में हत्या करने के बाद वे अंधेरा होने का इंतजार करते रहे। आधी रात के बाद हत्यारोपियों ने शव को बोरी में डाला और रिक्शे में रखकर उसे गंगनहर किनारे फेंक आए। हत्यारोपियों की मंशा बहते हुए पानी में बोरी फेंकने की थी, लेकिन बोरी पानी में नहीं गिर पाई और झाड़ियों में अटक गई।

अंतिम कॉल से हत्यारोपियों तक पहुंची

पुलिस खतौली थाने के इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि सुरैया ने मोबाइल बंद करने से पहले अंतिम बार कॉल इमरान को की थी। तीन अन्य कॉल थी। पुलिस ने इन्हीं नंबरों की छानबीन कराई तो इमरान, नवाब और जायदा पर शक गहरा गया। सर्विलांस के जरिये पुलिस तीनों हत्यारोपियों तक पहुंच पाई। ----सुरैया ने खतौली से लड़ा था चेयरमैनी का चुनाव सुरैया बेगम खतौली की चर्चित महिला थी। हमेशा नेताओं के सम्पर्क में रहने से चर्चाओं में रहती थी। वह नेलोपा से वर्ष 2012 में नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव भी लड़ी थी। उस चुनाव में सुरैया को करीब दो सौ वोट मिले थे।

अखलाक ट्रैक्टर पर जताया था हत्या का शक

सुरैया के लापता होते ही उसके बेटों ने अपने सौतेले पिता अखलाक उर्फ ट्रैक्टर पर शक जाहिर किया था। सुरैया के बेटों का कहना था कि उनका सौतेला पिता अखलाक उर्फ ट्रैक्टर लिसाड़ी गेट थाने का हिस्ट्रीशीटर है और पुत्रवधु से रेप के मामले में मेरठ जेल में बंद है। सुरैया के बेटे ने बताया कि अखलाक के बेटे इस मुकदमे की रंजिश में उनकी मां का मर्डर कर सकते हैं।

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