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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2019-20 में यानी एक अप्रैल 2019 से शराब की बिक्री सुबह साढ़े नौ बजे से रात 11 बजे तक होगी। पहले यह समयसीमा दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक थी। योगी कैबिनेट ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए आबकारी नीति मंजूर कर दी। इसमें शराब के दाम में कोई बदलाव नहीं किया गया है, लेकिन इसकी बिक्री बिना कोड स्कैन किए नहीं की जा सकेगी। आबकारी मंत्री जय प्रताप सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 29,302 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसकी प्राप्ति के लिए शराब बिक्री की निर्धारित समय सीमा बढ़ाई गई है। अब शराब की बिक्री तीन घंटे अधिक होगी।

साथ ही बताया कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महाराजा रेलगाड़ी में शैंपेन ब्रेकफास्ट और पांच सितारा होटलों में विदेशी पर्यटकों के लिए विशेष ब्रेकफास्ट के लिए ओकेजनल बार में सुबह 9 बजे से शराब परोसी जा सकेगी। इसके अलावा पाश्च्युराइज्ड/बॉटल्ड बीयर के स्थान पर ताजी बियर की मांग को देखते हुए अन्य राज्यों की तरह माइक्रो ब्रिवरीज अनुमन्य किया गया है।

दो वर्ष के लिए दिए जा सकेंगे लाइसेंस

आबकारी मंत्री ने बताया कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत विभिन्न दुकानदार जिनके लाइसेंस की वैधता एक वर्ष है, से वार्षिक लाइसेंस फीस को दोगुना लेते हुए इसे एकमुश्त दो वर्ष के लिए किया जा सकेगा। नई दुकानों के सृजन के लिए आबकारी आयुक्त को अब 10 प्रतिशत के स्थान पर केवल एक प्रतिशत और मॉडल शॉप की दुकानों को दो प्रतिशत दुकानों के सृजन का अधिकार होगा। इससे अधिक की आवश्यकता पर शासन की अनुमति लेनी होगी।

ई-लॉटरी से होगा भांग की दुकानों का आवंटन

अब भांग की दुकानों का आवंटन भी ई-लॉटरी के जरिये होगा। पहले भांग की दुकानों का आवंटन टेंडर और नीलामी से होता था। एक जिले में एक व्यक्ति को अधिकतम दो दुकानें ही आवंटित की जाएंगी। वहीं, शराब की दुकानों के आवंटन के लिए सह आवेदक की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। यहां भी एक आवेदक को एक जिले में दो से अधिक दुकानें आवंटित नहीं की जाएंगी। इसके अलावा दुकानों के आवेदन के लिए हैसियत प्रमाणपत्र के स्थान पर इंकम टैक्स वैल्यूएटर द्वारा दिए गए प्रमाणपत्र भी मान्य होंगे।

सप्लाई में की देरी तो आसवानी पर लगेगा जुर्माना

आबकारी मंत्री ने बताया कि थोक दुकानों पर पाए जाने वाली अनियमितता और निर्धारित शर्तों के उल्लंघन के मामलों में आसवानियों पर अब जुर्माना भी लगाया जाएगा। इसके तहत आसवानियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि आपूर्ति इंडेंट प्राप्ति से 3 दिन के भीतर करनी होगी। इससे अधिक समय लगने पर संबंधित राजस्व का 0.5 प्रतिशत प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त इंडेंट प्राप्ति के दो दिन के भीतर सन्निहित प्रतिफल शुल्क को राजकोष में जमा न किए जाने पर पांच हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगेगा।

ट्रैक एंड ट्रेस के लिए लेंगे निजी कंपनियों की मदद

विभागीय मंत्री ने बताया कि शराब की बोतलों के ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम की व्यवस्था लागू की गई थी, जो पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई है। अभी तक यह काम एनआईसी कर रही थी, लेकिन इसे सुचारु रूप से व्यवस्थित करने के लिए प्रोफेशनल कंपनी की मदद ली जाएगी।

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